पंकज कुमार कर्ण 260 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next पंकज कुमार कर्ण 1 Oct 2021 · 1 min read बापू को क्यों मारा.. बापू को क्यों मारा.. ************** माना तुम्हें , मातृभूमि प्यारी थी; छीन गई, इसकी कई क्यारी थी; तूने आखिर, बापू को क्यों मारा; क्या यही इंसानियत तुम्हारी थी। वो तो... Hindi · कविता 4 947 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Sep 2021 · 1 min read "चांद तो हमारा है" "चांद तो हमारा है" ************ चांद तो, अब से हमारा है; हमको ये , बहुत प्यारा है; हम इसे, सदा खूब देखते; ये भी हमें, चांदनी फेकते। अमावस , जब... Hindi · कविता 3 6 702 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Sep 2021 · 1 min read किताब *किताब* (१० मुक्तक) ________________ ....................१.................... लड़ाई-झगड़ा तुम छोड़ो अब। किताब से नाता , जोड़ो अब। हर-पल देगा , तुम्हें यह काम; जल्दी से पढ़ाई कर लो अब। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° ..................२.................... पढ़ो... Hindi · मुक्तक 3 2 831 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Sep 2021 · 1 min read "रचना प्रांजलमय लगे" "रचना प्रांजलमय लगे" °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° 'कवि', जब-जब लिखते है; पूरा राष्ट्र , उससे सीखते हैं; लेखन में , देशहित दिखता; या , सामाजिक मुद्दा होता। अब ना, किसी का लक्ष्य है;... Hindi · कविता 3 6 591 Share पंकज कुमार कर्ण 26 Sep 2021 · 1 min read घमंडी *घमंडी* (विजेता दर्शन) मैं.......................................हूं .तुम...............................नहीं. ...तरह.........................तरह... .....यही......................बात..... .......सदा ................कही....... .........जरा ............सोच......... .............मत........बन............ ..................घमंडी................. स्वरचित सह मौलिक ......✍️पंकज कर्ण; ..............कटिहार। तिथि: २६/९/२०२१ Hindi · कविता 3 383 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Sep 2021 · 1 min read "भारत जननी है जग की" "भारत जननी है जग की" °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° 'भारत' जननी है, इस जग की; जैसे रवि राजा हैं, पूरे नभ की। 'भारत' सा देश ना मिले दुबारा, पर गैरों को, लगे नहीं... Hindi · कविता 3 729 Share पंकज कुमार कर्ण 20 Sep 2021 · 1 min read "ईश्वर को याद करते जा" "ईश्वर को याद करते जा" (मुक्तक) अब, बस आगे तुम बढ़ते जा। जीवन में तू, अच्छा करते जा। क्या प्रभात है, क्या शुभ रात्रि; ईश्वर को सदा, याद करते जा।... Hindi · मुक्तक 2 692 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Sep 2021 · 1 min read "श्री अनंत चतुर्दशी" *श्री अनंत चतुर्दशी* **************** भाद्र मास , शुक्ल-पक्ष, और तिथि चतुर्दशी; करो पूजा श्री अनंत की, जीवन में हो खुशी। हर संकट से सदा, भगवान श्री अनंत निवारे; ये ही... Hindi · कविता 5 8 953 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Sep 2021 · 1 min read अधिवक्ता *अधिवक्ता* ___________ अदालत की यही तो, शान है; इनकी अलग ही , पहचान है। पहनते ये गले में, उजली बैंड; ये है, पुरानी बैरिस्टरी का ट्रैंड। शरीर पर होती है,... Hindi · कविता 4 1 725 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Sep 2021 · 1 min read नसीहत नसीहत (मुक्तक) °°°°°°°° जनता के कर्म से, नेता सुधरे। माता के करम से, बेटा सुधरे। माने जो बात; पिता की, 'बेटी' तभी हरेक घर की सुता सुधरे। *********************** ......✍️ पंकज... Hindi · मुक्तक 4 644 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Sep 2021 · 2 min read "सब कुछ रेडिमेड है" *सब कुछ रेडिमेड है* ****************** जहां सूट, पैंट व बनता था कुर्ता, उस टेलर में ही लगा अब शेड है; दर्जी को, अब सीने से परहेज है; सब पहनता सब... Hindi · कविता 6 6 917 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2021 · 1 min read "हैप्पी बर्थडे हिन्दी" (हिन्दी दिवस पर विशेष) "हैप्पी बर्थडे हिन्दी" °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° नीचे धरती, ऊपर अम्बर; देखो, फिर आया 14 सितम्बर। बंगाली बोले, तमिल बोले, मराठी बोले, गुजराती बोले, और बोले आज सिन्धी; हैप्पी... Hindi · कविता 9 7 1k Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2021 · 1 min read रोती 'हिंदी'-बिलखती 'भाषा' (हिन्दी दिवस के सुअवसर पर) रोती 'हिंदी'-बिलखती 'भाषा' *********************** रोती 'हिंदी', बिलखती 'भाषा'; टूट रही अब, जन-मन की आशा; कौन बचाएगा, अपने 'हिंदुस्तान' को, सोए हुए देश-भक्ति के, अरमान को।... Hindi · कविता 4 923 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2021 · 2 min read "हिंदी की दशा" हिंदी दिवस के सुअवसर पर एक कविता °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° "हिंदी की दशा" ************ भटकती आत्मा देखो, हिंदी की, आज; 14 सितंबर को, फिर प्रकट हुई। दिवस मनाने की, आनन- फानन में,... Hindi · कविता 3 862 Share पंकज कुमार कर्ण 13 Sep 2021 · 1 min read *जय हिंदी* ⭐⭐⭐ (हिंदी दिवस पर विशेष) *जय हिंदी* ⭐⭐⭐ °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° जो भी करे, निज मात-पिता से प्यार; वह हिंदी पर , कभी भी ना करे प्रहार; हिंदी ही सदा , राष्ट्र में... Hindi · कविता 7 3 1k Share पंकज कुमार कर्ण 13 Sep 2021 · 1 min read *कलम को हम पूजते* ️️ *कलम को हम पूजते* ?️?️?️?️?️?️ कलम को , हम सब पूजते; कलम हमारा , अस्त्र भी है; यही तो , हमारा शस्त्र भी है; इसकी शक्ति , अपरंपार है; यह... Hindi · कविता 5 394 Share पंकज कुमार कर्ण 12 Sep 2021 · 1 min read "पुलिस" "पुलिस" ****** इसकी होती,एक अच्छी सी वर्दी; सर पर टोपी है , कंधों पे है स्टार; किसी संकट में , ना माने ये हार; चुस्त- दुरुस्त रहता है , यह... Hindi · कविता 4 543 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Sep 2021 · 1 min read "आदित्य-उदय" "आदित्य-उदय" ???? जग जा रे , हे जन-मानस; होने वाला है, "आदित्य-उदय" सोयेगा तो , सब कुछ खोएगा; तन-मन भी तेरा , तब रोयेगा। नित्य , प्रथम - प्रकाश से... Hindi · कविता 7 2 895 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Sep 2021 · 1 min read "कलम की शक्ति" कलम की शक्ति (मुक्तक) ******************* हरेक कलम में ही, शक्ति अपार हो। हर लेखन में, सामाजिक सुधार हो। सिर्फ लेखन से ही , होगा कुछ नहीं; यदि लिखने वाला ,... Hindi · मुक्तक 7 877 Share पंकज कुमार कर्ण 5 Sep 2021 · 1 min read गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर ***/*****/********/***** जो भी जीवन के हर गूढ़ सिखाता; साथ- साथ हमें , ज्ञान से नहलाता; वह जन सदा, 'गुरु' की संज्ञा पाता; इसके पास ही ,... Hindi · कविता 6 4 536 Share पंकज कुमार कर्ण 5 Sep 2021 · 1 min read 'गुरु' (शिक्षक दिवस पर विशेष) 'गुरु' ***** नित्य जाओ , घर से गुरुजन तक; ज्ञान पाओ,बचपन से यौवन तक। अच्छे शिष्य बनो , पूरे जीवन तक; सदा शीश झुकाओ,गुरुकदम तक। माता-पिता से मिले , घर... Hindi · कविता 6 612 Share पंकज कुमार कर्ण 3 Sep 2021 · 1 min read देखो, फिर आई है 'बाढ़'... देखो, फिर आई है 'बाढ़'... ⭐⭐⭐⭐⭐⭐ देखो, फिर आई है 'बाढ़'; आखिर क्या करती ये सरकार, सिर्फ लूट-खसोट मचती हर-बार, देखो, फिर आई है 'बाढ़'; हवाई सर्वेक्षण का लेते सदा... Hindi · कविता 4 458 Share पंकज कुमार कर्ण 2 Sep 2021 · 1 min read "समावेशी कविता" *समावेशी कविता*(पहाड़ी दर्शन) >>>>> समावेशी, कविता होती, कभी कहानी रूप, कभी लेख की छाया, इसकी नही कोई काया, कभी कोई ,दुखरा होता है; किसी गद्य का , टुकड़ा होता; लूम-... Hindi · कविता 3 766 Share पंकज कुमार कर्ण 1 Sep 2021 · 1 min read हे, भोले.. हे,भोले..... ⭐⭐⭐⭐ हे, भोले.. ये तेरा नभ, तेरी धरती.. हर नर, तेरा भक्त; हर नारी, भक्ति तेरा करती; सबका जीवन सरल हो जाए, कष्ट कभी न, किसी में समाये; तू... Hindi · गीत 4 4 676 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Aug 2021 · 1 min read "कृष्णा" (श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष) *कृष्णा* ⭐⭐⭐ 'मथुरा' के , जेल में जन्मे; देवकी के, 8 वें संतान ये; 'वासुदेव' पिता थे, इनके; बाद में बन गए, श्याम ये। यशोदा-नंद ने, इन्हें पाला, गोकुल बना... Hindi · कविता 6 4 836 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Aug 2021 · 1 min read "ये संस्कार है" "ये संस्कार है" (मुक्तक) हर ओर दिखता हाहाकार है। संकट में आज, यह संसार है। धर्म-कर्म ही है, मुसीबत बना; इससे ही, मिला ये संस्कार है। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° ..........✍️ पंकज कर्ण... Hindi · मुक्तक 3 566 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Aug 2021 · 1 min read "ऐसा मंजर होगा" *ऐसा मंजर होगा* ************** एक दिन, ऐसा मंजर होगा; जगह -जगह पर घर होगा, आगे, अनजाना डगर होगा, हवा ही , सस्ता जहर होगा; ऐसे बसा हुआ, शहर होगा। एक... Hindi · कविता 5 3 859 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Aug 2021 · 1 min read कर्म *कर्म*(मुक्तक) ************* सबके , सपने तो चकनाचूर है। फिर क्यों , सब घमंड में चूर है। मार्गदर्शन , किया ऐसा किसने; कर्म ही तो जिंदगी का दस्तूर है। ************************* ....... Hindi · मुक्तक 4 1 489 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Aug 2021 · 1 min read *नई शिक्षा नीति और बिहार* *नई शिक्षा नीति और बिहार* ************************* जब आप ,नई शिक्षा नीति बना रहे थे; यहां शिक्षक, न्याय हेतु गिरगिरा रहे थे; तब, शिक्षा सुधारवादी प्रवक्ता कहां थे; उच्च से जीती... Hindi · कविता 3 1 551 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Aug 2021 · 1 min read "शिक्षा नीति और शिक्षक" "शिक्षा नीति और शिक्षक" ******************** देखो, यह समान शिक्षा प्रणाली; बिहारी शिक्षक को, मिले गाली। बच्चों का हो, सर्वांगीण विकास; गुरुजन का हो, सदा ही उपहास। गुरू बिन, मिलता था... Hindi · कविता 4 4 705 Share पंकज कुमार कर्ण 22 Aug 2021 · 1 min read "बीते सावन" बीते सावन (मुक्तक) °°°°°°°°°′°°°°°°°°° बीते सावन , हरबार 'राखी' से। रवि ढले, घर लौटते 'पाखी' से। नियम निराला है ये 'सांसारिक', जीतता न जंग कोई 'साखी' से। ________________________ ....✍️पंकज "कर्ण"... Hindi · मुक्तक 3 905 Share पंकज कुमार कर्ण 22 Aug 2021 · 1 min read "राखी" (रक्षा-बंधन पर विशेष) "राखी" ****** रंग- बिरंगी होती सब राखी; बहनों को खूब , भाती राखी; चंद पैसों में ही, आती राखी; बहन का प्रेम, जताती राखी; बहन चाहे , भाई की भलाई;... Hindi · कविता 6 2 859 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Aug 2021 · 1 min read "गदहा" "गदहा" ****** सीधा साधा, गदहा बेचारा; मुंह न कभी काम से मोड़े। पीठ पर ही बोझा उठाये ; और अपने काम से ये , कभी भी ना घबराये, सब इसको... Hindi · कविता 5 656 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Aug 2021 · 1 min read आजादी (स्वतंत्रता दिवस पर विशेष) "आजादी" मिली हमें यह देश, शहीदों के वारिस में; फिर मिली आजादी, सन सैंतालीस में। इस देश पे कुर्बान, हुए जब लाखों वीर; तब ही टूटी हमारी, दासता की हर... Hindi · कविता 7 3 518 Share पंकज कुमार कर्ण 31 Jul 2021 · 1 min read "साहित्यिक विधा की महिमा" " साहित्यिक विधा की महिमा" ••••••••••••••••••••••••••••••• किसी पर 'कविता' का असर है , किसी पर असर है 'कहानी' का। कहीं, किसी 'छंद' का असर है; तो कहीं, असर अंतर- द्वंद... Hindi · कविता 7 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 31 Jul 2021 · 1 min read "सम्मान होता" सम्मान होता... °°°°°°°°°°°°° वह भी , नही बेईमान होता। अगर,उसमें भी ईमान होता। यदि, स्वार्थी नहीं होता कभी, पाता,जरूर ही सम्मान होता। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° .... ✍️पंकज "कर्ण ...........कटिहार"।। Hindi · मुक्तक 7 339 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Jul 2021 · 1 min read "क्षमता वाला परिणाम" "क्षमता वाला परिणाम” ********************* "बेचारे उसका क्या होगा" जो छुपे रुस्तम होते थे, हर परीक्षा परिणामों में, सभी बोर्ड के नतीजों में अचानक जो टॉपर बनते, जो दिखते नहीं थे... Hindi · कविता 11 2 984 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Jul 2021 · 1 min read "काबिल मत बनो" "काबिल मत बनो" °°°°°°°°°°°°°°°° ज्यादा काबिल, मत बना करो। अपनी बड़ाई, मत किया करो। अब कहां समझदार दिखते हो, समझदारी, मत दिखाया करो। •••••••••••••••••••••••••••••• .. ✍️पंकज "कर्ण" ..........कटिहार।। Hindi · मुक्तक 5 1 807 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Jul 2021 · 1 min read "पानी" "पानी" ****** पानी तो पसरा है , सारा जहां; पर,सबको पानी मिलता कहां। सब मिलकर पानी को बचाइए, हर प्यासे तक, पानी पहुचाइए। पानी को जरूर , शुद्ध कीजिए; शुद्ध... Hindi · कविता 7 2 943 Share पंकज कुमार कर्ण 26 Jul 2021 · 1 min read "बादल"️ "बादल" ☁️☁️ ये बादल, कहां से आता है; कभी मंडराता है, तो कभी, कहीं भी, बरस के जाता है, कभी ये , सूरज को छुपाता, कभी , सूरज से मिट... Hindi · कविता 7 2 714 Share पंकज कुमार कर्ण 25 Jul 2021 · 1 min read हे प्रभु ! (प्रार्थना) हे प्रभु! (प्रार्थना गीत) ????? हे प्रभु! हमको दीजिए, ऐसा ज्ञान..... जिससे, आ सके हम देश के काम; हमें ना कभी, किसी शत्रु का डर हो; हमारे लिए, सच्चाई की... Hindi · गीत 7 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 25 Jul 2021 · 1 min read "घर" "घर" ***** 'घर' सबको, प्यारा होता! ये सबका ही सहारा होता, 'घर'में ढूंढता, सब चैन है; घर में रुकता, सब रैन है। घर ही तो , आवास होता; यहीं, सबका... Hindi · कविता 9 4 499 Share पंकज कुमार कर्ण 24 Jul 2021 · 1 min read 'लोभ'और 'लालच' 'लोभ'और 'लालच' ०००००००००००० लोभ-लालच है ,'भाई सौतेला', एक की 'मम्मी' है , 'अहंकारी'; और दूसरे की भी है, 'दुराचारी'; दोनों ही है,' सौतन' अत्याचारी; इसके 'पापा' भी हैं , भ्रष्टाचारी;... Hindi · कविता 6 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 23 Jul 2021 · 1 min read आधी रात को...... आधी रात को.... ⭐⭐⭐⭐ इन नासमझों में, एक समझदार दिखते बस, आप तो... जैसे, अंधेरी रातों में भी; चांद चमके , आधी रात को; हम अगर कुछ कह भी दें,... Hindi · गीत 8 2 945 Share पंकज कुमार कर्ण 22 Jul 2021 · 1 min read "बगुला-भगत" "बगुला-भगत" *********** चतुराई होती, चरम पार; इतने तेज इसके ,नयन; जैसे बगुला हो, इसकी बहन। बड़ों-बड़ों से होती, इसकी संगत, निपुणता से करे ये , सबकी आव-भगत। तब तो नाम... Hindi · कविता 8 1k Share पंकज कुमार कर्ण 22 Jul 2021 · 1 min read "ये गरीबों की दुनियां है" ये गरीबों की दुनिया है... ***************** ये गरीबों की दुनिया है, 'गरीबी' ही है,,, सबका अपना करीबी..... ये धन-दौलत तो ऐसे निकलता... जैसे, मुठ्ठी से रेत फिसलता.... 'गरीबी' ही हैं,... Hindi · गीत 5 441 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Jul 2021 · 1 min read "बकरा" "बकरा" ?? ..................१................. बकरा तो हमेशा, घास खाए। मानव बकरा ही, काट खाए। बकरा बेचारा , अब क्या करे, वो सिर्फ कटे और छटपटाए। ....................२................... . वो तो सिर्फ अपना,... Hindi · मुक्तक 7 2 464 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Jul 2021 · 1 min read "सुबह-सबेरे" "सुबह-सबेरे" (हाइकु) °°°°°°°°°°° निकल गया प्रभाकर पूरब छटा निराली। ^^^^^^^^^^^^^ खिल गये हैं फूल भी धरा पर खुशबूदार। ^^^^^^^^^^^^^ देखो तुम भी ये दृश्य विहंगम प्रातःकालीन। ^^^^^^^^^^^^^ कष्ट मत दो... Hindi · हाइकु 6 813 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Jul 2021 · 1 min read "अटपटा प्रावधान" "अटपटा प्रावधान" ****************** देखो, कैसा ये "अटपटा प्रावधान"; मिटा रहा देश से बुद्धि और ज्ञान। आया अब देश में देखो,ऐसा क्षण; दुखी है आज , हर एक ज्ञानी मन। तड़प... Hindi · कविता 7 5 654 Share पंकज कुमार कर्ण 18 Jul 2021 · 1 min read "अपना संविधान" "अपना संविधान" *************** अब, ना वेद, ना ही पुराण, ना बाईबल, ना ही कुरान, सबसे बड़ा, अपना संविधान। संविधान का, देखो खेल, ज्ञानी बेचे तेल, अज्ञानी पढ़े , अब फारसी,... Hindi · कविता 5 626 Share Previous Page 4 Next