Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2023 · 1 min read

मेरी प्यारी हिंदी

मेरी प्यारी हिंदी

एक लड़ी के रत्न सी, है वर्णों की माला ।
स्वर सरगम सुर साधते, व्यंजन है मधुशाला।।

✍️-रेखा “कुमुद”

106 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है।
गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है।
Manisha Manjari
संगीत वह एहसास है जो वीराने स्थान को भी रंगमय कर देती है।
संगीत वह एहसास है जो वीराने स्थान को भी रंगमय कर देती है।
Rj Anand Prajapati
प्रेम - एक लेख
प्रेम - एक लेख
बदनाम बनारसी
सम्मान गुरु का कीजिए
सम्मान गुरु का कीजिए
Harminder Kaur
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
sushil sarna
*तू ही  पूजा  तू ही खुदा*
*तू ही पूजा तू ही खुदा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्या मिटायेंगे भला हमको वो मिटाने वाले .
क्या मिटायेंगे भला हमको वो मिटाने वाले .
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
नया  साल  नई  उमंग
नया साल नई उमंग
राजेंद्र तिवारी
अपनी हिंदी
अपनी हिंदी
Dr.Priya Soni Khare
सहज है क्या _
सहज है क्या _
Aradhya Raj
शिव स्तुति
शिव स्तुति
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
“गुरुर मत करो”
“गुरुर मत करो”
Virendra kumar
दूर जाकर क्यों बना लीं दूरियां।
दूर जाकर क्यों बना लीं दूरियां।
सत्य कुमार प्रेमी
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
Ye din to beet jata hai tumhare bina,
Ye din to beet jata hai tumhare bina,
Sakshi Tripathi
" मुशाफिर हूँ "
Pushpraj Anant
माँ की एक कोर में छप्पन का भोग🍓🍌🍎🍏
माँ की एक कोर में छप्पन का भोग🍓🍌🍎🍏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
कवि रमेशराज
चाँद
चाँद
लक्ष्मी सिंह
सावन: मौसम- ए- इश्क़
सावन: मौसम- ए- इश्क़
Jyoti Khari
मेरा तितलियों से डरना
मेरा तितलियों से डरना
ruby kumari
2767. *पूर्णिका*
2767. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अनेक मौसम
अनेक मौसम
Seema gupta,Alwar
"जब उड़ी हों धज्जियां
*Author प्रणय प्रभात*
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
Sanjay ' शून्य'
*बारात में पगड़ी बॅंधवाने का आनंद*
*बारात में पगड़ी बॅंधवाने का आनंद*
Ravi Prakash
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
राजकुमारी कार्विका
राजकुमारी कार्विका
Anil chobisa
मन के भाव
मन के भाव
Surya Barman
"हँसता था पहाड़"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...