ईश – मानव एक पहलू
ईश पहलू
बजाई जब
मधुर बंसी
किसन ने
वृन्दावन
झूम उठा
नाची राधा
बाबरी बन
गऊन दौड़ी
किसन ओर
हर दिशा
हुई खुशहाल
चैन की बंसी
बजाते रहो
किसन
होता रहेगा
वृन्दावन
मस्तहाल
————
मानव पहलू
छोड़ो सारे
झूठ भरेव सब
ईश तरफ
लगाओ मन
करो पूरे
कर्तव्य अपने
होगा जब
सुख चैन
जिन्दगी में
तब बजेगी
चैन की बंसी
जीवन में
—————
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल