Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2023 · 2 min read

हृद्-कामना….

हृद्-कामना…

यही कामना जग में सबसे, सरल-सहज व्यवहार करूँ।
तेरी कृपा के गुल खिलें तो, उन्हें गले का हार करूँ।।

नहीं चाहिए मुझको प्रभुवर, किस्मत से कुछ भी ज्यादा।
लिखा भाग्य में जितना मेरे, बस उतना स्वीकार करूँ।।

दो रोटी-दो वस्त्रों में भी, जब जीवन चल सकता है।
घुल-घुल कर चिंता में धन की, क्यों खुद को बीमार करूँ।।

हिफ़ाजत चराग़ों की करना, काम यही बस मेरा है।
तूफां की सहगामी बनकर, क्यों अपनों पर वार करूँ।।

कुछ न साथ लाई थी अपने, कुछ न साथ ले जाऊँगी।
लडूँ-मरूँ फिर किसकी खातिर, क्यों जीवन दुश्वार करूँ।।

अपने लिए कमाना खाना, यह तो ढोर-प्रवृत्ति है।
मिल-बाँट सब खाएँ सनेही, खुश-खुश सब त्योहार करूँ।।

धीरज रखना औ गम खाना, मैंने माँ से सीखा है।
संस्कार दिए हैं जो उसने, क्यों उन्हें शर्मसार करूँ ।।

गोद खिलाया जिस बेटे को, थपकी दे-दे पुचकारा।
उसे दूर कर दिल से कैसे, बीच खड़ी दीवार करूँ।।

जिन्हें बनाकर साक्षी अपना, बचपन सुखद गुजारा है।
उन गली-कूँचों को रुसवा, क्यों मैं सरेबाज़ार करूँ।।

बचपन जिया साथ में जिसके, सर नेह-सरोपे रोपे।
धन की खातिर उस भाई से, तू-तू मैं-मैं रार करूँ ?

मुझको मेरे अपने सब जन, प्राणों से भी प्यारे हैं।
फिर क्यों अवहेला कर उनकी, पैसों का व्यापार करूँ।।

यकीं नहीं अपने पर मुझको, सिर्फ भरोसा तुम पर है।
थमा हाथ पतवार तुम्हारे, जीवन-नैया पार करूँ।।

वरद हस्त रख सर पर मेरे, लोभ-मोह प्रभु दूर करो।
परम तत्व का भान मुझे हो, कलुष-वृत्ति संहार करूँ।।

आँकें नयन छवि तुम्हारी, मन-मंदिर में उसे बसा
हर विकार का प्रक्षालन कर, तमस भेद उजियार करूँ।।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)

Language: Hindi
2 Likes · 228 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all
You may also like:
प्रमेय
प्रमेय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्यार का इम्तेहान
प्यार का इम्तेहान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
भर लो नयनों में नीर
भर लो नयनों में नीर
Arti Bhadauria
💐प्रेम कौतुक-320💐
💐प्रेम कौतुक-320💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज
तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज
कवि रमेशराज
दो पल देख लूं जी भर
दो पल देख लूं जी भर
आर एस आघात
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
Santosh Soni
शिल्पकार
शिल्पकार
Surinder blackpen
"उजाड़"
Dr. Kishan tandon kranti
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
संत गाडगे संदेश 5
संत गाडगे संदेश 5
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*सीमा की जो कर रहे, रक्षा उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*सीमा की जो कर रहे, रक्षा उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*अपना भारत*
*अपना भारत*
मनोज कर्ण
❤️🌺मेरी मां🌺❤️
❤️🌺मेरी मां🌺❤️
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
बस, इतना सा करना...गौर से देखते रहना
बस, इतना सा करना...गौर से देखते रहना
Teena Godhia
रंगों का त्योहार है होली।
रंगों का त्योहार है होली।
Satish Srijan
क्रांति की बात ही ना करो
क्रांति की बात ही ना करो
Rohit yadav
ज़िंदगी तेरा हक़
ज़िंदगी तेरा हक़
Dr fauzia Naseem shad
थक गई हूं
थक गई हूं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
खुली आंखें जब भी,
खुली आंखें जब भी,
Lokesh Singh
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"चाँदनी रातें"
Pushpraj Anant
क्या अब भी तुम न बोलोगी
क्या अब भी तुम न बोलोगी
Rekha Drolia
कू कू करती कोयल
कू कू करती कोयल
Mohan Pandey
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
The_dk_poetry
Kya kahun ki kahne ko ab kuchh na raha,
Kya kahun ki kahne ko ab kuchh na raha,
Irfan khan
नीची निगाह से न यूँ नये फ़ित्ने जगाइए ।
नीची निगाह से न यूँ नये फ़ित्ने जगाइए ।
Neelam Sharma
क्या ये गलत है ?
क्या ये गलत है ?
Rakesh Bahanwal
श्रीराम पे बलिहारी
श्रीराम पे बलिहारी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...