Kavita Chouhan 232 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Kavita Chouhan 21 Nov 2021 · 1 min read -----पिता---- पिता धरोहर है एक आधारशिला नींव है पिता जीवन रूपी तपती धूप में शीतल छाया है पिता कर्तव्यों को निभाता एक स्वरुप है पिता कभी प्रसन्नचित्त तो कभी चिंतित दीखते... Hindi · कविता 2 4 433 Share Kavita Chouhan 20 Nov 2021 · 1 min read हे नारी अब तुम कठोर बन जाना हे नारी तुम अब कठोर बन जाना रूप एक नया सबको दिखलाना कोमल काया से शीला सी जड़ हो जाना।। त्याग ममता प्यार की मूरत हो तुम माँ पत्नी बहन... Hindi · कविता 2 2 297 Share Kavita Chouhan 14 Nov 2021 · 1 min read -----मेरी खिड़की से आसमान का छोटा टुकड़ा----- मेरी खिड़की से आसमान का छोटा सा टुकड़ा दिखता है। उसमे एक चाँद है जो बेपनाह चमकता है। देखा करता हूं ओट से छुपके उसको नज़रों में मेरी रहा करता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 641 Share Kavita Chouhan 11 Nov 2021 · 1 min read छठ है आया देकर अर्घ्य सूर्य को जल चढ़ाया सहस्त्रों किरणें चमकाकर रवि फिर उजला दिखलाया करके तैयारी ढेर सारी खीर,और पकवान बनाया चार दिनों का पर्व छठ है आया। साफ सफाई करके... Hindi · कविता 267 Share Kavita Chouhan 4 Nov 2021 · 1 min read आई है दीवाली रात जगमग दीप जल उठे मिट गया अंधकार क्यूंकि आई है दीवाली रात इक दीया तुम भी जलाओ राह में अपनी दूर हो तमस दुख विलाप सबके लिए कुछ खास एक... Hindi · कविता 159 Share Kavita Chouhan 1 Nov 2021 · 1 min read कभी पुरुष में भी त्रियाचरित्र होता है। कभी पुरुष में भी त्रियाचरित्र होता है। कुछ नज़र आता है तो किसी मे छिप जाता है। न होते है सभी इस पंक्ति में खड़े है लेकिन कुछ इसमें विशेषज्ञ... Hindi · कविता 1 2 210 Share Kavita Chouhan 1 Nov 2021 · 1 min read आज वो नही आया उसका इंतजार हुआ आज वो नही आया उसका इंतजार हुआ पाने को एक झलक दिल ये बेकरार हुआ। नज़र आया करता था जिस गली जिस सड़क था उसमें भी वीराना पसरा हुआ। न... Hindi · कविता 1 2 251 Share Kavita Chouhan 28 Oct 2021 · 1 min read औरतें बहोत जल्दी रो देती है लोग कहते है औरतें बहोत जल्दी रो देती है। सच है वो अपने सारे गम अपने आँचल में समेट लेती है। किसी से कुछ कहतीं नही बस चुप हो लेती... Hindi · कविता 2 6 243 Share Kavita Chouhan 24 Oct 2021 · 1 min read बन के दुल्हन सी बन के दुल्हन सी आज पिया का इंतज़ार कर रही हूं देखकर आईना सोलह श्रृंगार कर रही हूं । लगता है आज है कुछ खास सखी री कानों में कुंडल... Hindi · कविता 742 Share Kavita Chouhan 20 Oct 2021 · 1 min read चाँद की चांदनी चमचमाई चाँद की चांदनी चमचमाई मौसम ने बदली करवट फिज़ाओं ने नई दिशा दिखलाई हवाओं में घुली ठंडक देने शीतलता की दस्तक शरद ऋतु आई। चन्द्रमा की चंचल किरणों ने छिटकी... Hindi · कविता 1 649 Share Kavita Chouhan 19 Oct 2021 · 1 min read प्रफुल्लित हो कि स्वतंत्र हो प्रफुल्लित हो कि स्वतंत्र हो पराधीनता है मृत्यु तुल्य स्वछंद हो। सांसे है हर बन्धन से मुक्त न रोआँ है कर्ज में डूबा उत्सव है जीवन का बड़ा उड़ता जब... Hindi · कविता 261 Share Kavita Chouhan 15 Oct 2021 · 1 min read आज फिर तेरी याद आज फिर तेरी याद ने रुला दिया तेरे बिन सुनी है राहें ये एहसास करा दिया पल दो पल की खुशियां थी तुझसे जुड़ी फिर क्यों वक्त ने तन्हा हमको... Hindi · शेर 1 223 Share Kavita Chouhan 14 Oct 2021 · 1 min read खुद को फिर से बनाना खुद को फिर से बनाना बिखर गया जो कतरा कतरा उसको चुन लाना तोड़ दिया जो टुकड़े करके उस दिल को फिर जोड़ जाना बचपन मे जैसे फूल चुनती थी... Hindi · कविता 1 2 418 Share Kavita Chouhan 9 Oct 2021 · 1 min read विलंब न कर आरंभ कर विलंब न कर आरम्भ कर रुक न कहीं थककर प्राणों को स्फूर्ति से भरकर आलस निराशा छोड़ कर थम ना विराम कर प्रयत्न तू अपार कर सिंह सी दहाड़ कर... Hindi · कविता 1 2 389 Share Kavita Chouhan 6 Oct 2021 · 1 min read नए इरादे नई बात होगी नए इरादे नई बात होगी ये जिंदगी यूँ ही आबाद होगी हर पल उम्मीद हजार होंगी जगमगायेगा हर रास्ता इक घड़ी खुशियों की बारात होगी। रुकना न तुम थकना न... Hindi · कविता 2 176 Share Kavita Chouhan 2 Oct 2021 · 1 min read सन्त हुआ एक दुबला पतला सन्त हुआ एक दुबला पतला पहने था जो सफेद धोती चलता जैसे बिजली सी गति उसने हाथ मे थी लाठी उठाई। पोरबंदर गुजरात मे जनमे करने चले बेरिस्टर की पढ़ाई।... Hindi · कविता 1 228 Share Kavita Chouhan 1 Oct 2021 · 1 min read आओ पितरों का स्मरण करें आओ पितरों का स्मरण करें विदा हुए जो इस संसार से देकर स्नेह आशीष हमें उनके लिए तर्पण करें न आएंगे लौटकर फिर कभी वे देते थे जो प्रेम पोषण... Hindi · कविता 2 4 565 Share Kavita Chouhan 26 Sep 2021 · 1 min read कभी बेवजह ही मुस्कुरा दीजिये कभी बेवजह ही मुस्कुरा दीजिये बिना बात के भी खिलखिला दीजिये। हर पल है जिंदगी में कुछ खास ऐसे वैसे नही हर लम्हे को खास बना दीजिये माना कि काम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 10 222 Share Kavita Chouhan 24 Sep 2021 · 1 min read तेरे मुस्कुराने से गूंज उठी है हर दिशा तेरे मुस्कुराने से खिल गई हर फ़िज़ा तेरे क़रीब आ जाने से जाने कौनसा दिन कौनसा रंग हो जिंदगी का जो तू चला आया यहां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 317 Share Kavita Chouhan 24 Sep 2021 · 1 min read रात भी कितनी हसीन है यह रात भी कितनी हसीन है बस मै हूं और तू है सब कुछ बहुत रंगीन है ठहर जाए यह पल बस यूं ही आज का दिन कितना बेहतरीन है।। Hindi · शेर 1 1 403 Share Kavita Chouhan 24 Sep 2021 · 1 min read चांद की उजली चांद की उजली काया प्रकृति का रंग तुझ में समाया कैसे रोकूँ अपनी अखियां तेरे रूप में ईश्वर नजर आया।। Hindi · शेर 195 Share Kavita Chouhan 24 Sep 2021 · 1 min read अपनी बेवफाई अपनी बेवफाई को मजबूरियों का नाम ना दो दिल की इन तकलीफों को यह अंजाम ना दो हैरत होती है खुद को इस हालत में देखकर मोहब्बत को मेरी अब... Hindi · शेर 381 Share Kavita Chouhan 24 Sep 2021 · 1 min read जरा सी नादानी जरा सी नादानी से बरसों के याराने गए चलो इसी बात पर लोग पहचाने गए Hindi · शेर 256 Share Kavita Chouhan 21 Sep 2021 · 1 min read हर मंज़र आज हर मंजर सहमा क्यों है लगी है भीड़ जाने कैसी शहर में तेरे फिर भी हर शख़्स तन्हा क्यों है ढूंढ रही है राहें तुझको फिर भी तू दरबदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 227 Share Kavita Chouhan 19 Sep 2021 · 1 min read पिला दे जाम पिला दे जाम फिर से साकी चढ़ जाने दे नशा कुछ यूं हमपर भी रहे न होश अब मेरे बाक़ी।। Hindi · शेर 1 298 Share Kavita Chouhan 19 Sep 2021 · 1 min read टूट गया दिल टूट गया दिल आवाज़ भी न आई मुझको मोहब्बत रास न आई न लो नाम मोहब्बत का मिल न जाये कहीं फिर बेवफाई Hindi · शेर 3 2 229 Share Kavita Chouhan 18 Sep 2021 · 1 min read फिर नई बात फिर एक नई बात होगी फिर कभी मुलाकात होगी माना अनजान है इक दूजे के वास्ते हम आएगा फिर कल नया सुबह की नई सौगात होगी।। Hindi · शेर 3 1 514 Share Kavita Chouhan 14 Sep 2021 · 1 min read हिंदी भाषा है भावों की जो अभिव्यक्ति दिलाती है। निराली है सब भाषाओ से पहचान अलग बनाती है। अखण्डता में एकता का बोध कराती है। है हर भारतीय की ज़ुबानी सबको... Hindi · कविता 1 228 Share Kavita Chouhan 12 Sep 2021 · 1 min read फिर से एक मासूम कली फिर से एक मासूम कली मसलाई होगी किस ने ये सजा दिलाई होगी अनजान सी जा रही होगी उसकी राह किसीने रोक ली होगी बेशर्मी से फिर अस्मत उसकी लुटाई... Hindi · कविता 2 302 Share Kavita Chouhan 10 Sep 2021 · 1 min read कभी खुद के लिए भी जी लिया करो कभी खुद के लिए भी जी लिया करो ज़िंदगी है कुछ उलझी सी कभी कभी खुशहाल तो गमगीन भी है ज़ख़्म है हर दिल में कहीं न कहीं ज़ख़्म भी... Hindi · मुक्तक 2 4 644 Share Kavita Chouhan 10 Sep 2021 · 1 min read अब न आऊंगी कभी तेरी गली अब न आऊंगी कभी तेरी गली ले तुझसे अब दूर बहोत दूर हो चली रूठा तो मनाया तुझको रोया तो हंसाया तुझको अब मैं कभी हंसी न करूंगी कोई ठिठोली... Hindi · कविता 3 2 475 Share Kavita Chouhan 10 Sep 2021 · 1 min read दिल क्यूं दिल क्यूं तोड़ दिया बस इतना बता दे क्या कमी थी जो तू मुझको ये सज़ा दे बेवफाई तो तेरी फितरत में थी कोई इस दिल को ये समझा दे।। Hindi · शेर 2 2 402 Share Kavita Chouhan 10 Sep 2021 · 1 min read आँचल आँचल में सितारे अब नही मेरे तूने जो बिखेर दिए अरमा सारे मेरे अब तो टूटा तारा भी नसीब नही तोड़कर सारे तारे क्यूं आँचल में भर दिए अंगारे मेरे।। Hindi · शेर 435 Share Kavita Chouhan 10 Sep 2021 · 1 min read चूड़ियां साजन की चाह में सजती सँवर जाती है ये चूड़ियां साजन की बाहों में फिर खनखनाती है ये चूड़ियां फिर क्यों रूठ जाने पर बिखर जाती है ये चूड़ियां।। Hindi · शेर 1 371 Share Kavita Chouhan 10 Sep 2021 · 1 min read तेरे लिए तेरे लिए ही सज सँवर रही थी न जाने कितने सपने बुन रही थी आज लगता है कुछ ख़ास तभी तो न जाने कितने रूप रंग चुन रही थी।। Hindi · शेर 207 Share Kavita Chouhan 6 Sep 2021 · 1 min read थक गई थी थक गई थी सबकी परवाह करते करते जब से बेपरवाह हुई एक आराम सा है भीड़ बहोत है तेरे शहर में फिर भी हर एक शक़्स तन्हा सा है लाख... Hindi · शेर 2 2 312 Share Kavita Chouhan 6 Sep 2021 · 1 min read एक मरी हुई बेटी एक मरी हुई बेटी से तलाक़शुदा ज्यादा अच्छी है एक रोती हुई विवाहिता से अकेली बैठी ज्यादा अच्छी है कदर नही जिसके मन सम्मान की जहां ऐसी जगह से वो... Hindi · कविता 2 6 450 Share Kavita Chouhan 5 Sep 2021 · 1 min read गुरू गुरु मार्गदर्शक है राह नई दिखलाता है गुरु से है नव निर्माण ,एक पथपदर्शक भी बन जाता है जलकर स्वयं दीप सा ओरो को रोशन कर जाता है गुरु के... Hindi · कविता 2 2 452 Share Kavita Chouhan 31 Aug 2021 · 1 min read कितना मुश्किल है कितना मुश्किल है वक्त देखो संभल जाओ बहता ये रक्त देखो पल पल डर रहा हर इंसान देखो कोई न रोक पा रहा ये सब होकर देख रहे हैरान देखो... Hindi · कविता 1 209 Share Kavita Chouhan 31 Aug 2021 · 1 min read तुम कब आओगे बरसों से कर रही तुम्हारा इंतजार कि तुम कब आओगे सांसे मेरी कर रही पुकार कि तुम कब आओगे पल-पल तरसता है दिल मेरा आखिर कब तक मुझे डर जाओगे... Hindi · कविता 2 2 889 Share Kavita Chouhan 31 Aug 2021 · 1 min read माँ ईश्वर ने एक सुंदर रचना बनाई वो स्वयं न आ सका धरती पर इसलिए उसने ये कृति भिजवाई ये कोई और नही माँ कहलाई ममता की मूरत हमने अपनी ज़िंदगी... Hindi · कविता 1 354 Share Kavita Chouhan 31 Aug 2021 · 1 min read हांथो में कुदाली हांथो में कुदाली फावड़ा ले चल पड़ा है वो पसीने से तर बतर अपनी थकान कभी न देखता है जो फ़टे मेले कुचैले वस्त्र पहनकर भी बेपरवाह चलता है वो... Hindi · कविता 3 2 340 Share Kavita Chouhan 30 Aug 2021 · 1 min read मेरे हाथों की लकीरें मेरे हाथों की लकीरें क्यूं खफ़ा हो गई कसकर पकड़ना चाहा फिर ये खुशियां कहीं खो गई ढूंढता रह गया मैं आखिर कब तेरी रहमत मुझसे जुदा हो गई। Hindi · शेर 560 Share Kavita Chouhan 30 Aug 2021 · 1 min read कितना तन्हा है कितना तन्हा है दिल दुनिया की इस भीड़ में न कोई सुन सका न देख सका दर्द इस दिल का कभी जो मिल सके कोई हमदर्द समझ सके जो दर्द... Hindi · शेर 1 1 521 Share Kavita Chouhan 30 Aug 2021 · 1 min read दोस्त दोस्त ही दोस्त पर जान दिया करते है दोस्त ही दोस्त की परवाह किया करते है कभी कभी कुछ पल ऐसे भी आते है जिंदगी में जब दोस्त ही दोस्त... Hindi · शेर 2 281 Share Kavita Chouhan 30 Aug 2021 · 1 min read बहुत खूबसूरत हो तुम बहुत खूबसूरत हो तुम सुबह की पहली किरण रात की बिखरी चांदनी हो तुम बहुत खूबसूरत हो तुम देखता हूं जो ख़्वाब नींद में उस ख़्वाब की हकीकत हो तुम... Hindi · कविता 1 2 1k Share Kavita Chouhan 30 Aug 2021 · 1 min read ये कैसा मौसम ये कैसा मौसम यह कैसा मौसम आया है ना दिखाई देती कोई धूप नहीं कोई छाया है लग रहा था बसंत जैसे आ गया पतझड़ ही अब पत्ते भी शाखों... Hindi · मुक्तक 205 Share Kavita Chouhan 30 Aug 2021 · 1 min read दिल कहता है तुम मेरे हो बस मेरे दिल कहता है आज बहुत है बेकरार तुम्हारे लिए ना माने कोई बात ना संभलता है बेकरार है हर पल बेचैन है जाने क्यों हर... Hindi · कविता 288 Share Kavita Chouhan 30 Aug 2021 · 1 min read मेरा प्यार तुम हो मेरा प्यार तुम हो मेरा प्यार तुम हो पूछे जो कोई मुझसे मेरे दिलदार तुम हो हर शब्द में मेरे तुम शामिल एक गीत एक झंकार तुम हो रोज नया... Hindi · कविता 1 277 Share Kavita Chouhan 30 Aug 2021 · 1 min read आ जी लें ज़रा आ जी लें ज़रा भूल कर इस जहां के सारे गम आ जी ले जरा जख्म बहुत है इस सीने में आ सी ले जरा सहम गया देख कर इतने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 221 Share Previous Page 4 Next