अंजनीत निज्जर 262 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next अंजनीत निज्जर 6 Nov 2019 · 1 min read पालतू बात तो करो मुझसे, कुछ तो कहो मुझसे, क्यों बैठे हो उदास, लगा रखी थी क्या तुमने कोई आस? जो हुई ना पूरी, जो तुम हुए निराश, टुकुर टुकुर यूँ... Hindi · कविता 3 2 430 Share अंजनीत निज्जर 6 Nov 2019 · 5 min read तलाक पति ने पत्नी को किसी बात पर तीन थप्पड़ जड़ दिए, पत्नी ने इसके जवाब में अपना सैंडिल पति की तरफ़ फेंका, सैंडिल का एक सिरा पति के सिर को... Hindi · कहानी 2 4 483 Share अंजनीत निज्जर 2 Nov 2019 · 1 min read पुस्तक बन गई पुस्तक जिंदगी मेरी, प्यार इनसे करती हूँ, कभी आकाश में उड़ती, कभी पंख जमी पे पसारे हूँ, जाने कितनी ज्ञान बातें, पुस्तको से करती हूँ, कभी दुखता जो... Hindi · कविता 2 339 Share अंजनीत निज्जर 2 Nov 2019 · 2 min read सच्चा प्यार अरे यार... ये बुढऊ भी 65 साल में सठिया गया है ये देख पेन ड्राइव के जमाने मे VCR मांग रहा है.... अब कहां से लाऊं अभी के अभी... कहता... Hindi · लघु कथा 4 2 351 Share अंजनीत निज्जर 31 Oct 2019 · 1 min read आहट भी ना हुई आहट भी ना हुई कब वक़्त गुजर गया,हाथ से फिसलती हुई रेत की तरह, कल की ही तो बात थी, जब समझ आयी ज़िंदगी थोड़ा थोड़ा, रिश्तों की जटिलताएं, हैरान... Hindi · कविता 2 207 Share अंजनीत निज्जर 31 Oct 2019 · 1 min read मैं गिर जाती हूँ बार बार मैं गिर जाती हूँ फिर उठ कर मैं चल देती हूँ कर्मशील है मेरा जीवन कर्तव्यनिष्ठ मैं बन जाती हूँ अन्तहीन राहों पर चलना अंत नहीं जीवन का... Hindi · कविता 3 247 Share अंजनीत निज्जर 31 Oct 2019 · 3 min read परकटी वो विधवा थी पर श्रृंगार ऐसा कर के रखती थी कि पूछो मत। बिंदी के सिवाय सब कुछ लगाती थी। पूरी कॉलोनी में उनके चर्चे थे। उनका एक बेटा भी... Hindi · कहानी 3 6 492 Share अंजनीत निज्जर 30 Oct 2019 · 1 min read वो लम्हे यादों में कहीं, अक्सर खो जाती हूँ, याद आते है वो लम्हे, जब था सब कुछ सतरंगी,दुनिया थी बस अपने रंग रंगी, हंसी के चटकारे,खुशियों के गुब्बारे, धानी चटक उमंगे... Hindi · कविता 2 223 Share अंजनीत निज्जर 29 Oct 2019 · 1 min read चाय और हम तुम चाय और हम तुम,दोनों गुमसुम, सोचते रहे पुरानी बातें , वो मुलाकातें, हर बार थोड़ा आगे बढ़ने के लिए, मिलते रहते थे थोड़ा थोड़ा, बदला समय का फेर, अब होने... Hindi · कविता 3 276 Share अंजनीत निज्जर 29 Oct 2019 · 1 min read नादान ज़िंदगी ओह नादान ज़िंदगी , ज़रा अपना हाल तो देख कितना कुछ छूट गया पीछे , कितना बाकी है अभी बचपन की किलकारियां, जवानी की मुस्कुराहटें अधेड़ उम्र का अनुभव झोली... Hindi · कविता 3 255 Share अंजनीत निज्जर 29 Oct 2019 · 1 min read एक धुन में निकल आए घर से एक धुन में निकल आए घर से, करना है कुछ बड़ा, बनना है कुछ बड़ा, उम्मीदों का दामन थामे,खाली हाथ चले आए घर से, एक धुन में निकल आए घर... Hindi · कविता 2 4 223 Share अंजनीत निज्जर 28 Oct 2019 · 1 min read ज़िंदगी से मिले आज हम ज़िंदगी से मिले आज हम, हंसती मुस्काती पूछने लगी ? क्यों हो नराज़, किस बात पे है मुँह फुलाया ? सपना कोई पूरा ना हुआ या वक़्त ने ठुकराया? हँस... Hindi · कविता 2 272 Share अंजनीत निज्जर 28 Oct 2019 · 3 min read एक औरत को आखिर क्या चाहिए ? एक बार राजा हर्षवर्धन युद्ध में हार गए। हथकड़ियों में जीते हुए पड़ोसी राजा के सम्मुख पेश किए गए। पड़ोसी देश का राजा अपनी जीत से प्रसन्न था और उसने... Hindi · कहानी 2 2 596 Share अंजनीत निज्जर 28 Oct 2019 · 1 min read प्यार से कह देते एक बार प्यार से कह देते एक बार, खुद को जाते हम हार, चूँकि तुम्हीं से है प्यार, और तुम्हीं से दरकार, प्यार से कह देते एक बार, कच्चे धागे से बंधे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 309 Share अंजनीत निज्जर 28 Oct 2019 · 1 min read धर्म सुबह उठ कर देखा तो आकाश लाल, पीले, सिंदूरी और गेरुए रंगों से रँग गया था मजा आ गया, 'आकाश हिंदू हो गया है' पड़ोसी ने चिल्लाकर कहा 'अभी तो... Hindi · कविता 3 3 378 Share अंजनीत निज्जर 28 Oct 2019 · 1 min read ज़िन्दगी यें ज़िन्दगी भी अजीब सी हैं , हर मोड़ पर अपना रंग बदल देती हैं कोई अपने बेगाने हो जाते हैं , तो कोई पराया अपना हो जाता हैं यें... Hindi · कविता 2 396 Share अंजनीत निज्जर 28 Oct 2019 · 1 min read जब जमघट छंट जाता है जब जमघट छंट जाता है, नितांत अकेलापन तब सताता है, कुछ समय पहले, ख़ुशियाँ थी, अपनापन था, हसीं ठठा था, अपने थे, बेगाने थे, सब थे, सब साथ थे, त्योहारों... Hindi · कविता 2 279 Share अंजनीत निज्जर 27 Oct 2019 · 2 min read दीपावली दीपावली का पर्व प्रकाश का पर्व है। यह आत्म- साक्षात्कार का भी अनूठा अवसर है। यह अपने अंदर सुषुप्त चेतना को जागृत करने का अनुपम अवसर भी है । विवेक,प्रेम... Hindi · लेख 3 456 Share अंजनीत निज्जर 25 Oct 2019 · 2 min read दीवाली "असली दीवाली " अब आ रही है महारानी.... मैंने तुझसे कहा था ना दीवाली है सफाई करवाउगी .. किचन बेडरूम और ये सभी दीवारों की .... अलग से पैसे देने... Hindi · लघु कथा 3 2 490 Share अंजनीत निज्जर 24 Oct 2019 · 1 min read खुद से खुद को समझाने दो थोड़ा खुद से खुद को समझाने दो, भागती दौड़ती इस जिंदगी में दो पल को ठहर जाने दो, क्यूँ किये बैठे हैं मिज़ाज़ तल्ख अपना थोड़ा अब खुद को मुस्कुराने... Hindi · कविता 2 189 Share अंजनीत निज्जर 24 Oct 2019 · 1 min read कुछ देर . जरा देर से मिलेगी मंज़िल, जानती हूँ, ऐसा नहीं है कि कोशिशों में है कोई कमी, या इरादा नहीं है मजबूत मेरा, पर खुद ही रुकी हूँ कुछ देर, खुद... Hindi · कविता 2 410 Share अंजनीत निज्जर 24 Oct 2019 · 1 min read कैसे लिखूं, लिखना भूल गयी, जब देखी तेरी यह दुनिया, क्या क्या लिखूं,क्या न लिखूं, दिल घबरा जाता है, ईश्वर तेरी रचना का कैसे अपमान लिखूं ? धोखा, फरेब, बेईमानी का कैसे... Hindi · कविता 2 230 Share अंजनीत निज्जर 23 Oct 2019 · 1 min read पशुता कभी कभी तो लगता है सब कुछ खाली सा, तो कभी यूँ जैसे भरा हुआ है गले तक क्या लेकिन?? गुस्सा, प्यार , थोड़ा अहसास मेरे मनुष्य होने का सृष्टि... Hindi · कविता 2 563 Share अंजनीत निज्जर 23 Oct 2019 · 1 min read मौन शब्दों से परे ..... निःशब्द है मौन। जब शब्द करे प्रहार और बन जाए तलवार प्रत्युत्तर बन जाता मौन । शब्दों की महिमा अपरम्पार, करें व्यंग्य और तिरस्कार, रक्षा कवच... Hindi · कविता 2 1 234 Share अंजनीत निज्जर 23 Oct 2019 · 1 min read किसी के यूँ बदल जाने से उदासी कम नहीं होती किसी के बहलाने से टूटता है कुछ अंदर से, यूँ उसके बिना बात किये जाने से अक्सर यूँ होता, वो करता मन आहत , दिल धड़क... Hindi · कविता 2 416 Share अंजनीत निज्जर 22 Oct 2019 · 1 min read यूँ ही तो नहीं होता यूँ ही तो नहीं होता, आँखों में खालीपन, दिल में एकाकीपन, कुछ तो वजहें रहती होंगी, उमीदों के मर जाने की, सन्नाटे के पसर जाने की, दबी आशाएँ,आक्रोश, धारण करती... Hindi · कविता 3 2 272 Share अंजनीत निज्जर 22 Oct 2019 · 1 min read रंग बिरंगी दिल की दुनिया रंग बिरंगी दिल की दुनिया, जहाँ नहीं है कुछ असंभव, जहाँ नहीं है कुछ भी मुश्किल, जहाँ सोच को लग जाते हैं पर, उड़ते हैं विचार तितली समान, जहाँ चटक... Hindi · कविता 2 228 Share अंजनीत निज्जर 22 Oct 2019 · 1 min read आज एक काम करते हैं चलो आज एक काम करते हैं, ज़िन्दगी के कुछ कमरों को नए रंगों में रंगते हैं। पुरानी मुस्कानों को मीठी यादों की मज़दूरी देकर सीलन भरी दीवारें, उम्मीदों से रंगने... Hindi · कविता 2 2 228 Share अंजनीत निज्जर 22 Oct 2019 · 1 min read डर लगता है अपनी परछाई से ही बातें करते हैं, अपनों से ही कुछ कहते डरते हैं, कहाँ मुमकिन है सबके लिए अच्छा बन जाना किसी न किसी को तो चुभते ही रहते... Hindi · कविता 2 201 Share अंजनीत निज्जर 22 Oct 2019 · 1 min read कुछ तो रुका है कुछ तो रुका है, कुछ तो झुका है रिश्तों को संभालने के लिए, हर दिल दुःखा है आसान नहीं यूँ सब सहेज संभाल कर रखना सब को खुश रखने में... Hindi · कविता 2 2 207 Share अंजनीत निज्जर 21 Oct 2019 · 1 min read सब खत्म हो जायेगा सब खत्म हो जायेगा, अगर रुके ना हम, समझे ना, संभले ना हम पर्यावरण रूठेगा, प्रकृति रूठेगी, गर दोहन बंद ना किया प्रकृति का, और करते रहे मनमानियां हम, धरती... Hindi · कविता 2 213 Share अंजनीत निज्जर 20 Oct 2019 · 1 min read ऐसे तो मर जाएंगे हम ऐसे तो मर जाएंगे हम, गर तुम ना समझोगे तो किसे समझायेंगे हम क्या खता हो गयी हमसे, जो इस तरह मुँह फुलाए हो, लाख रूठो हमसे फिर भी मनाएंगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 3 289 Share अंजनीत निज्जर 20 Oct 2019 · 1 min read यादें जिंदगी की रील में, कुछ यादें चलती रहती चलचित्र की भांति, कुछ खट्टी तो कुछ मीठी, कुछ देती गर्माहट तो कुछ आंखे नम कर जाती, कुछ यादें सकून सी तो... Hindi · कविता 2 320 Share अंजनीत निज्जर 19 Oct 2019 · 1 min read यह ना सोचो यह ना सोचो कि सोचने से सब हो जायेगा जब तक कुछ कर गुजरने की ठानोगे नहीं, कुछ नहीं हो पायेगा, वक़्त रेत बन कर हाथ से फिसलता जायेगा, कालचक्र... Hindi · कविता 3 2 465 Share अंजनीत निज्जर 17 Oct 2019 · 1 min read करवाचौथ जानती हूँ मैं, जानती हूँ,मेरे भूखा रहने से नहीं बढ़ेगी तुम्हारी उम्र, बरसों पढ़ी किताबों ने इतना तो सिखाया है, पर तुम्हारी प्रीत मुझसे फिर भी यह करवाएगी, जानती हूँ,मेरे... Hindi · कविता 2 5 603 Share अंजनीत निज्जर 16 Oct 2019 · 1 min read मुझमें भी इक जंगल है मुझमें भी इक जंगल है, लहलहा रहे, अनगिनत पेड़, कुछ छोटे,कुछ बड़े, कुछ जंगली जो स्वछंद उगे और बड़े, कुछ आशाओं के फल लिए ताके आसमान को खड़े, इच्छा रूपी... Hindi · कविता 4 193 Share अंजनीत निज्जर 15 Oct 2019 · 1 min read एहसास क्यूँ कोई इतना खास हुआ जाता है क्यूँ किसी से इतना लगाव हो जाता है किसी के रोने से रोना, हँसने से हंसना आता है क्यूँ कोई इतना खास हो... Hindi · कविता 3 240 Share अंजनीत निज्जर 14 Oct 2019 · 1 min read नाव है मंझधार में गर नाव है मंझधार में, तो सुन ले ऐ नाविक! थाम ले पतवार हाथ में, रख हौंसला तू आगे बढ़, मत डर, तू मत डर , यह लहरें डराएंगी, आँखे... Hindi · कविता 2 2 275 Share अंजनीत निज्जर 14 Oct 2019 · 1 min read मुझे हर मौसम, हर दिन, हर लम्हा, लम्हों के हर पल में जीना पसंद है मुझे, ,, बारिश में, सर्दी की गुलाबी ठंड में, कुनकुनी धूप में टहलना पसंद है मुझे,,,... Hindi · कविता 3 4 484 Share अंजनीत निज्जर 14 Oct 2019 · 1 min read तू कहाँ है? कहाँ हो तुम, की मानस ढूंढे तुझे यहॉं, वहाँ किसी ने ढूंढा तुझे मंदिर-मस्जिद में, तो किसी ने काबे-कैलाश में, मृग की कस्तूरी सा तू, छिपा मनुष्य की साँस में,हर... Hindi · कविता 3 481 Share अंजनीत निज्जर 13 Oct 2019 · 1 min read सपने इन आँखों में सपने है कुछ नए से, कुछ विद्रोही से सपने, ढर्रे से अलग,लीक से हटकर, जो स्वीकारे नहीं जायेंगे, दिखा कर समाज का डर, हर हाल में तोड़े... Hindi · कविता 2 220 Share अंजनीत निज्जर 13 Oct 2019 · 1 min read ऐ जिंदगी अब कोई गिला नहीं तुझसे ऐ जिंदगी, लाख दुश्वारियां हो फिर भी प्यारी है तू, जो मिला मुझे वो लाख गुना बेहतर है औरों से, तेरी क्रूरता में भी छिपा... Hindi · कविता 2 290 Share अंजनीत निज्जर 13 Oct 2019 · 1 min read मानवता 1) दिल परिंदा, आज़ादी के दम पे, रहता ज़िंदा l 2) मन की आशा, देती हौंसला सदा, जीत जाने का l 3) एक विश्वास, सम्भव कर देता, जीत ही जाना... Hindi · हाइकु 2 2 293 Share अंजनीत निज्जर 13 Oct 2019 · 1 min read ज्ञान क्या है ? ज्ञान सीमित नहीं किताबों तक ना ही है सीमाओं में बंधा बच्चे का पहला अक्षर है ज्ञान ज्ञान नहीं है अक्षरों की पहचान ज्ञान है दिव्य हो जाना भीतर से... Hindi · कविता 2 512 Share अंजनीत निज्जर 13 Oct 2019 · 1 min read छुट्टी का इतवार आज छुट्टी का इतवार है सभी देर तक सोयेंगे औरत को छुट्टी पर भी नींद नहीं आती आज छुट्टी है, आज खिलाऊंगी कुछ खास आज ढंग से कर पाऊँगी कुछ... Hindi · कविता 2 276 Share अंजनीत निज्जर 12 Oct 2019 · 1 min read खाने में क्या बनाऊँ? कुछ देर पहले ही तो सोच रही थी कि खाने में क्या बनाऊँ? हसरतों के चावल या ख्याबों की खिचड़ी बनाऊँ क्यों न दुआओं की सब्जी और उम्मीदों की रोटी... Hindi · कविता 4 4 328 Share अंजनीत निज्जर 12 Oct 2019 · 1 min read कुछ कमी हम में ही थी कुछ कमी हम में ही थी, जो समझ न पाए दुनिया को, दुनियादारी को,चेहरों के पीछे छुपे सफेद चेहरों को, पीलापन लिए गंदमी रंगों को, दिलों और दिमागों की गंदगी... Hindi · कविता 3 7 293 Share अंजनीत निज्जर 12 Oct 2019 · 1 min read कोई शाम गुजारूँ तुम्हारे साथ, कोई शाम गुजारूँ तुम्हारे साथ, हसरत ही बन गयी है कुछ दिनों से, जो इच्छा है मेरी, व्यस्तताओं का रोना दोनों तरफ है, तुम्हारी तरफ भी हमारी तरफ भी मिल... Hindi · कविता 4 3 205 Share अंजनीत निज्जर 12 Oct 2019 · 1 min read दिल परिंदा दूर ख्यालों के आसमान में उड़ता दिल परिंदा आसमान में , उड़ता ये दिल परिंदा । दरिया सा बहता , झरनों से खेलता, चाहत का मारा नादान दिल परिंदा ।... Hindi · कविता 4 308 Share अंजनीत निज्जर 12 Oct 2019 · 1 min read रंग मिट्टी के रंग मिट्टी के है अनेक, एक से बढ़ कर एक मिट्टी खेतों की,अन्नपूर्णा है मिट्टी मूर्त की, माँ दुर्गा है मिट्टी घड़े की, शीतलता है मिट्टी गमले की, विकसिता है... Hindi · कविता 4 270 Share Previous Page 5 Next