पंकज कुमार कर्ण Language: Hindi 252 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next पंकज कुमार कर्ण 6 Jul 2021 · 1 min read "घटना और दुर्घटना" "घटना और दुर्घटना" ?️?️?️?️?️ घटना, घटना सदा जरूरी होती है, हर घटने की कोई मजबूरी होती है। घटनों के घटने के भी, कई घटक होते है, घटनाें को घटाने हेतु... Hindi · कविता 6 6 815 Share पंकज कुमार कर्ण 5 Jul 2021 · 1 min read "शुतुरमुर्ग" "शुतुरमुर्ग" ??? बहुत ज्यादा शातिर होता, ये उड़ानरहित प्राणी, होती इसकी तीक्ष्ण दृष्टि, श्रवण शक्ति और घ्राणी। शायद देख-सुन और, सूंघ कर ही जान जाता, अब यहां आयेगा कोई, शक्तिहीन... Hindi · कविता 10 4 663 Share पंकज कुमार कर्ण 3 Jul 2021 · 1 min read "एक और दंगल" "एक और दंगल" ??________?? एक अमीर , दो को कर, गरीब; पता नही अब , वो जायेगा, किसके करीब। हम दोष दें, किसको आखिर, जब सामने हो, बड़ा शातिर। देख... Hindi · कविता 6 2 993 Share पंकज कुमार कर्ण 3 Jul 2021 · 1 min read "शुक्र है, वो चली गई"⭐ "शुक्र है, वो चली गई" ⭐⭐⭐⭐⭐⭐ जाना तो है,सबको एक दिन; सही समय पर वो चली गई। शुक्र है, वो चली गई। वो देख ना पाती, आज का खेला; वैसे... Hindi · कविता 6 4 523 Share पंकज कुमार कर्ण 2 Jul 2021 · 7 min read "लड़की हुई है" "लड़की हुई है" ^^^^^^^^^^^^^ """"""""""”""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" मेरे एक घनिष्ट मित्र रवि जो एक निजी कंपनी में काम करता था। रवि की आय ज्यादा नही थी, किसी प्रकार अपने परिवार का भरण-पोषण... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 12 15 2k Share पंकज कुमार कर्ण 1 Jul 2021 · 1 min read "चिकित्सक" एक रक्षक??? "चिकित्सक" एक रक्षक ?????? डॉक्टर दिवस(1 जुलाई) पर विशेष....... ?????????? ईश्वर ने , जीवों में प्राण समाया; फिर रोग और कष्ट में भी लाया। तब एक फरिश्ता, हमे बचाने आया;... Hindi · कविता 7 4 428 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Jun 2021 · 1 min read *सेवानिवृत्ति* "सेवानिवृत्ति" गुलामी की जंजीरों से हुए आजाद, आज; छुपाएं होंगे आप, दिल में कितने ही राज। अब कल से हर पल है, आपका ही अपना, अब पूरे होंगे, आपके जीवन... Hindi · कविता 8 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 30 Jun 2021 · 1 min read "गजराज" "गजराज" ??? देखो ये गजराज कितना बड़ा है, चार पांव पे ये आज कैसे खड़ा है। इसका तुम, जरा गुरूर देखो; पूछ से लंबी इसकी सूढ़ देखो। देखो जरा, इसकी... Hindi · कविता · बाल कविता 8 2 647 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Jun 2021 · 1 min read उसकी गलती उसकी गलती ,( मुक्तक) उसकी गलती, जाओ सभी भूल। वह है, एक नन्ही प्यारी सी फूल। उसका मन, हुआ जो मायूस तो; समीक्षक को, कतई नहीं कबूल। ..........✍️ "पंकज कर्ण" Hindi · मुक्तक 7 2 554 Share पंकज कुमार कर्ण 27 Jun 2021 · 1 min read "ऐ पथिक तू संभल जरा" "ऐ पथिक संभल जरा" ?????? ऐ पथिक तू संभल जरा, तू सोचता क्या,खड़ा-खड़ा; उधर भी जरा नजर दौड़ा, की कौन कहां, कैसे मरा। ऐ पथिक तू संभल जरा..... मत बन,... Hindi · कविता 7 1k Share पंकज कुमार कर्ण 26 Jun 2021 · 1 min read "कवि"@मुक्तक** "कवि"@मुक्तक** ????? किसी को पानी ने कवि बनाया। किसी को माता ने कवि बनाया। कोई कवि बना, अपने कष्ट से, हमको,"विधाता"ने कवि बनाया। स्वरचित सह मौलिक ...... ✍️पंकज "कर्ण" ................कटिहार। Hindi · मुक्तक 6 1 800 Share पंकज कुमार कर्ण 25 Jun 2021 · 1 min read "काव्य-संदेश" "काव्य-संदेश" ✍️✍️✍️✍️ काव्य को अगर रस ने भिंगाई , तो कई भाव हैं, इसके स्थायी; समझना चाहिए सब कवि को, जिसने कोई भी कविता बनाई। जब भाव ही नहीं रहेगा,... Hindi · कविता 9 5 913 Share पंकज कुमार कर्ण 25 Jun 2021 · 1 min read हाइकु~"झूमे मोर"" हाइकु~ "झूमे मोर" ????? घटा जो छाए नाचना है मजबूरी नाचे मयूरी। ^^^^^^^^^^^^^^^^ मनभावन दृश्य अलौकिक है झूमे मोर। ^^^^^^^^^^^^^^^^^ अंबर नीचे जंगल में मंगल विहग गाये। ^^^^^^^^^^^^^^^^^^ स्वरचित सह... Hindi · हाइकु 5 514 Share पंकज कुमार कर्ण 24 Jun 2021 · 2 min read "मैं क्षमता हूॅं" "मैं क्षमता हूॅं" ??? मैं हूॅं, अपने देश, नही कोई मुझमें द्वेष, मैं एक सेवक हूॅं, मैं ही खेवक हूॅं। "मैं क्षमता हूॅं"। मुझमें ना लोभ है, ना है, कोई... Hindi · कविता 12 9 1k Share पंकज कुमार कर्ण 23 Jun 2021 · 1 min read हाइकु~*प्रहार*️️ हाइकु~ "प्रहार" ✂️✂️⚒️✂️✂️ मत करिए पेड़ों पर प्रहार हे सरकार। °°°°°°°°°°°°° हवा खाइए छायादार वृक्ष से नीचे जाकर। °°°°°°°°°°°°°°° फल तोड़िए प्रहार मत कर कहता वृक्ष। °°°°°°°°°°°°°° ..........✍️"पंकज कर्ण" .................कटिहार।। Hindi · हाइकु 6 415 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Jun 2021 · 1 min read हाइकु~"सीखना" हाइकु~"सीखना" ????? पढ़ा कीजिए कुछ ऐसी रचना जो सिखाता हो। ××××××××××× सीख लेकर भला करे सबका सही मन से। ××××××××××× समझदारी सीखने से आती है ये ही सच है। ××××××××××××... Hindi · हाइकु 8 2 453 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Jun 2021 · 1 min read "गरीबी"@मुक्तक*** "गरीबी" @मुक्तक ????? गरीबी , एक बड़ा अभिशाप है। अमीर से मिला एक संताप है। दीन पर रखिए, सदा दया-भाव; गरीब की तौहीन, एक पाप है। ........✍️पंकज "कर्ण" ..............कटिहार।। Hindi · मुक्तक 8 4 596 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Jun 2021 · 1 min read "जन्मदिन"(मुक्तक)*** "जन्मदिन" (मुक्तक) ?️?️?️?️?️?️ हरेक साल सबका जन्मदिन आता। जन्मे जन में , ढेरों खुशियां लाता। जब घट जाता, उम्र में से एक साल; क्यों आखिर कोई जन्मदिन मनाता। स्वरचित सह... Hindi · मुक्तक 9 658 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Jun 2021 · 2 min read "अष्टांग योग" "अष्टांग योग" योगी बनिये अपने जीवन में सदा, योग ही है, आधार अब जीवन का, जहां योग है , नही वहां कोई रोग है, ये भारत से ही निकला, एक... Hindi · कविता 10 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 21 Jun 2021 · 1 min read "नशा"@मुक्तक*** "नशा" मुक्तक ** ☠️??☠️ सभी 'नशा' से आप, सदा दूर रहिए। 'नशा' ना करे, ये नशेड़ी से कहिए। शान का नाशक जीवन में 'नशा' है, अब हमें"नशामुक्त"भारत ही चाहिए। .......✍️पंकज... Hindi · मुक्तक 7 582 Share पंकज कुमार कर्ण 20 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक"(वो क्या चाहता)*** "मुक्तक"(वो क्या चाहता) ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ जो ऐसा कर रहा है , आखिर वो क्या चाहता । मुक्त रूप से लिखे सब, किसी का क्या जाता। मगर सबके आस को और प्रयास... Hindi · मुक्तक 5 890 Share पंकज कुमार कर्ण 20 Jun 2021 · 2 min read "पिता" (एक सच्चाई)***** "पिता" (एक सच्चाई)*** @@@@@@@@@ पिता हर-घर की शान-बान है, हर बच्चे की वही पहचान है। हर पिता भी तो, एक पुत्र है; वो परिवार का जीवन-सूत्र है। मां होती अगर... Hindi · कविता 8 5 1k Share पंकज कुमार कर्ण 19 Jun 2021 · 1 min read *मुक्तक* (सुबह-सबेरे) "मुक्तक" (सुबह-सबेरे) ?????? सुबह-सबेरे, तुम उठना सीखो। पूरब की तुम, नित लाली देखो। घूम फिर ताजी हवा अब खाओ, खेतों की वो हरियाली देखो। स्वरचित सह मौलिक .... ✍️पंकज "कर्ण"... Hindi · मुक्तक 5 536 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Jun 2021 · 1 min read **दहेज** "दहेज" ****** विवाह सिर्फ संस्कार है, इसे करे जो भाय। यदि मांगता वो दहेज, धन ही उसे लुभाय।। धन ही उसे लुभाय, उसको यह समझाइये। शिकायत फिर जरूर, थाना में... Hindi · कुण्डलिया 7 2 995 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Jun 2021 · 1 min read हाइकु-- "पक्षी"????? ,हाइकु-- ??"पक्षी"?? पेड़ पे पक्षी, रोज चहचहाते , कैसे उड़े ये। ^^^^^^^^^^^^^ कोई तो उसे, बुलाते जरूर हैं, ऐसा नहीं है। ^^^^^^^^^^^^^^ ये पक्षीराज, आखिर कहां रहे, टूटा घोंसला। स्वरचित... Hindi · हाइकु 6 431 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Jun 2021 · 1 min read हाइकु- "वर्षा"️️️ हाइकु --"वर्षा" ?️?️?️?️ वर्षा आयी है, दुबारा बरसेगी, मत भींगना। ^^^^^^^^^^^^^^ ये बरसात, अनोखी है अबकी, वो सोते रहे। ^^^^^^^^^^^^^°^ मूसलाधार, हो रही इस बार, वो डूब गया। ^^^^^^°°°^^^^^^^ स्वरचित... Hindi · हाइकु 4 621 Share पंकज कुमार कर्ण 18 Jun 2021 · 1 min read "दोहे"-- वृक्ष और डाल... "दोहे" -- वृक्ष और डाल... ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ वृक्ष लगाइए फलदार , छाया देगा रोज। वातावरण शुद्ध होगा, सभी करेंगे मौज।। ******************************* उस डाल को न काटिए, जो डाल झुक जाए। जो... Hindi · दोहा 6 2 865 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Jun 2021 · 1 min read *****दोहा**** *दोहा* °°°°°°° तुम हमें अपना शब्द दो, हम शब्दार्थ बता देंगे। तुम हमें अपनी सोच दो, हम चरितार्थ करा देंगे।। स्वरचित सह मौलिक .....✍️ पंकज "कर्ण" कटिहार Hindi · दोहा 7 6 650 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक"(ढेला) "मुक्तक"(ढेला) ⭐⭐⭐⭐ आम पेड़ पर, नहीं ढेला मारिये। दूर से ही, सब आम को ताड़िये। ढेला अगर लगा, किसी "सर"को, तो फिर जेल में जिंदगी गुजारिये। ........✍️पंकज "कर्ण"? Hindi · मुक्तक 5 6 467 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Jun 2021 · 2 min read "बेरोजगारी" बेरोजगारी "बेरोजगारी" आज कुछ नही, यह तो है, बस एक विचार। युवाओं के अपने सपने पर, यह तो है, बस एक प्रहार।। सरकारी के चक्कर में सदा, पूरा निजी मत... Hindi · कविता 6 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 16 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक"(नारी और पुरुष).. *मुक्तक* नारी अब बहुत कम ही बची है। ये अब, सिर्फ "नारा"हो गया है। अच्छे पुरुष भी कम ही दिखते, लगता ये सब बेचारा हो गया है।.....✍️ स्वरचित सह मौलिक... Hindi · मुक्तक 3 2 651 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक"(जिंदगी).... "मुक्तक" ##### ये जिंदगी भी बड़ी ही अजीब है। कोई अमीर है तो कोई गरीब है। फिर भी दुख तो झेलता सब यहां, जिसके जो अपने अपने नसीब है।....✍️ स्वरचित... Hindi · मुक्तक 6 3 588 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक"(घनघोर वर्षा).... ****मुक्तक**** @@@@@@@ आज बादल चहुं ओर थी। वर्षा हुई बहुत घनघोर थी। जलमग्न हुई है पूरी धरती, यह दृश्य बहुत बेजोड़ थी। .........✍️ स्वरचित सह मौलिक पंकज कर्ण कटिहार। ?8936068909 “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 5 4 644 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Jun 2021 · 1 min read *नई कविता****** "नई कविता".. *************** बारिश के मौसम , अपने ख्वाबों को सजा ले, प्रतियोगिता का प्रथम स्थान, आज का ये मौसम, जिंदगी का ये सफर, क्या हम खुश हैं, शर्तों पर... Hindi · कविता 6 828 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Jun 2021 · 1 min read "चिड़ियाॅं रानी".. "चिड़ियॉं रानी"... ************* चिड़ियॉं-रानी, चिड़ियॉं-रानी; तुम हो सच में, बड़ी सयानी। उड़ जाती, पल में आकाश; ज्यों ही निकले, पूरब में प्रकाश। पहुंच जाती, तुरंत मंजिल को: दाना चुनती, हर... Hindi · कविता · बाल कविता 9 3 657 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Jun 2021 · 1 min read "वर्षा-ऋतु".. "वर्षा- ऋतु ********** वर्षा- ऋतु जब आती है, ढेर सारा खुशियां लाती है। हम स्कूल नही जाते है।, बारिश में खूब नहाते हैं। फलों के राजा आम को, ऋतु संग... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता · बाल कविता 8 9 815 Share पंकज कुमार कर्ण 13 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक" (अधजल गगरी).... "मुक्तक"... "अधजल गगरी" पूरा भर लो। अधूरे ख्वाब को पूरा कर लो। मत बताओ दुखड़ा किसी को, दूसरों का भी सारा दुख हर लो। स्वरचित सह मौलिक पंकज कर्ण कटिहार। Hindi · मुक्तक 5 371 Share पंकज कुमार कर्ण 13 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक".(खाली दिमाग)... "मुक्तक"... "खाली दिमाग" बुराई का घर है। उसके हर कदम दुखदाई डगर है। दिमाग अपना लगाइए सही जगह, अगर आपको, अपनों की फिकर है। स्वरचित सह मौलिक पंकज कर्ण कटिहार Hindi · मुक्तक 6 328 Share पंकज कुमार कर्ण 13 Jun 2021 · 1 min read "लालसा" "लालसा"..... ??? छोटा सा प्राणी हूं, मेरी ऊंची अरमान नही। अपना शिखर छू चुका हूं, अब ऊंचा जाना आसान नहीं। होना था जो हो गया, अब मेरी और पहचान नहीं,... Hindi · कविता 5 3 655 Share पंकज कुमार कर्ण 13 Jun 2021 · 1 min read "कविता" बरसाती..... "कविता"बरसाती*** @@@@@@@@ ये 2021 की नई बरसात है, वर्षा ऋतु की ये सौगात है। हो रही कविताओं की बारिश, इसमें कई कवियों का हाथ है। ये बरसात ऐसे हो रही... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 9 1k Share पंकज कुमार कर्ण 12 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक" (एक विधा)... "मुक्तक" ******* मुक्तक भी बड़ी अजीब विधा है। हर कोई इसी काव्य पे फ़िदा है । कोई कुछ भी लिखता हो, मगर; इसे लिखने की अलग ही अदा है। स्वरचित... Hindi · मुक्तक 9 363 Share पंकज कुमार कर्ण 12 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक"..... "मुक्तक* .... शक तो था इसका पहले ही। बाकी था दिलाना यकीन ही। क्यों इस कदर फसते जा रहे, बचाएगा अब कोई हकीम ही। स्वरचित सह मौलिक पंकज कर्ण कटिहार Hindi · मुक्तक 7 580 Share पंकज कुमार कर्ण 12 Jun 2021 · 1 min read "महाभारत" (एक राजनीति).... "कौरव" कर रहा सेना तैयार, युधिष्ठिर को हराने को। दुर्योधन गया है, देखो; कर्ण को मनाने को।। कर्ण भी वचनबद्ध है, अपने दोस्ती निभाने को। दुःशासन भी है,साथ सदा; कुछ... Hindi · कविता 14 8 1k Share पंकज कुमार कर्ण 11 Jun 2021 · 1 min read "दहेजी प्यार"(सामाजिक व्यंगात्मक कविता) .... "दहेजी प्यार" *********** शादी में वहीं होता है, "प्यार"; जहां धन बिन, बसे संसार। क्या? दहेज़ी शादी में भी होता है प्यार; हां , होता है अगर,; तो क्या, वो... Hindi · कविता 8 2 880 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jun 2021 · 1 min read किसे क्या "गम" है..... सबकी लेखनी में कितना दम है। कोई नही, किसी से कम है। आखिर, लिखता है कोई क्यों; पता नही, किसे क्या गम है। स्वरचित सह मौलिक पंकज कर्ण कटिहार Hindi · मुक्तक 7 880 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2021 · 1 min read "बरसाती बारात".... मुश्किल यहां, टिकने की बात है। यहां तो , कवियों की बारात है। अरे , नाच रहे है सब यहां , ऐसे ; जैसे, बैसाख में हुई बरसात है। स्वरचित... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 9 2 657 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Jun 2021 · 1 min read "कविताई" "कविताई" *********** "कविताई" करना इतना आसान नहीं; लिखने का, मुझे भी कोई ज्ञान नही। लिखता हूं,बस कुछ सच्चाई बताने को; आज के अदृश्य परिवेश को समझाने को।। आप इस लेखन... Hindi · कविता 5 5 932 Share पंकज कुमार कर्ण 7 Jun 2021 · 1 min read "मोबाइल बना खिलौना" "मोबाइल बना खिलौना" ******************* देखो, मोबाइल बना खिलौना, इसके असर से बच्चे हो रहे काना। जिसको देखो, बैठा है पकड़ एक कोना, दृश्य देखकर लगता कितना घिनौना।। बेटा देखे, बेटी... Hindi · कविता 8 2 742 Share पंकज कुमार कर्ण 6 Jun 2021 · 1 min read पावस की बूंदें ************** पावस की बूंदें ************** घटा जब छाये घनघोर, टर्र-टर्र और क्रेऊं क्रेऊँ, करते मेढक और मोर। ये रिमझिम- रिमझिम , ज्योहिं होती ऐसी वर्षा, भींगने को हर प्राणी का, सदा... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 16 17 1k Share पंकज कुमार कर्ण 5 Jun 2021 · 1 min read "फिर से चिपको" फिर से "चिपको" ************** धरती की अब यही पुकार, पेड़ पौधे सहित पर्यावरण का मिले प्यार। नही तो ये धरा बिखर जायेगी, फिर सब पर अपना कहर बरपाएगी।। इस धरा... Hindi · कविता 10 6 1k Share Previous Page 5 Next