Santosh Shrivastava 757 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next Santosh Shrivastava 3 Oct 2019 · 1 min read निःशब्द एक भाषा कह देते है निःशब्द भी बहुत कुछ मौन रह कर भी हो जाते है निष्ठुर कभी संवेदनहीन कभी आंसुओं में खो जाते हैं कभी है निःशब्द विचित्र कहानी तेरी बंद... Hindi · कविता 1 188 Share Santosh Shrivastava 2 Oct 2019 · 1 min read जय जवान-जय किसान हो चाहे ठंड, गर्मी या बरसात डटे हैं देश की सीमा और खेतों पर मान दो सम्मान दो करो वंदना इनकी ये हैं भारत के जय जवान जय किसान स्वलिखित... Hindi · मुक्तक 278 Share Santosh Shrivastava 1 Oct 2019 · 2 min read नवरात्र कन्या भोजन देवकी नवरात्र में कन्या भोजन कर रही थी । उसने अपने पति राकेश , जो सड़क निर्माण विभाग में इंजीनियर हैं, को आवाज दे कर बुलाया और कहा : "... Hindi · लघु कथा 1 2 266 Share Santosh Shrivastava 30 Sep 2019 · 1 min read प्यार माँ का है माँ का प्यार अमूल्य है किस्मत वाले जिन्हें मिलता माँ का प्यार माँ ही देवी माँ ही आस्था माँ ही विश्वास माँ ही ईमान माँ ही संसार करों सम्मान... Hindi · कविता 1 407 Share Santosh Shrivastava 29 Sep 2019 · 2 min read सही निर्णय लघुकथा देह दान रामलाल आईसीयू के बिस्तर पर पड़े कभी थोडी चेतना आने पर यहाँ वहाँ देखने लगते और उनके पास खड़े छोटे भाई देवीलाल से पूछते : " बिट्टू... Hindi · लघु कथा 1 282 Share Santosh Shrivastava 28 Sep 2019 · 1 min read श्राद्ध और श्रद्धा श्राद्ध है श्रद्धा करों मन से है नहीं कोई जबर्दस्ती अपने कर्म अपने साथ हैं अच्छा बुरा यहीं रह जाता है नाम अच्छा बुरा रह जाता है स्वलिखित लेखक संतोष... Hindi · कविता 1 392 Share Santosh Shrivastava 28 Sep 2019 · 1 min read जीवन में मंथन है जीवन क्षणभंगुर दिया है प्रभु ने इसे सुन्दर करो काम अच्छे अच्छे करो मंथन सच्चे सच्चे माता पिता ने दिया है जीवन हैं उनके प्रति भी दायित्व हमारे करें... Hindi · कविता 214 Share Santosh Shrivastava 28 Sep 2019 · 1 min read रखो साथ विवेक सदा न खोए विवेक कभी चाहे हो कितना ही मुश्किल समय चलती है जिन्दगी सुगम कर्मठता और ईमानदारी से साथ हो अगर विवेक साथ सोने पे सुहागा हो जाए है दुनियां... Hindi · कविता 1 226 Share Santosh Shrivastava 26 Sep 2019 · 1 min read माँ तूझे नमन सीखा है पसीना बहाना मैंने माँ से न वो थकती है न आराम करती है बस है उसे चिंता घर की कई बार मैंने मन की आँखो से खींचे है... Hindi · कविता 1 283 Share Santosh Shrivastava 26 Sep 2019 · 1 min read एक कटु सत्य ढोते रहे जिन्दगी भर हम अपने नाम को मरने के बाद लोगों ने कहा जला दो लाश को स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 1 1 204 Share Santosh Shrivastava 25 Sep 2019 · 1 min read झंकार दिल को जो कर दे बेचैन वह गीत सुनाता हूँ दिल में जो समा जाए वो संगीत बजाता हूँ ताल और सुरों का है खेल मनोरम गीत जब आये लवों... Hindi · मुक्तक 2 1 502 Share Santosh Shrivastava 24 Sep 2019 · 1 min read पितर पक्ष- महत्व लघुलेख जो बच्चे माता पिता के जीते जी भोजन वस्त्र और शरीर से सेवा करते हैं और स्वर्गवास के बाद भी नियमित भोग अर्पण करते है और पितर पक्ष में विधिवत... Hindi · लेख 2 212 Share Santosh Shrivastava 24 Sep 2019 · 1 min read आस्था विश्वास की नगरी है महादेव की नगरी भरी है यहाँ गंगा ने गगरी है यह हमारा काशी बनारस धार्मिक नगरी भारतीय संस्कृति की पहचान है ये नगरी गूंजते है हर हर महादेव हर... Hindi · कविता 1 163 Share Santosh Shrivastava 23 Sep 2019 · 1 min read मजबूत ईरादे होती है चाह हर किसी की हो औलाद उसकी मजबूत लोह जैसी बनता है लोहा तप कर मजबूत कभी हथियार तो कभी बनाता है दुश्मन से निपटाने को होशियार रहता... Hindi · कविता 1 230 Share Santosh Shrivastava 21 Sep 2019 · 1 min read खुला बाजार दुकानें हजार खुला है बाजार दुकानें हैं हजार कहीं है मेहनतकश कहीं है बदमाश सजी है दुकान बैठी वो सज-धज के रहना था उसे इज्जत से हो रही यहाँ वो बेइज्जत जमाने... Hindi · कविता 2 1 263 Share Santosh Shrivastava 21 Sep 2019 · 2 min read केकई एक चरित्र विडम्बना है कि केकई का चरित्र राम को वनवास जाने का पर्याय माना जा रहा है लेकिन इस मर्म के पीछे मंथरा के चरित्र को अनदेखा किया जाता है बुरा... Hindi · लेख 1 700 Share Santosh Shrivastava 20 Sep 2019 · 1 min read सिंदूर तेरे रूप अनेक पिरामिड विधा 1 ये लगे सुन्दर सजे बिन्दी मांग सिन्दूर ओढ़ी जो चुनरी है बेटी ससुराल 2 है मूल्य सिन्दूर मिटे मांग हो हाहाकार लो आया शहीद घर छाया मातम... Hindi · कविता 284 Share Santosh Shrivastava 19 Sep 2019 · 1 min read महिमा पलकों की पलकें खुलीं लगा सारा जहां अपना सा बंद हुई पलकें न दिखा कोई अपना सा संजोए बैठी दुल्हन सतरंगी सपने बंद किये पलकें आऐगा शहजादा कोई बैठाने पलकों में कोई... Hindi · कविता 281 Share Santosh Shrivastava 18 Sep 2019 · 1 min read मधुर रसमयी जिन्दगी भरो रस जीवन में नीरस पसंद नहीं कोए रसभरी चमचम खाए सब सूखी खाए न कोए है ये जीवन दो दिन का मेला बिताए दिन मधुर रसभरे बंद हो जाएँ... Hindi · कविता 332 Share Santosh Shrivastava 18 Sep 2019 · 1 min read न चली बीवी के आगे (हास्य कविता ) जाता हो शायद ही कोई दिन जिस दिन न होती हो बीवी से भिडन्त टारगेट एक ही वो बोले तो हम नहीं हम बोलें तो वो नहीं थी शादी की... Hindi · कविता 443 Share Santosh Shrivastava 18 Sep 2019 · 1 min read अभिशाप है दहेज है विडम्बना पढ़ी लिखी नौकरी पेशा बेटियां भी है आज दहेज से पीडित चाहिए समाज में दहेज अनेक लेकिन करते लड़के जब प्रेम विवाह लाते क्या दहेज अनेक ????? जाते... Hindi · कविता 205 Share Santosh Shrivastava 17 Sep 2019 · 1 min read धुआँ धुआँ होती जिन्दगी दीये हैं जलने लगे हो रही रोशन ज़िन्दगियाँ है कैसी पहेली ये नीचे अंधेरा ऊपर है धुआँ धुआँ धुआँ हो रही जिन्दगी अपने थे पास तो चिन्गारियाँ थी गये तो... Hindi · कविता 245 Share Santosh Shrivastava 16 Sep 2019 · 1 min read छोड़ो जहर है नशा जीवन में जहर उजड़ जाते परिवार अनेक किया शिव ने बचाने जगत विष पान बन गये वो नीलकंठ होते नहीं सभी सर्प समेटे अपने में जहर भय से... Hindi · कविता 188 Share Santosh Shrivastava 15 Sep 2019 · 1 min read आलसी नही कर्मठ बने आजकल सब जगह गरीबों को मुफ्त खाना रहना बिजली पानी की विडंबनापूर्ण पेशकश की जाती है और की जा रही है जो उचित परिवेश नही है । इससे एक ऐसा... Hindi · लेख 1 288 Share Santosh Shrivastava 14 Sep 2019 · 1 min read हम सब भाषा हिन्दी दिनांक 14/9/19 बात कम काम ज्यादा हो हिन्दी की चिंता कम अपनाये ज्यादा हो चाहे केंद्र या राज्य सरकार या बैंक बीमा हो सभी जगह हिन्दी भाषा न हो भेद... Hindi · कविता 484 Share Santosh Shrivastava 13 Sep 2019 · 1 min read बनों जिम्मेदार लगती नहीं अच्छी बंजर भूमि बनो उत्पादक दो योगदान देश के लिए बनो सहारा माता पिता के बनो भाग्य-विधाता परिवार के करना ही है तो करो कुछ ऐसा बह जाऐ... Hindi · कविता 1 1 227 Share Santosh Shrivastava 13 Sep 2019 · 1 min read माथे सजे बिंदी 1 बिंदी है माथे दमके ये दुल्हन आया सौभाग्य 2 महत्व बिंदी जानती भाषा हिंदी चिंता है चिता 3 माँ जयकारे ललाट पर बिंदी आशीर्वाद माँ स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव... Hindi · हाइकु 1 351 Share Santosh Shrivastava 13 Sep 2019 · 1 min read नालायक बच्चे बच्चों पर बोझ नालायक बच्चों को बुढ़ापे में छूट दी है तो वह और लापरवाह हो रहे है । मुम्बई में एक माँ का बड़े फ्लेट में कंकाल मिलना इसका... Hindi · लघु कथा 525 Share Santosh Shrivastava 12 Sep 2019 · 1 min read दास्ताँ ऐ उम्र उम्र भी बड़ी बैगेरत है दोस्तों जितना भी भूलाओ साल में एक दिन आ ही जाती है संतोष श्रीवास्तव Hindi · मुक्तक 436 Share Santosh Shrivastava 12 Sep 2019 · 1 min read बज उठी शहनाई बज उठी शहनाई दुल्हन शर्माई सपने हो रहे पूरे दूल्हा मन ही मन हर्षाये दिया माता पिता ने आशीर्वाद करे बहन ठिठोली उठाई भाई ने डोली चली ससुराल प्यारी बहना... Hindi · कविता 249 Share Santosh Shrivastava 11 Sep 2019 · 1 min read मत इतरा इतना भी मत इतरा अपनी खूबसूरती पर ऐ जिन्दगी कई चेहरे बदरंग होते देखें है जमाने ने *संतोष श्रीवास्तव* Hindi · मुक्तक 227 Share Santosh Shrivastava 11 Sep 2019 · 1 min read माँ को पहला खत आई जब समझ थोड़ी सोचा लिखूं किसे खत पहला मैं गया था एनसीसी केम्प में रह गयी थी माँ घर अकेली लिखा यूँ खत पहला "मेरी प्यारी माँ पडूँ पैर... Hindi · कविता 204 Share Santosh Shrivastava 10 Sep 2019 · 1 min read ईश - मानव एक पहलू ईश पहलू बजाई जब मधुर बंसी किसन ने वृन्दावन झूम उठा नाची राधा बाबरी बन गऊन दौड़ी किसन ओर हर दिशा हुई खुशहाल चैन की बंसी बजाते रहो किसन होता... Hindi · कविता 222 Share Santosh Shrivastava 9 Sep 2019 · 1 min read मैं शिकार हो गया (हास्य व्यंग्य ) बड़े जब कदम जवानी की तरफ हुंकार यूं उठने लगी मिल जाए कोई हसीना कट जाए जिन्दगी आराम से निकल पड़े शिकार करने हम फेंके जाल बहुत फ॔स गयी मछली... Hindi · कविता 362 Share Santosh Shrivastava 8 Sep 2019 · 1 min read एक विचार यह भी "लघु लेख" भगवान् नहीं कहते मुझे दूध मिठाई पैसे सोना चाँदी चढाओ यह हमारी श्रद्धा भावनाएं हैं भोले नाथ को दूध से अभिषेक मत करो दूध बरवाद होता है मिठाई कौन खाते... Hindi · लेख 491 Share Santosh Shrivastava 7 Sep 2019 · 1 min read सेवा माता पिता की है सबसे बड़ा तीर्थ सेवा माता पिता की जन्मदाता है माँ भाग्य-विधाता है पिता करें जितनी भी सेवा उनकी बाकी सब है तिनका समान ऐसे बच्चे है कलंक जो छोड़... Hindi · कविता 568 Share Santosh Shrivastava 7 Sep 2019 · 1 min read नवोदित लेखक (लघु लेख) जब कोई लेखक अपनी रचना पाठकों के पठन हेतु परोसता है तब वह सिर्फ पढने और तारीफ करने के लिए नही होती है वास्तव में उसकी समीक्षा होती है हर... Hindi · लेख 1 1 369 Share Santosh Shrivastava 6 Sep 2019 · 1 min read जीवन की डोर - जीवन के सूत्र सायली लेखन 1 होती डोरी कमजोर जीवन नैया की टूटे कब अनजान 2 बांधा रक्षा सूत्र है प्यारा बंधन भाई बहन रक्षाबंधन स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 1 203 Share Santosh Shrivastava 5 Sep 2019 · 1 min read शिक्षक हैं भाग्य-विधाता है माता जन्मदाता पिता बनाए कर्म प्रधान शिक्षक है भाग्य-विधाता है शिक्षक की महिमा अपार देते पढाई के साथ साथ अपनत्व और प्यार हर संकट परेशानी से ऊबारे बन दोस्त... Hindi · कविता 398 Share Santosh Shrivastava 5 Sep 2019 · 1 min read मौत - बैचैन नहीं हम हम हँसते रहे मौत को चिढ़ाते रहे वो डराती रही हम खिलखिलाते रहे डरते हैं जो तुझसे वही तो डरेंगे हमें क्या हम हैं मस्तमौला जब कहो कांधे चढेंगे फ़ासला... Hindi · कविता 193 Share Santosh Shrivastava 4 Sep 2019 · 1 min read नारी तेरे रूप अनेक है माँ तुम्हें नमन हो तुम जगत जननी जग पालनी संकट हरण बन जातीं तुम दुर्गा काली करतीं दुष्टों का संहार मिलेगी नहीं गोद मिलेगा नहीं आँचल बिना माँ के... Hindi · कविता 217 Share Santosh Shrivastava 4 Sep 2019 · 2 min read गरीब-अमीर " माँ , देखो आज मेरे साथ कौन आया है ? " चहकते हुए सरिता ने कहा "कौन आया है बेटी , बड़ी खुश दिख रही है ।" सरिता की... Hindi · कहानी 354 Share Santosh Shrivastava 4 Sep 2019 · 1 min read जीवन क्षणभंगुर जीवन क्षणभंगुर है तारीफ़ तभी इन्सान की बात कहे वो संक्षिप्त लेकिन हो वो सारगर्भित है जीवन क्षणभंगुर लघु और अनिश्चित जितना समय बीते परमार्थ में बस उतना ही है... Hindi · कविता 511 Share Santosh Shrivastava 3 Sep 2019 · 1 min read सच्चाई जीवन की है मुश्किल जीवन का सफ़र कटु और कड़वा साथ साथ चले जो सच्चाई से जीवन में उसका ही है बैड़ा पार आती राह में बाधाएं अनेक होते अनुभव कड़वे अनेक... Hindi · कविता 468 Share Santosh Shrivastava 2 Sep 2019 · 1 min read जय गणपति करूँ विनती जोड़ हाथ न छोड़े कभी गणपति साथ है मंगल मूर्ति जग पालनहार नहीं बिसराऊँ पहनाऊॅ मुतियन हार लड्डू मोदक लगाऊँ भोग दूर हो जाऐ सब रोग संताप है... Hindi · कविता 348 Share Santosh Shrivastava 31 Aug 2019 · 2 min read शिक्षा-वरदान आज गाँव के स्कूल को रंग बिरंगे तौरण से खूब सजाया जा रहा था । जिला शिक्षा अधिकारी मुनियां स्कूल में आ रहीं थी। स्कूल में आते ही मुनियां की... Hindi · लघु कथा 351 Share Santosh Shrivastava 29 Aug 2019 · 1 min read पहुँचेगे मंजिल तक है कठिन जीवन यात्रा दुर्गम पथ बीहड़ जंगल पर्वत और नदी नाले हो दृढ़ विश्वास मन में हो सच्ची लगन और मेहनत पहुँचेगे मंजिल अपनी स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · कविता 330 Share Santosh Shrivastava 27 Aug 2019 · 1 min read सामना पत्नी से छंदमुक्त हास्य कविता चार सौ बीस है ये शौध विषय का बना कैसे शब्द चार सौ बीस है खेल ये मजेदार पैसों का कर पत्नी हेराफेरी करे चार सौ बीसी... Hindi · कविता 455 Share Santosh Shrivastava 27 Aug 2019 · 1 min read सामना पत्नी से छंदमुक्त हास्य कविता चार सौ बीस है ये शौध विषय का बना कैसे शब्द चार सौ बीस है खेल ये मजेदार पैसों का कर पत्नी हेराफेरी करे चार सौ बीसी... Hindi · कविता 402 Share Santosh Shrivastava 27 Aug 2019 · 1 min read हौसले हो बुलंद नहीं होती सफलता में बाधक कोई लाचारी लांघ सकते है दिव्यांग भी पर्वत सब चाहिए हिम्मत- हौसला भविष्य बनते हैं माता पिता बच्चों का हो चाहे कोई मजबूरी लड़ता है... Hindi · कविता 555 Share Previous Page 7 Next