DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 205 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 28 Sep 2021 · 1 min read मायने... अब उनसे क्या उम्मीद करें कि वो समझेंगे हमें जो दिल के फ़लसफों के मायने हम हीं से पूछते हैं... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' ©® Hindi · शेर 3 2 415 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 27 Sep 2021 · 1 min read अंदाज़... तेरा दुश्मनी निकालने का 'अंदाज़' मुझे पसंद आया वरना अफ़सोस करते हम, किसी ने प्यार नहीं किया... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' ©® Hindi · शेर 2 4 376 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 26 Sep 2021 · 1 min read प्यार या व्यापार... वो... सालों पीछा करके मेरा, इस नतीजे पर पहुंँचे। चलो, छोड़ो यार! अपने काम की चीज नहीं है... कारण है... देखने के बदले देखना, पीछा करने के बदले प्यार, तोहफ़े... Hindi · कविता 2 2 749 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 25 Sep 2021 · 1 min read सौदा... कामयाबी के साथ, आज एक सौदा तय हुआ है... तकदीर के फैसले, वक़्त के साथ मिलकर तय करेंगे... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' ©® Hindi · शेर 1 542 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 24 Sep 2021 · 1 min read सिलसिला चलता रहे... ख़्यालों के काफिले का सफ़र, कभी खत्म तो हो मंज़िल ना सही, मगर इनका कोई रहगुज़र तो हो... चश्म-ए-तर से जो, बहे जाते हैं अश्क समंदर ना सही, मगर कोजा-ए-मुट्ठीभर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 420 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 23 Sep 2021 · 1 min read जीत... देखना है कि राह- ए- उल्फ़त में जीत किसके हिस्से आती है... बड़े ईमान से उसने मोहब्बत का सौदा किया है... -✍️ देवश्री पारीक 'अर्पिता' ©® Hindi · शेर 2 656 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 22 Sep 2021 · 1 min read सियासतों के बदलने पर... ज़माने से रही दोस्ती जिनसे, साथी वो अनजाने लगते हैं पलकों में जिनका मुकाम था, अब वो ख़्वाब बेगाने लगते हैं... हाथों की हिना का रंग, फीका न पड़ने पाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 309 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 21 Sep 2021 · 1 min read चाँद... अपनी ज़वानी पर जब होता है चाँद धवल चाँदी के जैसा चमकता है चाँद... मेरी मुंडेर के पीछे से आता है चाँद क्या तेरे आँगन में भी ऐसे ही उतरता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 512 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 20 Sep 2021 · 1 min read धुआँ... जलता है कुछ तो, उठता है ये धुआँ बुझता भी है तो, घुटता है यह धुआँ... आँखों में कुछ दर्द सा, उमड़ता हुआ बनके ज़िन्दगी का तज़ुर्बा, बरसता है ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 322 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 19 Sep 2021 · 1 min read स्वप्निल ऊंचाइयाँ... तेरे मेरे बीच, ये क्या चलता है कोई रिश्ता, बिना संबोधन ही पलता है... परायों की तरह, जीते रहे सालों फिर भी अजनबी, मेरे साथ- साथ चलता है... कुछ स्वप्निल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 483 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 18 Sep 2021 · 1 min read बेरूखी ... तेरी 'बेरूखी' का अब क्या गम है... 'बेरूखी' भी तेरी है ये क्या कम है... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' ©® Hindi · शेर 1 265 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 17 Sep 2021 · 1 min read बेपरवाह... तेरी बदगुमानियत से, कोई एतराज नहीं जिंदगी ने अब मुझे, बेपरवाह बना दिया... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' ©® Hindi · शेर 1 2 518 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 16 Sep 2021 · 1 min read तेरी याद... ग़म-ए-शाम इसकदर, तन्हाँ कर जाती है मुझे बेवजह, बेवक़्त तेरी बेख्याली, सताती है मुझे लाख चाहा तुझे भूल जाना, ए ख़ुलुस-ए-दिल, मग़र भूलाने की कोशिश भी, तेरी याद दिलाती है... Hindi · मुक्तक 2 2 408 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 15 Sep 2021 · 1 min read क्या पाया और क्या खोया ... जब भी मेरा फ़साना, ज़माना तुम्हें सुनाएगा हर लम्हा तुम्हें, मेरे इर्द-गिर्द ही पाएगा... जिंदगी कुछ ना थी, सिवाय एक कशमकश के बीत जाने पर तुम्हें, कौन ये समझाएगा... सवाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 382 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 14 Sep 2021 · 1 min read नक़ाब... वो गया था, परिंदों सी उड़ान भरके तन्हाँ मुझे चौराहे पर, खड़ा करके... आज मैंने भी उसका, नक़ाब है पहना समझना चाहती हूँ उसे, उसके जैसा बनके... तमाम उम्मीदों के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 596 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 13 Sep 2021 · 1 min read लौट ही जाना था... आईनें को जब भी देखा चेहरा कोई अनजाना था अपनी शक्ल देखे कैसे जो देखा, सब बेगाना था... सुनो, रुको, ठहरो आवाज दी, रोज़ उसे मैंने मगर, हर हाल में... Hindi · गीत 2 4 402 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 12 Sep 2021 · 1 min read पता नहीं क्यों?... कौन दिशा कौन डगर मैं चली जा रही बेखबर कोई साया आगे -आगे मैं बेसुध- सी पीछे -पीछे जाने वो, कौन है ? क्या है ? क्यों है ? पर... Hindi · कविता 2 2 341 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 11 Sep 2021 · 1 min read रीढ़... इस दरख़्त की हर शाख, झुकी- झुकी सी है हर एक पत्ते की साँस, रुकी - रुकी सी है... रात तेज आँधी गुज़र के गई, पहलू से सुबह के सूरज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 320 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 10 Sep 2021 · 1 min read हे! देवा... हे ! देवा, तुम सर्वप्रथम पूज्य हो 'गणाध्यक्ष' तुम कहलाते विघ्नों का सदा नाश करो तुम आदर पूर्वक घर आके ज्ञान,अर्थ, बुद्धि का अद्भुत संगम हो 'गौरीसुत' तुम कहलाते जीवन... Hindi · कविता 2 4 449 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 9 Sep 2021 · 1 min read दायरे... 'तुम' मुझसे अल्फाजों को दायरे में बाँधने की ज़िद ना करो लंबी खामोशी के बाद बड़ी मुश्किलों से मैंने ज़ुबाँ खोली है.... - ✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' ©® Hindi · शेर 5 4 570 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 8 Sep 2021 · 1 min read आरज़ू... गिला इस बात का नहीं कि वो बेक़दर, बेवफ़ा हो गए... दर्द तो इस बात का है कि इस दिल को अब भी उन्हीं की आरज़ू बाकी है... -✍️देवश्री पारीक... Hindi · शेर 2 287 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 7 Sep 2021 · 1 min read खौफ... तेरे बाबस्ताँ कुछ ख्वाब बुने थे मैंने बिछड़ने का खौफ, चैन से सोने नहीं देता... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' ©® Hindi · शेर 4 2 343 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 6 Sep 2021 · 1 min read वज़ूद... खामोशी की कहकशाँ में, ना तलाशकर मेरा वज़ूद वक़्त और तज़ुर्बों ने इस पर पाबंदी लगाई है... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' ©® Hindi · शेर 2 1 321 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 5 Sep 2021 · 1 min read 'शिक्षक'... चाहे संकट की कोई घड़ी हो लाख चुनौती प्रत्यक्ष खड़ी हो परिश्रम और निरंतरता से अपना कर्त्तव्य निभाते हैं... वें 'शिक्षक' कहलाते हैं... विघ्नों और व्यवधानों से रुकने का सरोकार... Hindi · कविता 3 4 641 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 4 Sep 2021 · 1 min read बेहक़ की दौलतें... यूँ तो बेहक़ की दौलतें, कभी ना चाही थी मैंने मगर तूने बेहिसाब नेमतें देकर, खास बना दिया.... - ✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' ©® Hindi · शेर 3 2 500 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 3 Sep 2021 · 1 min read समझौते... हाँ, ग़र झुकना पड़े नेकी के वास्ते, तो मंज़ूर सौ दफ़ा मग़र वो शोहरत ना अता करना, जो समझौते से आए.. -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता ' ©® Hindi · शेर 2 6 566 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 2 Sep 2021 · 1 min read सब्र का समंदर... जाओ मुक़द्दरों से कह दो, हमें आज़माने की कोशिश ना करें हम सब्र का समंदर दिल में छुपाए बैठे हैं... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' ©® Hindi · शेर 5 8 456 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 1 Sep 2021 · 1 min read उम्मीदें... उम्मीदें ना रख मौकापरस्ती के दौर में 'अर्पिता' यहाँ वफ़ा का सलीका मतलब से आँकते हैं.... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' ©® Hindi · शेर 4 550 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 31 Aug 2021 · 1 min read सफाई क्यों दूँ... जो समझ मुझे सकता नहीं, उसे सफाई क्यों दूँ जिसका लौटना नामुमकिन है, उसकी दुहाई क्यों दूँ... जर्रे - जर्रे में कल के, तूफाँ का असर है बनकर टूटन अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 5 694 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 30 Aug 2021 · 1 min read लड्डू गोपाल... जब से आया मेरे आँगन रे तू लड्डू गोपाल ना कोई दुःख, ना कोई चिंता जीवन बना खुशहाल... तेरी मोहक मुस्कानें दिनभर मुझे हँसाती हैं बात- बात पर मैया- मैया... Hindi · कविता 5 2 411 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 29 Aug 2021 · 1 min read ग़म नहीं... ये दुनिया लाख सताए मुझे, तो ग़म नहीं मेरी चाहत मेरी जिंदगी है, कोई वहम नहीं बेगानों से गले मिलो या चाहो गैर को सज़दा तेरा ही करेंगे तुम, खुदा... Hindi · मुक्तक 5 4 369 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 28 Aug 2021 · 1 min read बेवज़ह... ग़म-ए-शाम इसकदर तन्हाँ कर जाती है मुझे बेवक़्त, बेवज़ह, तेरी बेख़्याली सताती है मुझे... जाओ कह दो, उस बेपीर से जाकर मेरा हाल ओ बेक़दर, तेरी बेरूखी, यूँ बहलाती है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 4 531 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 27 Aug 2021 · 1 min read ज़ख्म... जाने क्या खता हुई, जो वो रूठ गया उसका दिया हर ज़ख्म, अब भी गहरा सा है... कभी रहती थी, आँखों के सामने हर पल आजकल उन यादों पर, लगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 611 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 26 Aug 2021 · 1 min read हसीन वहम... जो सच नहीं 'वो' ख़्वाब रोज़ आता क्यों है बनके मेरा हमसफ़र, दुश्मन मुझे सताता क्यों हैं... महज़ कफ़न-औ-फरेब हैं, इंतकाल के साथी हर दिन फिर नए रिश्ते, तू बनाता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 517 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 25 Aug 2021 · 1 min read रहनुमाई... एक दफ़ा तो पलटकर, सफाई दे दो अपने गुनाहों की जो हो, सच्चाई दे दो... साथ अपने रखो या छोड़ दो तन्हाँ दम मेरा घुटने लगा है, तन्हाई दे दो...... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 6 822 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 24 Aug 2021 · 1 min read चंदन की कतार.... तेरे ज़िस्म की खुशबू, मुझमें यूँ सिमट आई है जैसे किसी ने बियाबान में, चंदन की कतार लगाई है... प्यार तो उनको भी हमसे, ना जाने कैसे हो गया जीतें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 8 634 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 23 Aug 2021 · 1 min read तिनके... ख्वाबों के पुलिंदे, कब घर बना करते हैं ये तिनके तो दर-ब-दर उड़कर बिखरा करते हैं.... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' ©® Hindi · शेर 7 6 641 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 22 Aug 2021 · 1 min read फिलहाल जाने दो... ज़िन्दगी का जो भी हुआ ये सवाल जाने दो क्या हुआ हश्र और अंजाम फिलहाल जाने दो तेरे साथ मेरे हर पल का हिसाब जाने दो तेरा सच तेरी ख़ुशी... Hindi · कविता 5 10 555 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 21 Aug 2021 · 1 min read चंचल मन... मेरी चाहत चंचल हवा है बिखरी है विश्वास के आकाश में कभी भटकती यहाँ कभी वहाँ ठहरी कभी अपने आशियाने की आस में मगर जब हटती है सपनों की धुँध... Hindi · कविता 6 8 520 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 20 Aug 2021 · 1 min read बस यही ख्वाहिश.... दिल की कसक, चिंगारी सी सुलगती है बुझ- बुझ के हर बार, फिर से जलती है... कभी आँसू, कभी दर्द, कभी आह, कभी बेरुखी बन -बन के खुशी, साँसों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 6 1k Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 19 Aug 2021 · 1 min read अनजाना... वो जानता ही नहीं, क्या है मेरा अफसाना वो एक पत्थर है, और मैं हूँ दीवाना.......... वो मुस्कुराता भी है दिल को बहलाता भी है जाकर दूर मुझसे पास फिर... Hindi · गीत 7 11 974 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 18 Aug 2021 · 1 min read खिलाफ़त का शोर सुनाई देता है… अहसानों का बोझ गवाही देता है खिलाफ़त का शोर सुनाई देता है… इसे कैसे मोहब्बत का नाम दें ए दिल हर तरफ मतलब दिखाई देता है... एहसासों का समंदर समेटा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 8 373 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 17 Aug 2021 · 1 min read मिल जाए घर कोई.... शाम ढल रही है... सर्द हवा के झोंकों में हल्की-हल्की कुछ नमी पिघल रही है... पक्षियों की देखकर कतारें लगता है जैसे कोई बेचैन सी नदी, सागर से मिल रही... Hindi · कविता 5 9 497 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 16 Aug 2021 · 1 min read स्वयं को बदलना होगा... है कठिन मेरी डगर, पर मुझे चलना होगा परिवर्तन को नियम जानकर, स्वयं को बदलना होगा... बरसों से कैद हूँ, स्वप्न के पिंजरे में परंतु कभी तो, बाहर इससे निकलना... Hindi · कविता 4 4 528 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 15 Aug 2021 · 1 min read स्वप्निल मुकाम... मेरे वो सपने जो कभी बंद तो कभी खुली आँखों से बुने मैंने जिनमें कभी रास्तों तो कभी मंज़िल को छुआ मैंने मेरा वह स्वप्निल मुकाम जिसका तिनका -तिनका मेरे... Hindi · कविता 3 4 380 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 14 Aug 2021 · 1 min read सब कुछ आधा-आधा... चलो मिलकर कर लें, आज हम एक वादा क्यों ना अपना बाँट लें, हम सब कुछ आधा- आधा.... दु:ख भी आधा- आधा, तो सुख भी आधा- आधा खुशी भी आधी... Hindi · कविता 8 12 670 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 13 Aug 2021 · 1 min read स्मृतियां.... आस की संध्या आती रही, दीप जलाकर यामिनी बीती जाती रही, अश्रु बहाकर मैं निर्निमेष कब तक निहारू, द्वार की चौखट स्मृतियां सहलाती रही, घावों की धूल हटाकर... - ✍️देवश्री... Hindi · मुक्तक 6 10 516 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 12 Aug 2021 · 1 min read रात... कोई ख़्वाहिश सी साथ चलती है रात एक अजनबी सी गुजरती है... मैं ताकती रहती हूँ राह उसकी ज़िन्दगी कब, कहाँ हर वक्त ठहरती हैं... कई मंजर आँखों में तैर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 547 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 11 Aug 2021 · 1 min read परिपूर्ण जीना चाहती हूँ... ओ सूरज, सुना है तुम सबको उजाले बाँटते हो... पर बरसों से मैं तुम्हारे आने की राह देखती हूँ... मेरे हिस्से की रोशनी कब दोगे मुझे??? रोज़ खुली आँखों से... Hindi · कविता 6 4 694 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 10 Aug 2021 · 1 min read उसी हसरत से.... कैसे बदल जाती है दुनिया किसी की, तुमसे मिलते हैं तो खुद को भूल जाते हैं... ख़्याल जब भी तेरे आने लगते हैं, ना जाने कब तेरी गली, तेरे कूचे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 8 642 Share Previous Page 4 Next