मनोज कर्ण 295 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next मनोज कर्ण 26 Dec 2021 · 2 min read धर्म बला है...? धर्म बला है...? °°°°^°°°° कोई कहता, ये धर्म बला है, कोई कहता, धर्म अफीम या शोला है। पर सच्चाई बयां करती ये दूनियांँ , ये न तो बला है और... Hindi · कविता 5 8 1k Share मनोज कर्ण 25 Dec 2021 · 1 min read ठिठुरती सर्दी ठिठुरती सर्दी ~^~^~^~^~ ठिठुरती सर्दी में, खुले नभ के तले, दुश्वार जिन्दगी, दो वक्त की रोटी पर भारी। ठिठुरती ठंढ रातें, गहरी वेदना में जम गई, शोणित प्रवाह। क्यों है... Hindi · कविता 3 672 Share मनोज कर्ण 25 Dec 2021 · 1 min read गुलामी के पदचिन्ह गुलामी के पदचिन्ह ~~^~^~~~~~~~ गुलामी के पदचिन्हों पर चलना , क्यों जरूरी है... ? जन्मदिन पर मोमबत्ती जलाना , फूंक मार फिर इसे बुझाना , क्यों जरूरी है... ? झूठी... Hindi · कविता 8 8 1k Share मनोज कर्ण 25 Dec 2021 · 2 min read कौन था वो ?... कौन था वो ?... ~^~^~^~^~ कौन था वो ? जिसने चोट की, हमारी अंतरात्मा पर ? जिसने वेद, गीता व पुराण को, दरकिनार कर दिया। हिन्दुस्तान के जमीं पर ही... Hindi · कविता 6 6 1k Share मनोज कर्ण 20 Dec 2021 · 1 min read दुआओं का असर... दुआओं का असर... °~°~°~°~° शिक्षा से तो सिर्फ ज्ञान बढ़ता है , किस्मत तो अर्जित होता है, संस्कारयुक्त कर्मों से । मत भूलो माता-पिता का मोम सा दिल तुम ,... Hindi · कविता 6 6 527 Share मनोज कर्ण 19 Dec 2021 · 1 min read भूल जाओ इस चमन में... भूल जाओ इस चमन में... °^°°^°°^°°^°°^° भूल जाओ इस चमन में... इंसाफ की फरियाद करना । ग़र दौलत है तुम्हें तो , न्याय की घंटी बजाना । ब्रिटिशराज कानून अभी... Hindi · कविता 4 2 793 Share मनोज कर्ण 18 Dec 2021 · 1 min read दुःशासन आज भी हँस रहा... दुःशासन आज भी हँस रहा... ~~~^^^~~~~~~^^^~~~~ दुःशासन आज भी हँस रहा, उसके अट्टहास की गूंज, चारो दिशाओं में गूँज रही, पर देश का दुर्भाग्य है कि, वो तेरे कानो में... Hindi · कविता 5 4 538 Share मनोज कर्ण 18 Dec 2021 · 1 min read बेआबरू थे हम... बेआबरू थे हम... ~~~~~~~~~~~~ बड़े बेआबरू थे हम तो... वर्षों जुल्म को पहचाना नहीं । हम पास खड़े मुस्कराते रहे , वो चेहरे की मासूमियत को चुराते गए । खींच... Hindi · कविता 7 4 752 Share मनोज कर्ण 17 Dec 2021 · 1 min read सत्य छिपता नहीं... सत्य छिपता नहीं... °°°°°°°°°°°°° सत्य जब छिपता ही नहीं, सत्य पर पहरा लगाते क्यों तुम । मैं तो सत्य बोलुंगा ही , चाहे जंजीरों में जकड़ लो तुम । झूठ... Hindi · कविता 4 4 976 Share मनोज कर्ण 16 Dec 2021 · 1 min read बेमुरव्वत है दिल का कोना... बेमुरव्वत है दिल का कोना... बेमुरव्वत है दिल का कोना , इख़्तिलात फिर हो, क्यों करते। आईना भी दरक गया है जो , फ़रामोशी को सहते-सहते । मुहब्बत का खुमार... Hindi · कविता 3 697 Share मनोज कर्ण 15 Dec 2021 · 1 min read जिंदगी का फ़लसफ़ा जिंदगी का फ़लसफ़ा ~~~~~~~~~~~~~~~ ये जिंदगी का फ़लसफ़ा , आसाँ नहीं समझना । वो शख्स नसीबोंवाला , जो खुद को है जीत पाया। वक़्त के नाजुक हाथों से , जिंदगी... Hindi · कविता 6 6 1k Share मनोज कर्ण 14 Dec 2021 · 1 min read शिक्षा संग यदि हुनर हो... शिक्षा संग यदि हुनर हो, तो जीवन पथ सुगम हो । सँवरे भविष्य तरुण का , जीवन में कभी ना गम हो । नन्हां बया का घोसला , गज़ब की... Hindi · कविता 5 2 835 Share मनोज कर्ण 12 Dec 2021 · 1 min read कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते... कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते... कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते, मिलते हैं दुश्मनों से गले, छिप-छिप के जो , कहते हैं वफादारी, सरेआम नहीं होते ।... Hindi · कविता 8 4 1k Share मनोज कर्ण 9 Dec 2021 · 1 min read वो हैं , छिपे हुए... वो हैं , छिपे हुए... °°°°°°°°°°°°°° वो है , छिपे हुए... कुछ इस तरह से मकान में। पहचानना मुमकिन नहीं , अपने वतन हिन्दुस्तान में । मेरे लहु में जोश... Hindi · कविता 7 8 1k Share मनोज कर्ण 7 Dec 2021 · 1 min read मन का ज्योतिपुंज मन का ज्योतिपुंज ✨✨✨✨✨ मन का ज्योतिपुंज सजा लो, जो जग को उजियारा करे । किसी इष्ट को दिल से भज लो, जो मन को है प्यारा लगे । दिल... Hindi · कविता 4 551 Share मनोज कर्ण 3 Dec 2021 · 1 min read कलकल बहती माँ नर्मदा ! कलकल बहती माँ नर्मदा ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ कलकल बहती माँ नर्मदा , निश्चल छलछल अविरल धारा । अमरकंटक शिखर से वो निकलती , पूरब दिशा से पश्चिम को बहती । धरा पर... Hindi · कविता 4 10 1k Share मनोज कर्ण 1 Dec 2021 · 1 min read संविधान की शपथ संविधान की शपथ ~~~~~~~~~~~~~~~ संविधान की शपथ लेते है सब जन , पर पृथक विधान हैं हम सब के लिए । सम् विधान कैसे हुआ बोलो , जब अलग विधान... Hindi · कविता 5 4 1k Share मनोज कर्ण 30 Nov 2021 · 1 min read नेपोभाटिन नेपोभाटिन ~~~~~~~~~ आब बनब हम नेपोभाटिन , ककरो किछु नहिं सुनब अब हम । घर-अंगना पोछैत भरि दिनहिं , देह हमर थकुचायल अछि । बर्तन बासन करैत यौ सजना ,... Maithili · कविता 1 308 Share मनोज कर्ण 28 Nov 2021 · 5 min read श्रीराम गाथा श्रीराम गाथा ~~~~~~~~~ कई युग आए और चले गए , श्रीराम प्रभु सा,कोई हुआ नहीं । होते हैं वीर महान पुरुष , पर अन्तर्मन कोई छुआ नहीं । धन्य अयोध्या... Hindi · गीत 17 16 4k Share मनोज कर्ण 22 Nov 2021 · 1 min read सुमिरन अहींक करै छी हम... सुमिरन अहींक करै छी हम (मैथिली गीत) ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ जय माँ अंबे, जय जगदम्बे, सुमिरन अहींक करै छी हम। माता भवानी, माँ कल्याणी! नाम अहींक बस लैअ छी हम। जय माँ... Maithili · कविता 1 291 Share मनोज कर्ण 22 Nov 2021 · 1 min read अन्तर्मन आह्लादित है,.. अन्तर्मन आह्लादित है,.. (विदाई संदेश) °°°°° (मेरी प्यारी भतीजी सौभाग्यवती सोनम के लिए) अन्तर्मन आह्लादित है,.. साज दिल में बज रहें हैं। पर तेरे बिछुड़ने के गम में, मन के... Hindi · कविता 5 591 Share मनोज कर्ण 17 Nov 2021 · 1 min read मिथिला के बदलैत संस्कार... मिथिला के बदलैत संस्कार... कि कहु आब मिथिला के संस्कार , बदलैत जा रहल अछि अपन व्यवहार । गाम-घर,डीह सब भेल अनजान , बिसरल भगवती आओर ब्रह्मस्थान। भेल संक्षिप्त आब... Maithili · कविता 4 665 Share मनोज कर्ण 14 Nov 2021 · 1 min read कतहुं नहिं देखलहुँ... कतहुं नहिं देखलहुँ... कतहुं नहिं देखलहुँ, दूर गगन सऽ पार क्षितिज तक, हुनका नहिं पयलहुँ । भयाकुल भ सगरो हम खोजिलहुँ , पोछा कऽ घर-दुआर सजाकऽ , फूल-प्रसाद आओर अछिंजल... Maithili · कविता 1 385 Share मनोज कर्ण 9 Nov 2021 · 1 min read प्रेम का आँगन प्रेम का आँगन °°°°°°°°°°°°°° तल्खियां नफरत भिंगोकर, स्वार्थ का संसार रचते । हसरतें मोहित भंवर को , प्रेम का आंँगन समझते। पीठ में खंजर चुभोकर , दहशतों का मंजर बनाते... Hindi · कविता 7 6 1k Share मनोज कर्ण 6 Nov 2021 · 1 min read एक आरज़ू दिल में बसी है... एक आरज़ू दिल में बसी है... फ़िज़ा भी वही है, शमा भी वही है, वही शम-ए-महफ़िल,सजाई गई है। वही जुस्तजू है, वहीं दिल की धड़कन, कातिल निगाहें बिछाई गई है... Hindi · कविता 6 6 625 Share मनोज कर्ण 4 Nov 2021 · 1 min read खास दीवाली आई है’...? खास दीवाली आई है... ¬°¬°¬°¬°¬°¬° बहुत हो गया रोना-धोना, अब तो तुम एतबार करो । आग लगाई है जिसने भी, उसपर ही,तुम अब वार करो। मंहगाई की मार झेलती, जनता... Hindi · कविता 5 10 913 Share मनोज कर्ण 2 Nov 2021 · 1 min read अंतर दीप जले ? अंतर दीप जले ? ¬°¬°¬°¬°¬°¬° अंतर दीप जले जब मन में, अंधियारा दूर करे जीवन में... शुद्धभाव अवचेतन मन से , सूक्ष्मजगत के तार जुड़े हैं । जड़ चेतन,ब्रह्मांड जगत... Hindi · कविता 5 6 977 Share मनोज कर्ण 25 Oct 2021 · 1 min read वो महान क्यों ?... वो महान क्यों ?... ^^^^^^^^^^^ ज़ख्म दिया था जिसने हमको, उस पर ही मेहरबान हुए , जिसने की थी बर्बरता इतनी, उसको ही हम महान कहे । ऐसी भी क्या... Hindi · कविता 5 4 1k Share मनोज कर्ण 17 Oct 2021 · 1 min read सोन चिरैया... सोन चिरैया... ^^°°°°°°°°°^^ एक अनमोल ख्वाब छुपाए बैठा था , देश मेरा भारत महान । बनेगा फिर से सोने की चिड़िया ये मेरा नया हिन्दुस्तान । ईजी ऑफ डूइंग बिजनेस... Hindi · कविता 7 4 1k Share मनोज कर्ण 12 Oct 2021 · 2 min read मैं तो सड़क हूँ,... मैं तो सड़क हूँ,... ~~~~~~~~~~~~~ मैं तो सड़क हूँ, मुझे जाम न करो , यूंँ ही खुलेआम बदनाम न करो... मेरी परेशानियों से तो सब ही वाकिफ़ है , जानकर... Hindi · कविता 7 4 1k Share मनोज कर्ण 10 Oct 2021 · 2 min read कुछ मत कहो... कुछ मत कहो... ~~~~~~~~~~~ कुछ मत कहो... जब सुनने को कोई तैयार नहीं , अपनी ही धुन में है सब , अब बन्दगी दीदार नहीं। प्रेम की भाषा तो बेअक्ल... Hindi · कविता 4 612 Share मनोज कर्ण 5 Oct 2021 · 2 min read अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...? अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...? जिसने तुम्हारे खून पसीने की कमाई, सदा ही मिल बांट कर खाई, तेरे मेहनत की कमाई से, अपनी महलें है बनवाई । समझो तो सही,वो आढ़तिया... Hindi · कविता 6 8 1k Share मनोज कर्ण 3 Oct 2021 · 1 min read पितृपक्ष पितृपक्ष °°°°°°°° फल्गु नदी का पावन तट हो , साथ में वृक्ष अक्षयवट हो। पितृपक्ष पखवाड़े में पुण्यतिथि देख , हम पितरों को तर्पण करते हैं। अंजुलि में जल पुष्प... Hindi · कविता 4 4 596 Share मनोज कर्ण 2 Oct 2021 · 1 min read मृत्यु या साजिश...? मृत्यु या साजिश...? ~~°~~°~~° जय जवान,जय किसान का नायक, कर्तव्य की बलि वेदी पर , ताशकंद में मृत हुआ था । रोया था सारा भारत तब, ग्यारह जनवरी छियाछठ को... Hindi · कविता 9 6 2k Share मनोज कर्ण 2 Oct 2021 · 1 min read पिता की छाँव... पिता की छाँव ~~~~~~~ अँखियों में अरमाँ संजोए,निर्बल थी काया, पिता की छाँव कहूँ या बरगद की छाया... खो गया जब आज मैं , अतीत की यादों में । बचपन... Hindi · कविता 5 4 1k Share मनोज कर्ण 29 Sep 2021 · 1 min read चलो चाँद पर झूला डालें... चलो चाँद पर झूला डालें... आया सावन रूत मनभावन , चलो चाँद पर झूला लगाएं । ये धरती हुई अब हलकान, चलो चाँद पर झूला डालें... काम अभिषिक्त से तप... Hindi · कविता 10 14 894 Share मनोज कर्ण 26 Sep 2021 · 2 min read दोष ककर ? दोष ककर ? “”””””””””””” बीचे रोड मकइ,धान पसारि सूखाउ, बथानि गाय-गोरु के सेहो बनाऊ, दुर्घटना जे भेल तऽ दोष ककर । अनहोनी जे भेल तऽ दोष ककर । सिस्टम के... Maithili · कविता 2 2 456 Share मनोज कर्ण 24 Sep 2021 · 1 min read ऐसा कोई शिखर नहीं .. ऐसा कोई शिखर नहीं .. ऐसा कोई शिखर नहीं .. जिसे हम छू नहीं सकते, ऐसा कोई डगर नहीं.. जिस पर हम बढ़ नहीं सकते। याद कर उन चित्रांशों को,... Hindi · कविता 2 2 631 Share मनोज कर्ण 24 Sep 2021 · 1 min read तेरा धुन प्रभु जब सुनता हूँ... तेरा धुन प्रभु जब सुनता हूँ... तेरा धुन प्रभु जब सुनता हूँ... मन विकल-विकल हो उठता है। पाता हूँ खुद को पिंजरे में, तन आकुल व्यग्र हो उठता है। तेरा... Hindi · गीत 2 642 Share मनोज कर्ण 20 Sep 2021 · 1 min read ख्वाब अभी बाकी है... ख्वाब अभी बाकी है... ख्वाब अभी बाकी है... जिंदगी ढलने को करीब है, पर ख्वाब अभी बाकी है, हसरतों से भरी जिंदगी में, द्वंद अभी बाकी है... जीवन क्षितिज से... Hindi · कविता 7 6 1k Share मनोज कर्ण 18 Sep 2021 · 2 min read जंगल में कवि सम्मेलन जंगल में कवि सम्मेलन (एक व्यंग्य) एक बार जंगल के राजा द्वारा, जंगल में घोषणा करवाई गई। प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को, कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। सभी जानवर... Hindi · हास्य/हास्य-व्यंग्य 12 14 1k Share मनोज कर्ण 18 Sep 2021 · 1 min read मेरी उम्मीद से खिलवाड़ न कर मेरी उम्मीद से खिलवाड़ न कर ~~~~~~~~~~~~~~~ मेरी उम्मीद से खिलवाड़ न कर, मेरी तन्हाइयों पे कभी वार न कर, मन की बेचैनियों पे,तू कभी इतवार न कर। बड़े ही... Hindi · कविता 5 4 683 Share मनोज कर्ण 17 Sep 2021 · 1 min read शायद मैं गलत हूँ... शायद मैं गलत हूँ... शायद मैं गलत हूँ... उस राह पर न रख कदम, जिस पर सभी खुशहाल हैं। साँसें थमी हर चाह पर, पलकें झपी हर आह पर ।... Hindi · कविता 5 1k Share मनोज कर्ण 16 Sep 2021 · 3 min read प्रलय गीत प्रलय गीत, प्रकृति अब विश्राम करो। ~~~~~~~~~~~~ प्रकृति अब विश्राम करो, तुम हो कितने प्रणम्य वीर, क्यों परिश्रांत हुआ रुकते भी नहीं। थम जाए तो मुख़्तलिफ़ ये घड़ियाँ, तुम भी... Hindi · कविता 5 8 1k Share मनोज कर्ण 16 Sep 2021 · 1 min read दुलहिन परिक्रमा दुलहिन परिक्रमा “””””””””””””””””” अहिं हमर ज्योति छी सजनी, अहिं छी हमर सद्ज्ञान । निज कष्ट सहलहुँ, तनिक नहिं कहलहुँ,अहां छी बहुत महान।। तनिक लेश नहिं अहां में देखलहुँ, निज गौरव... Maithili · कविता 4 4 349 Share मनोज कर्ण 16 Sep 2021 · 2 min read जय जगजननी ! मातु भवानी(भगवती गीत) जय जगजननी ! मातु भवानी… (भगवती गीत) जय जगजननी! मातु भवानी, दया करु माँ कृपा करु, लियऽ हमरा अपन शरण में, आब नै सोच विचार करु। जन्म-जन्म कऽ पाप हरु... Maithili · कविता 4 4 1k Share मनोज कर्ण 16 Sep 2021 · 1 min read खुद को देखो खुद को देखो ~~~~~~~ खुद को देखो, स्वयं की नजरों से, अपनी अच्छाइयों को, उन खौफनाक बुराईयों को। मंज़िल पर पहुंचने की, तमाम कठिनाइयों को, खुद से परखो, मग़र अपने... Hindi · कविता 2 4 554 Share मनोज कर्ण 15 Sep 2021 · 1 min read बहुमत बहुमत °°°°° बुराई ने अच्छाई से कहा कि, अनसोशल मत बनो, लोकतंत्र में मेरी ही बहुमत है, मैं सोशल हूँ, मेरी जमात में शामिल हो जाओ, और सामाजिक न्याय का,... Hindi · कविता 10 10 1k Share मनोज कर्ण 14 Sep 2021 · 2 min read हिन्दी काव्य का प्रसार हिन्दी काव्य का प्रसार (हिन्दी दिवस पर विशेष) °°°°°°°°°°°°°°°°°° राष्ट्रीय एकता की निशानी, हिन्दी है भारत की आत्मा। हिंदी में काव्य कैसे रची जाती, सुनिए तो कवि की जुबानी। कवि... Hindi · कविता 3 2 1k Share मनोज कर्ण 13 Sep 2021 · 1 min read कदम रुके नहीं कदम रुके नहीं ~~~~~~~ कदम रुके नहीं, मन थके नहीं, करो ऐसी जतन, सिर झुके नहीं। झाँको अपने अतीत में, थी जब नन्हीं परी सी, तब थी,कितनी तन्मय प्रतिपल, मन... Hindi · कविता 7 538 Share Previous Page 5 Next