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2 Nov 2019 · 1 min read

पुस्तक

बन गई पुस्तक जिंदगी मेरी,
प्यार इनसे करती हूँ,
कभी आकाश में उड़ती,
कभी पंख जमी पे पसारे हूँ,
जाने कितनी ज्ञान बातें,
पुस्तको से करती हूँ,
कभी दुखता जो मन मेरा,
भड़ास इस पर निकाले हूँ,
कभी होती खुशी मुझको,
साथी इसकी होती हूँ,
कभी धोखा नहीं देती,
भरोसा इन पर करती हूँ,
होती हजारों मन की बातें,
इनको कहती रहती हूँ!

Language: Hindi
2 Likes · 315 Views
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