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22 Oct 2019 · 1 min read

आज एक काम करते हैं

चलो आज एक काम करते हैं,
ज़िन्दगी के कुछ कमरों को नए रंगों में रंगते हैं।
पुरानी मुस्कानों को
मीठी यादों की मज़दूरी देकर
सीलन भरी दीवारें,
उम्मीदों से रंगने कह आते हैं।
चलो आज एक काम करते हैं,
कुछ कमरों को फिर नया-सा करते हैं।
अब तक जो आंसू समेटे थे
उनमें एक ढक्कन नया नज़रिया डालते हैं।
फ़लक से एक नीला कपड़ा माँगते हैं,
और पूरे फ़र्श पर पोंछा लगाते हैं।
इस पर ज़िन्दगी की पहली धूप पड़ने देते हैं,
और दुखों को कंही दूर छोड़ आते है ,
चलो आज एक काम करते हैं,
कुछ कमरों को फिर नया-सा करते हैं।
कुछ तस्वीरों को सिफ़र से बाँधते हैं,
आसमान में कंही छोड़ देते हैं
मगर कुछ तस्वीरों को रहने देते हैं,
कुछ देर उनके साथ बैठते हैं,
कल और आज का सब कुछ बताते हैं,
ख़ुद को फिर ख़ुद से वाक़िफ़ कराते हैं।
चलो आज एक काम करते हैं,
कुछ कमरों को फिर नया-सा करते हैं।
दुआ-सलामों की पुरानी मेज़ में,
मुस्कुराहटों के नए पाए लगवाते हैं ।
दोज़ख भरी सारी कुर्सियाँ बाहर हटाते हैं,
और दुआओं के झूले टँगवाते हैं।
उमीदों की खिड़कियाँ खोलते हैं,
और एक दफ़ा फिर मुस्कुराते हैं।
अपने जहां को नया करते हैं,
और फिर से ख़ुद को ज़िन्दगी में ले आते हैं।
चलो आज एक काम करते हैं,
कुछ कमरों को फिर नया-सा करते हैं।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 205 Views
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