#है_व्यथित_मन_जानने_को.........!!
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
(3) कृष्णवर्णा यामिनी पर छा रही है श्वेत चादर !
*** सैर आसमान की....! ***
ग़ज़ल/नज़्म: एक तेरे ख़्वाब में ही तो हमने हजारों ख़्वाब पाले हैं
जीवन के बसंत
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
तारिक़ फ़तह सदा रहे, सच के लंबरदार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
महोब्बत करो तो सावले रंग से करना गुरु
■ "मान न मान, मैं तेरा मेहमान" की लीक पर चलने का सीधा सा मतल
वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पहले पता है चले की अपना कोन है....