विनोद सिल्ला 574 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next विनोद सिल्ला 24 Dec 2020 · 7 min read एक नए सूरज का उदय एक नए सूरज का उदय शहर के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के कार्यालय में पूरी गहमा-गहमी थी| आज खंड की ग्राम पंचायतों को ड्रा द्वारा आरक्षित व अनारक्षित घोषित... Hindi · कहानी 2 1 381 Share विनोद सिल्ला 17 Dec 2020 · 1 min read अपमानित अपमानित मैं अपमानित हूँ सदियों से गौरवान्वित शब्द छुपा रहा धर्मग्रन्थों के पीछे सिंहासन के नीचे सेठों की तिजोरी की आड़ में मेरा धुँधलापन कायम रखने को व्यवस्था ने रचे... Hindi · कविता 4 2 343 Share विनोद सिल्ला 16 Dec 2020 · 7 min read करतारो की अंतिम यात्रा करतारो की अंतिम यात्रा महिलाओं के रोने की आवाज आ रही थी| राधा ने अपने पति बंसी को बताया कि पड़ौसी भजनलाल की मां करतारो का देहांत हो गया| बंसी... Hindi · कहानी 3 4 327 Share विनोद सिल्ला 16 Dec 2020 · 5 min read एक नूर से सब जग उपज्या एक नूर से, सब जग उपज्या महाराष्ट्र के नागपुर शहर के रेलवे स्टेशन से "गोंडवाना एक्सप्रैस" दोपहर के ठीक एक बजकर चालीस मिनट पर, अपने निर्धारित समय पर, दिल्ली जाने... Hindi · कहानी 1 2 258 Share विनोद सिल्ला 16 Dec 2020 · 5 min read एक नूर से सब जग उपज्या एक नूर से, सब जग उपज्या महाराष्ट्र के नागपुर शहर के रेलवे स्टेशन से "गोंडवाना एक्सप्रैस" दोपहर के ठीक एक बजकर चालीस मिनट पर, अपने निर्धारित समय पर, दिल्ली जाने... Hindi · कहानी 2 477 Share विनोद सिल्ला 16 Dec 2020 · 4 min read चोर पर मोर चोर पे मोर गोरखधाम एक्सप्रेस ज्यों ही हिसार से चलकर दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर रुकी| दिल्ली उतरने वाली सवारी अपना-अपना सामान समेट कर उतरने की तैयारी करने लगी| मध्यमवर्गीय... Hindi · कहानी 1 2 398 Share विनोद सिल्ला 16 Dec 2020 · 4 min read कारण बताओ नोटिस कारण बताओ नोटिस आज कार्यालय में अजीबो गरीब शांति थी| सभी अधिकारी/कर्मचारी सदमे में थे| जबकि यह कार्यालय तो हंसी-ठ्ठठों के ठहाकों के लिए विख्यात था| संदिग्ध खामोशी के बारे... Hindi · कहानी 1 2 523 Share विनोद सिल्ला 16 Dec 2020 · 5 min read रंगा शियार रंगा शियार गांव के तालाब पर हमेशा की तरह इधर-उधर की बातों का दौर चर्म पर था| सभी उपस्थित अपनी-अपनी भैंसों को तालाब में पानी पिलाने व नहलाने आए हैं|... Hindi · कहानी 1 2 215 Share विनोद सिल्ला 19 Nov 2020 · 1 min read चमचे चमचे होते हैं चमचे कई प्रकार के कुछ सजीव होते हैं कुछ निर्जीव होते हैं कुछ धातु के कुछ अधातु के होते हैं सब के सब लाए जाते है प्रयोग... Hindi · कविता 1 2 709 Share विनोद सिल्ला 15 Nov 2020 · 1 min read सिर्फ दीप जले सिर्फ दीप जले दीप जले सिर्फ दीप ही जले नहीं जली नफरत नहीं जला बिखराव नहीं जला अलगाव सिर्फ दीप जले तो क्या जले फिर तो मैं सही रहा जिसने... Hindi · कविता 2 507 Share विनोद सिल्ला 15 Nov 2020 · 1 min read बारूदी उत्सव बारूदी उत्सव अमावस्या थी कार्तिक मास की उत्सव था बारूदी मनाया गया धूमधाम से धूम-धड़ाकों ने नहीं सोने दिया रातभर बेरहमों ने जमकर फूंका बारूद नहीं खाया तरस निरिह प्राणियों... Hindi · कविता 1 2 511 Share विनोद सिल्ला 15 Nov 2020 · 1 min read धर्म अफीम है धर्म अफीम है पूरा साल एक-एक पैसे का मोहताज रहने वाला श्रमिक भी धनतेरस को अपनी खून-पसीने की गाढ़ी कमाई से मिलावटी मिठाई आतिशबाजी सेल से अमीरजादों द्वारा नकारा गया... Hindi · कविता 2 639 Share विनोद सिल्ला 14 Nov 2020 · 1 min read बचपन बाल दिवस पर विशेष बचपन मैं हूँ एक अभागा बचपन। समाज द्वारा त्यागा बचपन।। कूड़े से रोटी बीन रहा, भूखी नींद से जागा बचपन।। भूख गरीबी का पहनावा, कहें सभी... Hindi · कविता 2 4 746 Share विनोद सिल्ला 12 Nov 2020 · 1 min read मदद मदद मदद करना नहीं चाहता कोई मदद लेना हर एक चाहता है और हां की हुई मदद तो भूल जाते हैं कभी कोई मदद ना कर पाए तो याद रखते... Hindi · कविता 1 380 Share विनोद सिल्ला 11 Nov 2020 · 1 min read खरीददारी को चले विनोद सिल्ला की कुंडलियां खरीददारी को चले, थैला भर के नोट| बढ़े दाम हर चीज के, जेब में लगे खोट|| जेब में लगे खोट, आमदनी लड़खड़ाए| अर्थतंत्र बेहोश, संभल नहीं... Hindi · कुण्डलिया 1 389 Share विनोद सिल्ला 8 Nov 2020 · 1 min read कुंडलियां विनोद सिल्ला की कुंडलियां दारू मेरे देश में, करती खेल खराब| दारू के कारण हुए, कितने घर बर्बाद|| कितने घर बर्बाद, नाश की राह दिखाए| करते नहीं विचार, इससे नस्लें... Hindi · कुण्डलिया 202 Share विनोद सिल्ला 6 Nov 2020 · 1 min read नेता मेरे देश के विनोद सिल्ला की कुंडलियां नेता मेरे देश के, बोलें सफेद झूठ। जुमले पे जुमला कहें, खूब मचाएं लूट।। खूब मचाए लूट, समझ जनता ना पाए। दंगे होते खूब, लोग संहारे... Hindi · कुण्डलिया 2 256 Share विनोद सिल्ला 6 Nov 2020 · 1 min read भोली जनता लूट ली विनोद सिल्ला की कुंडलियां भोली जनता लूट ली, कर-कर के पाखंड| तार्किकता छोड़ कर के, थाम लिए हैं फंड|| थाम लिए हैं फंड, कई घर बर्बाद हुए| भोले भगतों की... Hindi · कुण्डलिया 1 485 Share विनोद सिल्ला 5 Nov 2020 · 1 min read जनमत जो ना पा सके कुंडलियां जनमत जो ना पा सके, जनता गई नकार| सौंप दिए पद लाभ के, गजब करे सरकार|| गजब करे सरकार, खरा कर दे खोटे को| किस के 'पर' दे काट,... Hindi · कुण्डलिया 1 400 Share विनोद सिल्ला 3 Nov 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां कुंडलियां आलू पचास हो गये, प्याज हुआ सौ पार| टमाटर बड़ा लाल है, करता है तकरार|| करता है तकरार , बने कैसे तरकारी| बंद पड़े सब काम, बेरुखी है सरकारी||... Hindi · कुण्डलिया 1 240 Share विनोद सिल्ला 30 Oct 2020 · 2 min read संस्मरण महामानव 17 जून 2010 को सुबह 3:00 बजे मैं और मेरा परिवार टोहाना के रेलवे स्टेशन पर पहुँच गए| हमने नवयुग एक्सप्रेस में सवार होकर जम्मू के लिए निकलना था|... Hindi · कहानी 1 382 Share विनोद सिल्ला 28 Oct 2020 · 1 min read रावण चरित्रवान था रावण चरित्रवान था बहना के सम्मान में, दे दी अपनी जान| रावण चरित्रवान था , जाने सकल जहान|| जाने सकल जहान , लंकेश सूरवीर था| ताकत में बेजोड़ , रण... Hindi · कुण्डलिया 1 285 Share विनोद सिल्ला 27 Oct 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां .~० $ # कुंडलियां # $ ०~. भगवान था कलयुग का, करता था सतसंग| भगतजनों की भीड़ थी, चढ़ा भगति का रंग|| चढ़ा भगति का रंग, चढ़ावा चौखा आए| बाबा... Hindi · कुण्डलिया 2 220 Share विनोद सिल्ला 24 Oct 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां पहले पैरों में पड़ें पहले पैरों में पड़ें, फिर फेरें ये आंख| चुनाव की रणनीति में, गिर जाए चाहे साख|| गिर जाए चाहे साख, तिकड़म हजार लड़ाएं| शर्म हया सब... Hindi · कुण्डलिया 174 Share विनोद सिल्ला 23 Oct 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां कुंडलियां मिठाई है मिलावटी, मिलावट का पनीर| नकली ही मावा बना, परखो मेरे वीर|| परखो मेरे वीर, नहीं तो पछताओगे| सेहत का नुकसान, दवाई भी खाओगे|| कह सिल्ला कविराय, अजीब... Hindi · कुण्डलिया 2 328 Share विनोद सिल्ला 21 Oct 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां नेता चुग ले वोट जनता चाहे अमन को, नेता चाहे राड़| कैसी विडंबना हुई, खेत खा रही बाड़|| खेत खा रही बाड़, चौकन्ना रहना भाई| लुट ना जाए माल, रखा... Hindi · कुण्डलिया 1 215 Share विनोद सिल्ला 20 Oct 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां पाखंड भोली जनता लूट ली, कर कर के पाखंड| विसार कर तार्किकता , थाम लिए हैं फंड|| थाम लिए हैं फंड , घर कई बर्बाद हुए| भोले भक्तों की भीड़... Hindi · कुण्डलिया 1 520 Share विनोद सिल्ला 20 Oct 2020 · 1 min read ये नेता के खेल ये नेता के खेल आटा रिश्वत में लिया , हराम का है तेल| बाकी सब बेगार में , ये नेता के खेल|| ये नेता के खेल , कमीशन मोटा आए|... Hindi · कुण्डलिया 1 332 Share विनोद सिल्ला 17 Oct 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां लोकतन्त्र मूल भावना खो गई, लोकतंत्र की आज| निवेश पूंजीपति करें, वही चलाएं राज|| वही चलाएं राज, भाड़ में जाए जनता| सत्ता बनी व्यापार, आमजन रहे उफनता|| कह सिल्ला कविराय,... Hindi · कुण्डलिया 2 4 259 Share विनोद सिल्ला 17 Oct 2020 · 2 min read बात जो दिल को छू गई बात जो दिल को छू गई 06 अक्तूबर 2019 को जबलपुर से ट्रेन में सवार हो कर, मैं और नरेश खोखर घर वापसी के लिए निकले| जबलपुर प्रवास के दौरान... Hindi · कहानी 1 305 Share विनोद सिल्ला 15 Oct 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां कुंडलियां सूटकेश नोटों भरे सूटकेश नोटों भरे , ले ले मेरे वीर| देके अपना समरथन, हर ले मेरी पीर|| हर ले मेरी पीर, मैं पा जाऊंगा सत्ता| मैं छापूंगा नोट... Hindi · कुण्डलिया 1 2 221 Share विनोद सिल्ला 15 Oct 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां डॉ. अब्दुल कलाम की जयंती पर कुंडलियां भारत रत्न कलाम थे, बातें जिनकी खास| देश सदा उन्नति करे, खिलते रहें पलाश|| खिलते रहें पलाश, देश में अमन ही रहे| भारत... Hindi · कुण्डलिया 1 1 184 Share विनोद सिल्ला 11 Oct 2020 · 1 min read टूट गया जो पेड़ से विनोद सिल्ला की कुंडलियां टूट गया जो पेड़ से , होए पात खराब| जड़ से जो है कट गया , रहता नहीं लुआब|| रहता नहीं लुआब, ठूंठ सूखा रह जाए|... Hindi · कुण्डलिया 1 2 227 Share विनोद सिल्ला 10 Oct 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां कुंडलियां छाती तरसे स्नेह को, पीठ झेलती वार| दगेबाज तो जय हुआ, वफा मनाए हार|| वफा मनाए हार, चाल बदल गई भाई| स्वार्थी सबकी प्रीत, विपत में कौन सहाई|| कह... Hindi · कुण्डलिया 1 206 Share विनोद सिल्ला 9 Oct 2020 · 1 min read साहब कांसीराम विनोद सिल्ला की कुंडलियां साहब कांसीराम थे , हम सबके महबूब| सोच बड़ी लेकर चले , मिशन चलाया खूब|| मिशन चलाया खूब, जगाया था बहुजन को| सरकारी पद त्याग ,... Hindi · कुण्डलिया 1 2 321 Share विनोद सिल्ला 9 Oct 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां कुंडलियां राज भले हो किसी का, थे रामविलास वजीर| लो. ज. पा. दल बना गए, नेता धीर गंभीर|| नेता धीर गंभीर, उपनाम पासवान था| वंचित का कल्याण, करने पर ही... Hindi · कुण्डलिया 2 230 Share विनोद सिल्ला 7 Oct 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां कुंडलियां बेटी मेरे देश की, झेले अत्याचार| मूक दर्शक बनी सत्ता, मूक हुआ अखबार|| मूक हुआ अखबार, रक्षक भक्षक बन गए| किसकी यहाँ मजाल, डंडे लेकर ठन गए|| कह 'सिल्ला'... Hindi · कुण्डलिया 2 170 Share विनोद सिल्ला 6 Oct 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां आए मेरे द्वार पर आए मेरे द्वार पर , बहुत दिनों के बाद | भूल गए थे मुझे तुम , अब आई है याद || अब आई है याद ,... Hindi · कुण्डलिया 1 171 Share विनोद सिल्ला 6 Oct 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां जातिवाद है चर्म पे, समता हुई विलीन| भेदभाव है हो रहा, है हालत. गमगीन|| है हालत गमगीन, सुनाई नहीं दलित की| जाति बिघन का मूल, बनी सभी के अहित की||... Hindi · कुण्डलिया 2 161 Share विनोद सिल्ला 6 Oct 2020 · 1 min read समाचार विवेक कोरोना महामारी को लेकर "प्रधानमंत्री केयर फंड" में दान करके गर्व महसूस कर रहा था| अपने सहकर्मियों को भी दान करने के लिए प्रेरित कर रहा था| वह दान... Hindi · लघु कथा 1 338 Share विनोद सिल्ला 1 Oct 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां भेदभाव सिर चढ़ गया, समानता है क्षीण| कामयाब बस है वही, जो कपट में प्रवीण|| जो कपट में प्रवीण, उसकी दासी है सत्ता| सकल सुख सत्ता संग, सत्ता समक्ष सब... Hindi · कुण्डलिया 1 2 353 Share विनोद सिल्ला 17 Sep 2020 · 1 min read स्वतंत्र स्वतंत्र क्या मैं स्वतंत्र हूँ नहीं मुझे रोक रखा है सरहदों ने स्वतन्त्र तो पक्षी हैं नहीं रोक सकतीं जिन्हें सरहद भी सरहद के इस पार भी सरहद के उस... Hindi · कविता 2 427 Share विनोद सिल्ला 12 Sep 2020 · 1 min read हिन्दी दिवस हिन्दी दिवस हिन्दी दिवस पर देखकर हर दुकान हर प्रतिष्ठान मैं था हैरान जिन पर था लिखा अंग्रेजी में नाम जबकि मैं था हिन्दी का चाहवान घूमा शहर तमाम अंत... Hindi · कविता 2 1 184 Share विनोद सिल्ला 12 Sep 2020 · 1 min read दुम दुम अवसर था अपने शहर में उपमंडल स्तर के आयोजन का जाने कितने छुटभैये दुम हिलाते लगा रहे थे चक्कर प्रशासनिक अमले के करने के लिए स्वार्थ-सिद्ध उन्हें पता है... Hindi · कविता 1 1 391 Share विनोद सिल्ला 12 Sep 2020 · 1 min read सब शिकायतें सब शिकायतें दूर -विनोद सिल्ला एक रोज मेरे विद्यालय में चल रहा था सफाई अभियान उठा रहे थे बिखरे कूड़ा-कर्कट को मैं और मेरे छात्र एक छात्र सचिन कूड़े के... Hindi · कविता 1 1 328 Share विनोद सिल्ला 12 Sep 2020 · 1 min read डाकबाबू डाकबाबू जब भी आता था डाक बाबू लिए हुए डाक मुहल्ले भर की उत्सुकतावश हो जाते थे एकत्रित उसके चारों ओर मुहल्ले भर के लोग करते थे चेष्टा जानने की... Hindi · कविता 1 2 277 Share विनोद सिल्ला 12 Sep 2020 · 1 min read सफाई अभियान सफाई अभियान आज मलीन बस्ती में थी गहमागहमी जो बङे वाले नेता उठा के झाङू आए थे शुरू करने सफाई अभियान बस्ती का रामू जो हमेशा से सफाई कार्य रहा... Hindi · कविता 1 1 377 Share विनोद सिल्ला 12 Sep 2020 · 1 min read लजीज खाना लजीज खाना मैं जब कई दिनों बाद गया गाँव माँ ने अपने हाथों से बनाई रोटी कद्दू की बनाई मसाले रहित सब्जी रोटी पर रखा मक्खन लस्सी का भर दिया... Hindi · कविता 1 1 332 Share विनोद सिल्ला 12 Sep 2020 · 1 min read कीमत चुकानी पड़ेगी कीमत चुकानी पड़ेगी बोलोगे तो कीमत चुकानी पड़ेगी चुप रहोगे तो कीमत आने वाली पीढ़ियों को भी चुकानी पड़ेगी बोलिए आवाज बुलंद कीजिए अभी चुका दीजिए कीमत उधार ठीक नहीं... Hindi · कविता 1 4 376 Share विनोद सिल्ला 12 Sep 2020 · 1 min read बाजारतंत्र बाजार तंत्र मैं कभी नहीं गया विदेश विदेशी सामान खरीदने न ही कभी कोई विदेशी कंपनी मेरे पास आई अपने उत्पाद बेचने विदेशी वस्तुओं का आयात किया आपके बाजार तंत्र... Hindi · कविता 2 1 362 Share Previous Page 5 Next