Comments (6)
26 Aug 2021 06:22 PM
बहुत ही उत्कृष्ट रचना
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
Author
26 Aug 2021 06:27 PM
बहुत आभार ??
26 Aug 2021 02:38 PM
Nice
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
Author
26 Aug 2021 02:59 PM
??
हसीन वहम भी कभी हक़ीक़त बन जाती !
“अर्पिता” इसी उम्मीद में ही आंसू बहा जाती !
कभी हॅंसती और कभी वो मुस्कुरा भी जाती !
पर जीवन के अजब-गजब खेल वो समझ नहीं पाती ! ग़ज़ल रूपी बहुत ही सुंदर है ये प्रस्तुति !!
??
धन्यवाद Sir…. ???