चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
बड़े महंगे महगे किरदार है मेरे जिन्दगी में l
कई आबादियों में से कोई आबाद होता है।
तंबाकू खाता रहा , जाने किस को कौन (कुंडलिया)
संसार का स्वरूप(3)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
हसीनाओं से कभी भूलकर भी दिल मत लगाना
Siksha ke vikas ke satat prayash me khud ka yogdan de ,
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आपसे होगा नहीं , मुझसे छोड़ा नहीं जाएगा
काग़ज़ के पुतले बने,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
वो नन्दलाल का कन्हैया वृषभानु की किशोरी