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1 Sep 2021 · 1 min read

हे, भोले..

हे,भोले…..
⭐⭐⭐⭐

हे, भोले..
ये तेरा नभ, तेरी धरती..
हर नर, तेरा भक्त;
हर नारी, भक्ति तेरा करती;
सबका जीवन सरल हो जाए,
कष्ट कभी न, किसी में समाये;
तू भर दे, सबमें ऐसी शक्ति।

हे,भोले…
ये तेरा नभ, तेरी धरती…

तू ही पालक, तू ही हो संहारक;
तुम ही प्रेम और तू ही विरक्ति,
तू ही क्रोध है, तू ही माया है;
हर जन तो बस, तेरा ही साया है;
तेरे बिना, कोई रह नहीं सकता ;
जो कोई,इस धरा पे आया है;
सबकी, तू ही है शक्ति।

हे, भोले..
ये तेरा नभ, तेरी धरती..

सत्य और सुंदर भी सबने,
अपने शिव में ही पाया है,
फिर संकट में है,आज क्यों कोई;
क्या तूने,उसे राह नहीं दिखाया है;
आखिर,कैसे करे वो तेरी भक्ति।

हे, भोले…
ये तेरा नभ, तेरी धरती..
हे, भोले! …….

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

स्वरचित सह मौलिक;
……✍️ पंकज ‘कर्ण’
…………..कटिहार।।

Language: Hindi
Tag: गीत
4 Likes · 4 Comments · 641 Views
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