विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
आफ़त
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
सोचके बत्तिहर बुत्ताएल लोकके व्यवहार अंधा होइछ, ढल-फुँनगी पर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
खिचे है लीक जल पर भी,कभी तुम खींचकर देखो ।
दीवारों की चुप्पी में राज हैं दर्द है
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
*कृपा प्रभु की है जो सॉंसों का, क्रम हर क्षण चलाते हैं (मुक्
सितारों की तरह चमकना है, तो सितारों की तरह जलना होगा।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
विद्यार्थी को तनाव थका देता है पढ़ाई नही थकाती
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
बेहिचक बिना नजरे झुकाए वही बात कर सकता है जो निर्दोष है अक्स
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
लक्ष्मी अग्रिम भाग में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
प्राण प्रतीस्था..........
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
*हे महादेव आप दया के सागर है मैं विनती करती हूं कि मुझे क्षम