देखता हूँ बार बार घड़ी की तरफ
कितना आसान होता है किसी रिश्ते को बनाना
💐प्रेम कौतुक-320💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
******" दो घड़ी बैठ मेरे पास ******
*नारियों को आजकल, खुद से कमाना आ गया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
मेरे दिल ❤️ में जितने कोने है,