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31 Aug 2021 12:26 PM

सफाई क्यों दूं । सुंदर गजल

31 Aug 2021 12:57 PM

Sir, धन्यवाद ???

दिल पर जख़्म वो देते हैं ,
पर सितम़गर हमको कहते हैं ,
खुद तो बावफ़ा रह ना सके ,
पर हमको वफ़ा का गुन्हेगार कहते हैं ,
हवा के दोस पर रखे हुए च़राग हैं वो ,
ग़र बुझ गए ,
हमारे गे़सुओं की लहर पर इल्ज़ाम देते हैं,
ग़र अश्क़ पी भी लिए होंठ सी भी लिए ,
हमारी चुप्पी को रूठने का इल्ज़ाम देते हैं,
श़ुक्रिया !

31 Aug 2021 10:50 AM

वाह… बहुत खूब ??

श़ुक्रिया.!

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