■ शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर एक विशेष कविता...
■ काव्यात्मक आह्वान शिक्षकों का...! 【प्रणय प्रभात】 "शिष्ट, क्षमतावान, कर्मठ। जो रहे बस वो है शिक्षक।।" गोद में निर्माण जिसके और पलती है प्रलय भी, कर्म के सौरभ से जिसके...
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