Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Aug 2021 · 1 min read

सफाई क्यों दूँ…

जो समझ मुझे सकता नहीं, उसे सफाई क्यों दूँ
जिसका लौटना नामुमकिन है, उसकी दुहाई क्यों दूँ…

जर्रे – जर्रे में कल के, तूफाँ का असर है
बनकर टूटन अब मैं उसे, दिखाई क्यों दूँ…

हर बार जो हो जाता है, बेयक़ीन मेरे सामने
बेपीर को आह बनके, अब सुनाई क्यों दूँ…

तेरे सपनों के शीशे, मेरी आँखों में कैद हैं
बिखर जाएंगे जानकर, उनको रिहाई क्यों दूँ…

कभी आँसू, कभी दर्द, कभी बेरुखी ‘अर्पिता’
तुझसे जो पाया, वो सदियों की कमाई क्यों दूँ…
-✍️देवश्री पारीक ‘अर्पिता’
©®

4 Likes · 5 Comments · 687 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुश्किलों में उम्मीद यूँ मुस्कराती है
मुश्किलों में उम्मीद यूँ मुस्कराती है
VINOD CHAUHAN
Please Help Me...
Please Help Me...
Srishty Bansal
फुदक फुदक कर ऐ गौरैया
फुदक फुदक कर ऐ गौरैया
Rita Singh
नया सपना
नया सपना
Kanchan Khanna
नेता
नेता
surenderpal vaidya
.
.
*Author प्रणय प्रभात*
कुछ अजीब से वाक्या मेरे संग हो रहे हैं
कुछ अजीब से वाक्या मेरे संग हो रहे हैं
Ajad Mandori
I am Cinderella
I am Cinderella
Kavita Chouhan
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
गजेन्द्र गजुर ( Gajendra Gajur )
आविष्कार एक स्वर्णिम अवसर की तलाश है।
आविष्कार एक स्वर्णिम अवसर की तलाश है।
Rj Anand Prajapati
यह सब कुछ
यह सब कुछ
gurudeenverma198
विचार और भाव-2
विचार और भाव-2
कवि रमेशराज
जल सिंधु नहीं तुम शब्द सिंधु हो।
जल सिंधु नहीं तुम शब्द सिंधु हो।
कार्तिक नितिन शर्मा
किसी गैर के पल्लू से बंधी चवन्नी को सिक्का समझना मूर्खता होत
किसी गैर के पल्लू से बंधी चवन्नी को सिक्का समझना मूर्खता होत
विमला महरिया मौज
लीजिए प्रेम का अवलंब
लीजिए प्रेम का अवलंब
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दुनिया का क्या दस्तूर बनाया, मरे तो हि अच्छा बतलाया
दुनिया का क्या दस्तूर बनाया, मरे तो हि अच्छा बतलाया
Anil chobisa
"तुम्हारे शिकवों का अंत चाहता हूँ
दुष्यन्त 'बाबा'
समर्पण.....
समर्पण.....
sushil sarna
*प्रभु का संग परम सुखदाई (चौपाइयॉं)*
*प्रभु का संग परम सुखदाई (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ज्योति
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
सत्य कुमार प्रेमी
बड़े महंगे महगे किरदार है मेरे जिन्दगी में l
बड़े महंगे महगे किरदार है मेरे जिन्दगी में l
Ranjeet kumar patre
सरस्वती वंदना-4
सरस्वती वंदना-4
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जो होता है आज ही होता है
जो होता है आज ही होता है
लक्ष्मी सिंह
है कौन वहां शिखर पर
है कौन वहां शिखर पर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
गुमनाम राही
गुमनाम राही
AMRESH KUMAR VERMA
रास्ते जिंदगी के हंसते हंसते कट जाएंगे
रास्ते जिंदगी के हंसते हंसते कट जाएंगे
कवि दीपक बवेजा
हौसला अगर बुलंद हो
हौसला अगर बुलंद हो
Paras Nath Jha
Be with someone you can call
Be with someone you can call "home".
पूर्वार्थ
चॉंद और सूरज
चॉंद और सूरज
Ravi Ghayal
Loading...