Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2021 · 1 min read

“मुक्तक” (अधजल गगरी)….

“मुक्तक”…

“अधजल गगरी” पूरा भर लो।
अधूरे ख्वाब को पूरा कर लो।
मत बताओ दुखड़ा किसी को,
दूसरों का भी सारा दुख हर लो।

स्वरचित सह मौलिक
पंकज कर्ण
कटिहार।

Language: Hindi
5 Likes · 342 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from पंकज कुमार कर्ण
View all
You may also like:
गुजरा वक्त।
गुजरा वक्त।
Taj Mohammad
मेरी प्यारी हिंदी
मेरी प्यारी हिंदी
रेखा कापसे
मैं लिखता हूं..✍️
मैं लिखता हूं..✍️
Shubham Pandey (S P)
*लस्सी में जो है मजा, लस्सी में जो बात (कुंडलिया)*
*लस्सी में जो है मजा, लस्सी में जो बात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आपकी वजह से किसी को दर्द ना हो
आपकी वजह से किसी को दर्द ना हो
Aarti sirsat
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
इन आँखों को भी अब हकीम की जरूरत है..
इन आँखों को भी अब हकीम की जरूरत है..
Tarun Garg
बुंदेलखंड के आधुनिक कवि पुस्तक कलेक्टर महोदय को भेंट की
बुंदेलखंड के आधुनिक कवि पुस्तक कलेक्टर महोदय को भेंट की
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या  रिश्ते को इतन
आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या रिश्ते को इतन
पूर्वार्थ
स्मृति
स्मृति
Dr.Pratibha Prakash
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
Arun B Jain
Ishq - e - Ludo with barcelona Girl
Ishq - e - Ludo with barcelona Girl
Rj Anand Prajapati
नरभक्षी_गिद्ध
नरभक्षी_गिद्ध
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
AJAY AMITABH SUMAN
रिश्ता
रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
मन तो मन है
मन तो मन है
Pratibha Pandey
Lines of day
Lines of day
Sampada
‌‌‍ॠतुराज बसंत
‌‌‍ॠतुराज बसंत
Rahul Singh
काम और भी है, जिंदगी में बहुत
काम और भी है, जिंदगी में बहुत
gurudeenverma198
"रिश्ते"
Dr. Kishan tandon kranti
नींद आए तो सोना नहीं है
नींद आए तो सोना नहीं है
कवि दीपक बवेजा
टूटे पैमाने ......
टूटे पैमाने ......
sushil sarna
स्मृतियों की चिन्दियाँ
स्मृतियों की चिन्दियाँ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
तुम्हें कुछ-कुछ सुनाई दे रहा है।
तुम्हें कुछ-कुछ सुनाई दे रहा है।
*Author प्रणय प्रभात*
मन खामोश है
मन खामोश है
Surinder blackpen
एक गिलहरी
एक गिलहरी
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
हर दिन रोज नया प्रयास करने से जीवन में नया अंदाज परिणाम लाता
हर दिन रोज नया प्रयास करने से जीवन में नया अंदाज परिणाम लाता
Shashi kala vyas
रात में कर देते हैं वे भी अंधेरा
रात में कर देते हैं वे भी अंधेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कब तक अंधेरा रहेगा
कब तक अंधेरा रहेगा
Vaishaligoel
2597.पूर्णिका
2597.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...