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#मुक्तक
*प्रणय*
#प्रसंगवश😢
*प्रणय*
■ सोच कर तो देखो ज़रा...।।😊😊
*प्रणय*
■ दिल "पिपरमेंट" सा कोल्ड है भाई साहब! अभी तक...।😊
*प्रणय*
■ बेबी नज़्म...
*प्रणय*
■ जय ब्रह्मांड 😊😊😊
*प्रणय*
■ अभी क्या बिगड़ा है जी! बेटी बाप के घर ही है।।😊
*प्रणय*
■ ज़रूरत है बहाने की। करेंगे वही जो करना है।।
*प्रणय*
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष कविता:-
*प्रणय*
■ एक स्वादिष्ट रचना श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या कान्हा जी के दीवानों के लिए।
*प्रणय*
■ कब तक, क्या-क्या बदलोगे...?
*प्रणय*
■ बिल्ली लड़ाओ, रोटी खाओ अभियान जारी।
*प्रणय*
■ भगवान के लिए, ख़ुदा के वास्ते।।
*प्रणय*
■ "शिक्षा" और "दीक्षा" का अंतर भी समझ लो महाप्रभुओं!!
*प्रणय*
■ आत्मा झूठ नहीं बोलती ना! बस इसीलिए।।
*प्रणय*
■ आज का नमन्।।
*प्रणय*
■ पहले आवेदन (याचना) करो। फिर जुगाड़ लगाओ और पाओ सम्मान छाप प
*प्रणय*
■ दिवस विशेष तो विचार भी विशेष।
*प्रणय*
#क़तआ
*प्रणय*
#आलेख
*प्रणय*
■ शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर एक विशेष कविता...
*प्रणय*
■ फूट गए मुंह सारों के। किनारा कर रहे हैं नपुंसक। निंदा का स
*प्रणय*
■ जिसे जो समझना समझता रहे।
*प्रणय*
#दोहा-
*प्रणय*
■ चाह खत्म तो राह खत्म।
*प्रणय*
#प्रभा कात_चिंतन😊
*प्रणय*
◆धर्म-गीत
*प्रणय*
■ संडे इज़ द फंडे...😊
*प्रणय*
■ आज का शेर...
*प्रणय*
■ और क्या चाहिए...?
*प्रणय*
■ जानवर कहीं के...!!
*प्रणय*
#सामयिक_कविता:-
*प्रणय*
■ चहेतावादी चयनकर्ता।
*प्रणय*
■ सत्यानासी कहीं का।
*प्रणय*
■ मोहल्ला ज़िंदा लोगों से बनता है। बस्ती तो मुर्दों की भी होत
*प्रणय*
#आज_का_शेर-
*प्रणय*
■ भगवान भला करे वैज्ञानिकों का। 😊😊
*प्रणय*
■ आज का शेर-
*प्रणय*
■ eye opener...
*प्रणय*
■ हंसी-ठट्ठे और घिसे-पिटे भाषणों से तो भला होगा नहीं।
*प्रणय*
#शेर-
*प्रणय*
■ अब भी समय है।।
*प्रणय*
#संकट-
*प्रणय*
#दोहा-
*प्रणय*
#ग़ज़ल-
*प्रणय*
■ दुर्जन संगठित, सज्जन विघटित।
*प्रणय*
■ जिजीविषा : जीवन की दिशा।
*प्रणय*
■ समझो रे छुटमैयों...!!
*प्रणय*
■ बेशर्म सियासत दिल्ली की।।
*प्रणय*
■ मुफ़्तखोरों और जुमलेबाज़ों का मुल्क़।
*प्रणय*