surenderpal vaidya 525 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next surenderpal vaidya 4 Feb 2024 · 1 min read * मुक्तक * * मुक्तक * चाहतों के फूल अधरों पर खिला कर देखिए। दूरियां अब मध्य की सारी हटाकर देखिए। जान लें यह जिन्दगी है खिलखिलाने के लिए। भावना शुभ प्रीति की... Quote Writer 1 1 230 Share surenderpal vaidya 1 Feb 2024 · 1 min read * वर्षा ऋतु * ** मुक्तक ** ~~ रिमझिम बारिशों का क्रम लिए सावन चला आया। मेघों से भरा नभ खूब सब के मन को है भाया। बहुत उत्सुक हुआ है मन मिलन की... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक · वर्षा ऋतु 1 110 Share surenderpal vaidya 1 Feb 2024 · 1 min read * गीत प्यारा गुनगुनायें * ** नवगीत ** ~~ प्रकृति के साथ हिलमिल, गीत प्यारा गुनगुनायें। भोर की बेला सुनहरी, प्राणियों ने चक्षु खोले। मिट गई तम श्रृंखलायेँ, और लब पर सुर अबोले। पाखियों के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · नवगीत 1 1 161 Share surenderpal vaidya 1 Feb 2024 · 1 min read * नव जागरण * ** नवगीत ** ~~ संगीत का अब प्रकृति में हो रहा नव जागरण। शीत से कुछ थम गई थी, और मद्धम हो गई थी। किन्तु वासंती लहर का, हो रहा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · नव जागरण · नवगीत 1 1 157 Share surenderpal vaidya 31 Jan 2024 · 1 min read * विदा हुआ है फागुन * ** नवगीत ** ~~~~~~~~~~~~~ नई कोंपलों से पेड़ों को, भर कर विदा हुआ है फागुन। ठंडी ठंडी हवा चलेगी, तपती दोपहरी में। और सघन सी छाया होगी। चुभन भरी गर्मी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · नवगीत · फागुन 1 115 Share surenderpal vaidya 31 Jan 2024 · 1 min read * राह चुनने का समय * ** नवगीत ** ~~~~~~~~~~ अब नहीँ चुपचाप बैठो, राह चुनने का समय है। ~~ आज सत्ता के खिलाड़ी, वोट के याचक बने हैं। स्याह दिल भीतर छिपाये, भगत बगुले से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · नवगीत 102 Share surenderpal vaidya 31 Jan 2024 · 1 min read * चाहतों में * ** नवगीत ** ~~~~~~~~~~~~ चाहतों में गुजर गया जीवन। जब वो आये सँवर गया जीवन। आंसूओं को बहुत पिया मैंने, दर्द चुपके से सह लिया मैंने। जिन्दगी की तमाम खुशियों... Poetry Writing Challenge-2 · नवगीत 1 1 142 Share surenderpal vaidya 31 Jan 2024 · 1 min read * गीत कोई * ** नवगीत ** ~~ गीत कोई गुनगुनाता जा रहा है पर्वतों की चोटियों में और गहरी घाटियों में बह रही शीतल हवा को कौन महकाता रहा है खिल रहे सुन्दर... Poetry Writing Challenge-2 · नवगीत 1 1 167 Share surenderpal vaidya 31 Jan 2024 · 1 min read * सुहाती धूप * ** नवगीत ** ~~ सर्दी के मौसम में देखो सबको खूब सुहाती धूप श्वेत दुधिया रंग लिए धुंध पड़ी हर ओर शीतलता से हो रहा कंपित है हर छोर सहसा... Poetry Writing Challenge-2 · नवगीत · सुहाती धूप 1 1 121 Share surenderpal vaidya 31 Jan 2024 · 1 min read ** मुक्तक ** ** मुक्तक ** भोर की शुभ घड़ी आ रही सामने। छोड़ दो स्वप्न देखे बहुत रात ने। मौन से हैं अधर मुस्कुराहट खिली। तितलियां अलि सभी लग पड़े जागने। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~... Quote Writer 1 1 153 Share surenderpal vaidya 30 Jan 2024 · 1 min read * नव जागरण * ** नवगीत ** ~~ संगीत का अब प्रकृति में हो रहा नव जागरण। शीत से कुछ थम गई थी, और मद्धम हो गई थी। किन्तु वासंती लहर का, हो रहा... Poetry Writing Challenge-2 · जागरण · नवगीत 1 1 239 Share surenderpal vaidya 30 Jan 2024 · 1 min read * खिल उठती चंपा * ** नवगीत ** ~~~~~~~~~~~ *खिल उठती चंपा* रोज सुबह, खिल उठती चंपा। इस पुण्य धरा पर होती पोषित, खूब फैलती और फूलती। हरियाली साड़ी धारण कर, खड़ी खड़ी इठलाती जाती।... Poetry Writing Challenge-2 · चंपापुष्प · नवगीत 1 1 158 Share surenderpal vaidya 27 Jan 2024 · 1 min read * मिल बढ़ो आगे * ** आगे निरन्तर ** ~~ देश हित की जिन्दगी को सब जियो आगे निरन्तर, मात कर सब संकटों को मिल बढ़ो आगे निरन्तर। हाथ में थामें तिरंगा नित बढ़ें आगे... Poetry Writing Challenge-2 · आह्वान · गीतिका 1 1 154 Share surenderpal vaidya 27 Jan 2024 · 1 min read * सुन्दर झुरमुट बांस के * * गीतिका * ~~ हर मौसम को सह जाते हैं सुन्दर झुरमुट बांस के हर धरती पर उग आते हैं सुन्दर झुरमुट बांस के मैदानी भागों से लेकर पर्वत वाली... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · बांस 1 1 134 Share surenderpal vaidya 27 Jan 2024 · 1 min read * चलते रहो * ** मुक्तक ** ~~ कार्य सब होते समय पर कष्ट कुछ सहते रहो। जल्दबाजी छोड़ कर कुछ धैर्य भी धरते रहो। साथ देता है समय हालात जब अनुकूल हो। सामने... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका छंद · मुक्तक 1 1 117 Share surenderpal vaidya 26 Jan 2024 · 1 min read * उपहार * ** मुक्तक ** ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ बहुत अनमोल जीवन में समझ लो प्यार होता है। सुपावन और नैसर्गिक यही उपहार होता है। कहीं भी स्वार्थ की चाहत नहीं होती जहां कोई। वहां... Hindi · भेंट उपहार · मुक्तक · विधाता छंद 1 1 187 Share surenderpal vaidya 26 Jan 2024 · 1 min read राम की आराधना ** घनाक्षरी ** ~~ राम की आराधना के फलस्वरूप देखिए, कष्ट जिन्दगी के सब खत्म होते जा रहे। मन्दिर बना है भव्य राम जन्मभूमि पर, आयाम पुण्य धाम के दिव्यता... Poetry Writing Challenge-2 · घनाक्षरी छंद · राम आराधना 1 1 194 Share surenderpal vaidya 23 Jan 2024 · 1 min read * आओ ध्यान करें * ** गीतिका * ~~ दशरथ नंदन राम का, आओ ध्यान करें। भावपूर्ण शुभ भक्ति का, हम रसपान करें। हर्षित होकर देखते, प्रभु निज धाम स्वयं। दिव्य रूप छवि भव्य है,... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · जय श्रीराम 1 1 171 Share surenderpal vaidya 22 Jan 2024 · 1 min read * आए राम हैं * राष्ट्रीय पर्व महोत्सव ** जय श्रीराम ** ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ ** गीतिका ** ~~ धर्म का जय रथ लिए निज धाम आए राम हैं। विश्व नभ पर आज हर्षित खूब छाए राम... Hindi · गीतिका · गीतिका छंद · राम हैं 1 1 170 Share surenderpal vaidya 21 Jan 2024 · 1 min read * प्रभु राम के * ** गीतिका ** ~~ उठा राम का जन के मन में, भक्तिभाव शुभ ज्वार। प्रभु राम के हृदय में जागा, भक्तों के हित प्यार। राम आ गये अवधपुरी में, नैसर्गिक... Hindi · गीतिका · श्रीराम · सरसी छंद 1 1 173 Share surenderpal vaidya 21 Jan 2024 · 1 min read * मुक्तक * * मुक्तक * हो गयी है अनकही बातें पुरानी देखिए। किंतु थम जाती नहीं उनकी रवानी देखिए। याद आ जाती कभी जब भी अचानक वो हमें। बुन रही होती सहज... Quote Writer 1 1 133 Share surenderpal vaidya 18 Jan 2024 · 1 min read * खूब कीजिए प्यार * ** गीत ** ~~ छोड़ दीजिए चिन्ता सारी, खूब कीजिए प्यार। जीवन हो आनन्दमय, स्नेह भरा व्यवहार। निशा बीतने पर हुई, सुन्दर स्वर्णिम भोर। फूलों की बगिया खिली, महक उठी... Hindi · गीत · सरसी छंद 1 1 181 Share surenderpal vaidya 15 Jan 2024 · 1 min read ** मुक्तक ** ** मुक्तक ** अवधपुरी की नित्य ही, बढ़ी जा रही शान। अखिल विश्व में राम का, चमक रहा दिनमान। दिया विश्व बंधुत्व का, सबको शुभ संदेश। सत्य सनातन धर्म की,... Quote Writer 1 1 187 Share surenderpal vaidya 15 Jan 2024 · 1 min read * पहचान की * ** गीतिका ** ~~ है जरूरत नहीं आज पहचान की। देख लो रौशनी खूब दिनमान की। फूल खिलने लगे मुस्कुराने लगे। खूब कीमत रही आज मुस्कान की। मुश्किलें जब कभी... Hindi · २१२×४ · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी 1 1 149 Share surenderpal vaidya 11 Jan 2024 · 1 min read * अवधपुरी की ओर * ** मुक्तक ** ~~ कदम सभी के बढ़ रहे, अवधपुरी की ओर। हर्षित जन समुदाय का, कोई ओर न छोर। सभी दिशाओं में सजे, स्वागत द्वार विशाल। भव्य अयोध्या देखकर,... Hindi · मुक्तक · राम मंदिर 1 1 156 Share surenderpal vaidya 11 Jan 2024 · 1 min read * धन्य अयोध्याधाम है * ** गीत ** ~~ भारत की यह धरा धन्य है, धन्य अयोध्याधाम हैं। खूब दिवाली सभी मनाओ, आए प्रभु श्रीराम हैं। छोटे छोटे शर तरकश में, धनुष लिए कर में... Hindi · ShriRamBhajan · अयोध्याधाम · गीत · लावणी छंद 1 1 175 Share surenderpal vaidya 10 Jan 2024 · 1 min read * मुक्तक * * मुक्तक * आंधियों में सहज जल उठेंगे दिए। आस मन में जरा सी जगा दीजिए। सब बढ़े जा रहे सबके गंतव्य हैं। कौन रुकता यहां है किसी के लिए।... Quote Writer 1 1 195 Share surenderpal vaidya 7 Jan 2024 · 1 min read * कुण्डलिया * * कुण्डलिया * बढता हरपल जा रहा, सघन धुंध का जोर। सर्द ऋतु की भोर में, इधर उधर हर ओर। इधर उधर हर ओर, शांत माहौल बना है। घर में... Quote Writer 2 1 213 Share surenderpal vaidya 6 Jan 2024 · 1 min read * जन्मभूमि का धाम * ** मुक्तक ** ~~ शीघ्र सुलभ होंगे हमें, दर्शन शुभ अभिराम। पुनः भव्य निर्मित हुआ, जन्मभूमि का धाम। राम लगाते हैं हमें, भव सागर से पार। बिसराना बिल्कुल नहीं, अति... Hindi · दोहा छंद · मुक्तक · राम जन्म भूमि · सरसी छंद 1 1 177 Share surenderpal vaidya 6 Jan 2024 · 1 min read * संसार में * ** गीतिका ** ~~ हर तरह के लोग हैं संसार में। किन्तु है आनंद केवल प्यार में। पास आएं और बतियाएं सहज। है मजा देखो बहुत इजहार में। पालना कर्तव्य... Hindi · आनन्दवर्धक छंद · गीतिका 1 1 189 Share surenderpal vaidya 2 Jan 2024 · 1 min read * पत्ते झड़ते जा रहे * ** कुण्डलिया ** ~~ पत्ते झड़ते जा रहे, सब वृक्षों के खूब। और सूखती जा रही, हरी भरी सी दूब। हरी भरी सी दूब, शीत ने दस्तक दी है। मुरझाए... Hindi · कुण्डलिया · पतझड़ 1 1 187 Share surenderpal vaidya 27 Dec 2023 · 1 min read * मुस्कुराते हुए * ** गीतिका ** ~~ सामने आ गये मुस्कुराते हुए। जल उठे हैं ह्रदय में अनेकों दिए। अब हमें यह पता चल गया क्या कहें। हम निशा में भटकते हुए क्यों... Hindi · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी 1 3 167 Share surenderpal vaidya 26 Dec 2023 · 1 min read * लोकार्पण * भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आद. जगत प्रकाश नड्डा जी के हिमाचल प्रवास के दौरान मण्डी परिधि गृह में दिनांक १६ दिसंबर, २०२३ को आयोजित अभिनंदन समारोह में पूर्व... Hindi · नील नभ के छोर · पुस्तक लोकार्पण 1 1 222 Share surenderpal vaidya 26 Dec 2023 · 1 min read * चान्दनी में मन * ** गीतिका ** ~~ हृदय में स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाता है। निशा है चान्दनी में मन हमेशा डूब जाता है। बिखरती चन्द्रिका भू-पर रजत आभा लिए जब भी।... Hindi · गीतिका · चन्द्रिका · ज्योत्सना · विधाता छंद 136 Share surenderpal vaidya 24 Dec 2023 · 1 min read * प्रेम पथ पर * ** गीतिका ** ~~ प्रेम के पथ पर कदम आगे बढ़ाएं। सुप्त अपनी भावनाओं को जगाएं। जान लेना कौन है अपना पराया। व्यर्थ में यूं ही कभी ठोकर न खाएं।... Hindi · गीतिका · सार्द्धमनोरम 1 1 182 Share surenderpal vaidya 24 Dec 2023 · 1 min read * गीत मनभावन सुनाकर * ** गीतिका ** ~~ गीत मनभावन सुनाकर जाइये। और सबके खूब मन को भाइये। जिन्दगी में है बहुत दुश्वारियां। चाहते हो तो हमें बतलाइये। काम हिम्मत से तनिक अब लीजिए।... Hindi · आनंदवर्धक छंद · गीतिका 1 1 149 Share surenderpal vaidya 22 Dec 2023 · 1 min read * भोर समय की * ** गीतिका ** ~~ जब प्राची में रक्तिम आभा, ऊषा ने है बिखरायी। भोर समय की शुभ वेला में, सुन्दर कलियां मुस्कायी। खिल जाती जब धूप सहज ही, धुंध सिमटने... Hindi · गीतिका · लावणी छंद 1 1 224 Share surenderpal vaidya 18 Dec 2023 · 1 min read मुस्कुराते हुए सब बता दो। मुस्कुराते हुए सब बता दो। बात मन में नहीं आज रखना। लोग आंखों में सब देख लेंगे। यह सभी आपको है समझना। ~~~~~ - सुरेन्द्रपाल वैद्य, १८/१२/२०२३ Quote Writer 1 1 339 Share surenderpal vaidya 15 Dec 2023 · 1 min read * जगो उमंग में * ** गीतिका ** ~~ विशाद से भरी हरेक बात को भुलाइए। जगो उमंग में जरा नया निखार लाइए। सुगंध से भरे हुए खिले खिले गुलाब हैं। कली दिखा रही नये... Hindi · गीतिका · ज र ज र ज ग · पंच चामर छंद 1 1 212 Share surenderpal vaidya 6 Dec 2023 · 1 min read * इस धरा को * ** गीतिका ** ~~ इस धरा को खूबसूरत हम बनाएं। पुष्प भावों के सुगंधित सब खिलाएं। प्रीति के शुभ गीत हों सबके अधर पर। साथ मिलकर गान सुमधुर गुनगुनाएं। मुश्किलों... Hindi · गीतिका · पियूष निर्झर छंद 1 1 179 Share surenderpal vaidya 5 Dec 2023 · 1 min read किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम। किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम। कभी भावना में बहेंगे नहीं हम। खिले मन लिए जब दिशा एक होगी। हुए बिन सफल अब रहेंगे नहीं हम ~~~~~ -सुरेन्द्रपाल वैद्य,... Quote Writer 1 1 191 Share surenderpal vaidya 4 Dec 2023 · 1 min read * सिला प्यार का * ** गीतिका ** ~~ कभी मन किसी से लगेगा नहीं। सिला प्यार का कुछ मिलेगा नहीं। फुहारें बरसने लगी देखिए। मचलने लगा मन रुकेगा नहीं। कहीं कुछ ग़लत तो हुआ... Hindi · गीतिका · वाचिक भुजंगी छंद 1 1 196 Share surenderpal vaidya 4 Dec 2023 · 1 min read पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव। पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव। क्या नहीं है इस जहां में हो नहीं संभव। स्नेह से अपने हृदय में झांक कर देखो। एक नैसर्गिक समय का हो रहा... Quote Writer 1 1 296 Share surenderpal vaidya 1 Dec 2023 · 1 min read ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर। ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर। शिथिल यामिनी हो रही, देखो चारों ओर। ऊषा लेकर आ रही, स्वर्ण रश्मि की थाल। होगा आभामय अभी, प्राची का शुभ छोर।... Quote Writer 1 1 252 Share surenderpal vaidya 30 Nov 2023 · 1 min read * प्यार की बातें * ** गीतिका ** ~~ बरसती जा रही हैं खूब बरसातें। कबूतर कर रहे हैं प्यार की बातें। खुला छाता मिला है लाल सुन्दर सा। कभी कुदरत दिखाती हैं करामातें। करें... Hindi · गीतिका · पर्यावरण संरक्षण · प्यार · सिंधु 233 Share surenderpal vaidya 30 Nov 2023 · 1 min read मन ही मन में मुस्कुराता कौन है। मन ही मन में मुस्कुराता कौन है। गीत सुन्दर गुनगुनाता कौन है। इन्द्रधनुषी रंग की मनहर छटाएं। नित्य कुदरत में सजाता कौन है। ~~~~~~~~~~ -सुरेन्द्रपाल वैद्य, ३०/११/२०२३ Quote Writer 2 2 296 Share surenderpal vaidya 29 Nov 2023 · 1 min read बादलों को आज आने दीजिए। बादलों को आज आने दीजिए। और नभ पर खूब छाने दीजिए। लग रही है प्रिय बहुत श्यामल घटा। शुभ घड़ी को मुस्कुराने दीजिए। ~~~~~~~ -सुरेन्द्रपाल वैद्य, २९/११/२०२३ Quote Writer 1 1 289 Share surenderpal vaidya 27 Nov 2023 · 1 min read * थके नयन हैं * ** गीतिका ** ~ राह देखते थके नयन हैं, आ जाना करना नहीं देर। देखो सुन्दर नीले नभ को, श्याम घटाएं रही हैं घेर। सावन का मौसम आने में, अब... Hindi · गीतिका · द्विगुणित पद्धरि 1 1 353 Share surenderpal vaidya 27 Nov 2023 · 1 min read धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष। धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष। इसी दिशा में मिल सभी, करें विचार विमर्श। जीवन शैली श्रेष्ठ हो, रहें स्वस्थ सब लोग। और सभी का हित लिए, हर प्राणी... Quote Writer · मुक्तक 1 1 377 Share surenderpal vaidya 26 Nov 2023 · 1 min read * किधर वो गया है * ** गीतिका ** ~~ मुहब्बत भरा पत्र जिस को गया है। बता दीजिए अब किधर वो गया है। महकती रही रात भर खूब खिलकर। खिला पुष्प बेला निखर जो गया... Hindi · गीतिका · भुजंग प्रयात छंद 1 1 172 Share Previous Page 5 Next