डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' Language: Hindi 578 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 30 May 2023 · 4 min read दोस्ती "दोस्ती" आज मौसम की खुशनुमा समीर के मद्धिम झोकों की छुअन से लहलहाते खेतों के बीच दो पीतवर्णी पुष्पगुच्छ ऐसे प्रतीत हो रहे हैं जैसे रूप, रस, गंध की समानता... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 9 325 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 May 2023 · 1 min read मर्जी दीन दयाल की प्रदत्त चरण- "मर्ज़ी दीन दयाल की" विधा- दोहा सुख-वैभव की चाह में, झुलस गया परिवेश। मर्जी दीनदयाल की, भौतिकता या द्वेष? चिंता का आधार है, लिप्सा का उत्थान। मर्जी दीन... Hindi · दोहा 1 350 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 May 2023 · 1 min read बात आधार छंद- सूर मापनी युक्त वर्णिक सात वर्ण मापनी- गागाल गागागा ल ध्रुव शब्द-#बात पिंगल सूत्र- तमल (तगण मगण ल) कैसे मिलेगी ताल। साथी हुआ बेहाल।। बोलो न तीखी बात।... Hindi · कविता 3 478 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 20 May 2023 · 1 min read हरित आम्र विधा-पद्य (कुंडलिया छंद) शीर्षक- "हरित आम्र" गर्मी में आँधी चली, गिरे शाख से आम। विटप विलगता झेलते, छूट गया निज धाम।। छूट गया निज धाम, पीर खंडित हो सहते। हरित... Hindi · कुण्डलिया 266 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read दीवारें दीवारें विश्वासी ईंटों से निर्मित थी अटल दीवारों की हसरत, लेप स्वार्थ का लगा दिया व्यापी जिसके भीतर नफ़रत। भाई-भाई के बीच खड़ीं मतभेद करातीं दीवारें, अपनों का उपहास उड़ाकर... Poetry Writing Challenge · कविता 2 312 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read आँसू आँसू नयनों के सागर मध्य रहा ये मुक्तक सीप समाहित सा, निष्ठुर जग मोल लगा न सका रह गया ठगा उत्साहित सा। विकल व्यथाएँ जलते उर की क्रंदन करती धधक... Poetry Writing Challenge · कविता 1 263 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read कलम से कलम से (कविता) ******** मैंने कलम हाथ में थामी नन्हें अक्षर लिखना सीखा। बना कलम को ताकत अपनी सुख-दुख उससे कहना सीखा। तन्हा स्वप्न सजा रातों में ख़्वाबों ने झट... Poetry Writing Challenge · कविता 264 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read प्रकृति बचाओ प्रकृति बचाओ (कविता) रक्त अश्रु बहा प्रकृति करे ये रुदन नहीं ध्वस्त करो मेरा कोमल बदन वृक्ष पवन जल तुमसे छिन जाएँगे प्रदूषित धरा पर जन क्या पाएँगे? कुपोषित नदी... Poetry Writing Challenge · कविता 252 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read रिश्ते रिश्ते (कविता) ------------------- प्रीत बरसती थी रिश्तों में अंगारे क्यों धधक रहे हैं ? बोए हमने फूल यहाँ थे काँटे फिर क्यों उपज रहे हैं? संस्कार अब विलुप्त हो गए... Poetry Writing Challenge · कविता 183 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read दुष्कर सफ़र दुष्कर सफ़र (कविता) ---------------- दुष्कर सफ़र काट जीवन में अंगारों के पार गया, नयनों से नीर बहा मेरे क्यों ना देखूँ ख्वाब नया। सुखद सलौना प्रेम खिलौना उर में मेरे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 149 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read भिखारी हूँ! भिखारी हूँ! ‘भिखारी हूँ ! भिखारी हूँ ! (कविता) भूख जब रोंदती उर को निवाला खोजता था मैं। बहुत तकलीफ़ होती थी जेब जब नोंचता था मैं। पढ़ाया गर मुझे होता न... Poetry Writing Challenge · कविता 188 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read प्यासे अधर “प्यासे अधर”(कविता) सदियों से प्यासे अधरों पर मधु मुस्कान कहाँ से लाऊँ, मूक व्यथा की पौध लगा कर सुरभित पुष्प कहाँ से पाऊँ? पीड़ा से मर्माहत मन को कोकिल गान... Poetry Writing Challenge · कविता 329 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read उदास पनघट उदास पनघट (कविता) ************ छुपा कर दर्द सीने में नदी प्यासी बहे जाती। बसा कर ख्वाब आँखों में परिंदे सी उड़े जाती। निरखते बाँह फैलाकर किनारे प्यार से इसको- समेटे... Poetry Writing Challenge · कविता 274 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read ऐ मन! कहीं ले चल ए मन! कहीं ले चल (कविता) किया उर घोंप कर छलनी मनुज ने मजहबी खंजर, बहा कर खून की नदियाँ हँसे अब पूर्ण कर मंजर। परिंदा बन उड़ूँ मैं आज... Poetry Writing Challenge · कविता 233 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read किसकी पराजय किसकी पराजय?(कविता) चली उम्मीद की आँधी जना जब पुत्र माता ने बजी शहनाइयाँ घर में दिया कुलदीप दाता ने। सजा अरमान की डोली झुलाया लाल को पलना पिता ने थाम... Poetry Writing Challenge · कविता 1 246 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read ज़िंदगी ज़िंदगी (कविता) अजब पहेली बनी ज़िंदगी उलझ गई जज़्बातों में मोती के दानों सी बिखरी फ़िसल गई हालातों में, कालचक्र सा घूम रहा है समय बीतता बातों में आहें भरती... Poetry Writing Challenge · कविता 226 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read दानवता दानवता (कविता) बना कर ज़िंदगी को जंग दानवता बढ़ाते हैं सियासी चाल शतरंजी बिछा शकुनी लड़ाते हैं बदल कर गिरगिटी सा रंग रिश्तों को मिटाते हैं बने ये कंस बहनों... Poetry Writing Challenge · कविता 209 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read आँखों में है दूध और आँखों में पानी आँचल में है दूध और आँखों में पानी* ********************************** सुला कर गोद में अपनी झुलाया पूत को पलना तड़प कर रो उठी ममता पड़ा अपमान जब सहना। बह रहे आँख... Poetry Writing Challenge · कविता 222 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read बूढ़ा बरगद बूढ़ा बरगद -------------- बूढ़ा बरगद ठूँठ बना अब याद करे बीता कल अपना, कहाँ खो गई भोर सुहानी बेबस मन अब देखे सपना। कभी घनी थीं शाखा मेरी बैठ परिंदे... Poetry Writing Challenge · कविता 144 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read मौन हो गया विश्व पटल अटल बिहारी वाजपेयी जी पर कविता "मौन हो गया विश्व पटल" ******************** अटल, अडिग, समता संवाहक जग को राह दिखाता था। हिंद देश का शिखर पुरुष बन अधिनायक कहलाता था।... Poetry Writing Challenge · कविता 104 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read रुदन "रुदन" ****** पुरानी याद के धुँधले कदम जब राह में आते कसक मन में रुदन करती उन्हें हम चाह में पाते। कहूँ कैसे ज़माने से जुबाँ पर आज पहरे हैं... Poetry Writing Challenge · कविता 230 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read जीवन पथ जीवन पथ" (कविता) ********** जीवन पथ पर भ्रमित हो मनुज उलझ गया जज़्बातों में लक्ष्य साध मंज़िल तक बढ़ता कंटक पथ आघातों में, कालचक्र सा घूम रहा है समय बीतता... Poetry Writing Challenge · कविता 218 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read कलुषित स्पर्श कलुषित स्पर्श रो रही कुदरत ज़मीं पर मृत अधर भी काँपते हैं, देश की बेटी लुटी है लोग चोटें नापते हैं। लूट तन बाँहें घसीटीं चींख सुन कोई न आया,... Poetry Writing Challenge · कविता 131 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read पुस्तक की व्यथा पुस्तक की व्यथा ----------------- आज व्यथा पुस्तक की सुन लो कैसा यह कलयुग आया है? खोज-खोज गूगल में सब हल मानव ने मान घटाया है। ज्ञान स्रोत गूगल बन बैठा... Poetry Writing Challenge · कविता 363 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read उजाला रास न आया 'उजाला रास ना आया’ ---------------------------- कहूँ किससे व्यथा अपनी यहाँ कितना सहा मैंने। दरिंदों से हुई लाचार लब को सिल लिया मैंने। कदम बढ़ते नहीं थल पर भयावित काँपती हूँ... Poetry Writing Challenge · कविता 373 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read हे केशव नव अवतार धरो हे केशव नव अवतार धरो घात लगाए बैठे दानव मानवता क्यों भूल गए? रक्त रंजित धरा पर हँसते देकर हमको शूल गए। संबंध भुला शकुनी मामा पापी दुर्योधन दाँव चले।... Poetry Writing Challenge · कविता 102 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read सिंहासन सिंहासन' ------------ आज लिखें इतिहास नया हम सत्ता के सिंहासन का, अँधियारों से लड़ने वाले सरकारी निर्वाचन का। भ्रष्टाचार हुकूमत करता मेहनतकश इंसानों पर, सुप्त व्यवस्था गूँगी-बहरी चुने इमारत लाशों... Poetry Writing Challenge · कविता 97 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read माँ "माँ" ------ नादानी में मैंने माँ को, कितना नाच नचाया था। माँ ने मुझको गोदी लेकर, ढेरों लाड़ लड़ाया था। बारिश की बूँदों में माँ तू, छतरी लेकर आती थी।... Poetry Writing Challenge · कविता 243 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read कारगिल विजय पताका विषय-" कारगिल विजय पताका" विधा- कविता कारगिल की विजय पताका, गाथा अमर जवानों की। शत्-शत् नमन शूरवीरों को, मातृ ऋणी मस्तानों की ।। याद करूँ जब कुर्बानी को, गुज़रा वक्त... Poetry Writing Challenge 88 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read सेल्फ़ी नहीं किसी का दर्द खींच सको तो ज़रूर कोशिश करना विषय- "सेल्फ़ी नहीं, पर किसी का दर्द खींच सको तो कोशिश करना" पर उपकार करो जीवन में बुझा क्षुधा की प्यास, सेल्फ़ी छोड़ो बनो सहारा हर लो जन संत्रास। खड़े... Poetry Writing Challenge 195 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read शिक्षा अनुपम ज्ञान सरोवर शीर्षक-" शिक्षा अनुपम ज्ञान सरोवर " विद्यालय पहुँची जननी निज पूत लुटाती प्यार, उच्च,सुशिक्षित,अनुशासन का श्रेष्ठ समझकर द्वार। कुंभकार गुरु माटी लेकर गढ़ता शिशु आकार, सौम्य,सभ्य, गुणवान प्रणेता भरता शुद्ध... Poetry Writing Challenge · कविता 113 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Jan 2023 · 1 min read गंगा गीत शीर्षक- *"गंगा"* भगीरथ अवनि से जा पहुँचे, स्वर्गलोक के द्वार। देवभूमि से गंगा लाए, तारन को परिवार।। सुत दिलीप का देख कठिन प्रण, देव हुए तैयार। तीव्र वेग गंगा... Hindi · गीत 1 273 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Jan 2023 · 1 min read आज़ादी के दीवाने "आज़ादी के दीवाने" भारत प्यारा देश हमारा, ऊँची इसकी शान है। आज़ादी के दीवानों ने, दिया स्वयं बलिदान है। राजगुरु, सुखदेव भगतसिंह, जैसे इसके लाल रे। वीर शिवाजी, महाराणा से,गर्वित... Hindi · गीत 1 1 208 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Jan 2023 · 1 min read निश्छल छंद विधान निश्छल -छंद का विधान में मुक्तक "निश्छल- छंद" सम मात्रिक छंद है। यह 23 मात्राओं का छंद है जिसमें 16,7 मात्राओं पर यति आवश्यक है। अंत में वाचिक भार 21... Hindi · मुक्तक 1 1 650 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 4 Jan 2023 · 1 min read सैल्फी नहीं, पर किसी का दर्द खींच सको तो कोशिश करना" विषय- "सेल्फ़ी नहीं, पर किसी का दर्द खींच सको तो कोशिश करना" ----------------------------------------------------------------------------- पर उपकार करो जीवन में बुझा क्षुधा की प्यास, सेल्फ़ी छोड़ो बनो सहारा हर लो जन संत्रास।... Hindi · कविता 1 192 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 4 Jan 2023 · 1 min read ग्रीष्म की तपन ग्रीष्म की तपन ------------------ ग्रीष्म तपन भर कोप में, उगल रही अंगार। कहर ढहाती लू फिरे, पीट रही घर द्वार।। शुष्क धरा आकुल हुई, पनघट दिखें उदास। नयन नीर भर... Hindi · दोहा 1 361 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 4 Jan 2023 · 1 min read दृढ़ संकल्पी शीर्षक- "दृढ़ संकल्पी" भाग्य विधाता दृढ़ संकल्पी, माने कभी न हार। चट्टानों से अटल इरादे, भुजबल का आधार।। संकल्पों के पंख पसारे, भरता उच्च उड़ान। झेल आँधियाँ धूल, बवंडर, सदा... Hindi · गीत 1 318 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Nov 2021 · 1 min read छप्पय छंद विधा-छप्पय छंद (रोला-उल्लाला) देवलोक की देन, सृष्टि अनुपम कहलाती। करुण सौम्य रख भाव, छटा कमनीय दिखाती।। सूर्य लालिमा आज, धरा की माँग सजाती। ललित लहर सम तान, मोद से भू... Hindi · कुण्डलिया 5 5 416 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Nov 2021 · 1 min read कृतज्ञता का मनोभाव कृतज्ञता का मनोभाव मन कृतज्ञता भाव रख, खुशियाँ मिलें अपार। भौतिकता की सोच तज, करें नित्य उपकार।। करें नित्य उपकार, स्वार्थ तज बनें सहारा। रखें नम्र व्यवहार, लगे जन-जन को... Hindi · कुण्डलिया 3 6 470 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Nov 2021 · 1 min read छप्पय छंद छप्पय छंद गंगा निर्मल धार, देश खुशहाली लायी। धरती करे किलोल, क्षेत्र हरियाली छायी।। फैल रहा मकरंद,भोर की शोभा न्यारी। अंग लपेटे रंग, खिली मदमाती क्यारी।। वर्ण भेद सब भूल... Hindi · कुण्डलिया 1 605 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Nov 2021 · 1 min read छप्पय छंद छप्पय छंद निर्धन बेघरबार, सड़क पर भूखा सोता। खाता है दुत्कार, क्षुधा से पीड़ित रोता।। बेबस यह लाचार, शीत से तन ठिठुराया। दूजा कंबल देख, दूर से मन ललचाया।। उर... Hindi · कुण्डलिया 2 444 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Nov 2021 · 1 min read समझदार हैं आप विषय-"समझदार हैं आप" सत्य घिरा तम घेर में, न्याय करेगा कौन? समझदार हैं आप तो, तोड़ें अपना मौन।। दंभ भरे उर कर रहे, नित कलुषित व्यवहार। समझदार हैं आप तो,... Hindi · दोहा 3 2 603 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Nov 2021 · 1 min read राजनीति के राज कफ़न बेच नेता करें, महलों में आराम। राजनीति के राज में, सोया है आवाम।। अच्छे दिन के नाम पर, दिए सभी ने वोट। राजनीति के राज में, महँगाई की चोट।।... Hindi · दोहा 2 321 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Nov 2021 · 1 min read उपकार विषय-उपकार विधा-दोहा परहित की रख भावना, सदा करो उपकार। सुख-दुख के साथी बनो, सुखी रहे संसार।। डरो नहीं तुम मृत्यु से, रचो सुमृत्यु विधान। परहित की रख भावना, मिलता जग... Hindi · दोहा 2 421 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Nov 2021 · 1 min read दीपक विषय-दीपक माटी सानी प्रेम से, दिया दीप आकार। बाती ले सत्कर्म की, किया रूप साकार।। अवधपुरी दीपक जले, घर लौटे श्री राम। अँधकार लज्जित हुआ, दीपोत्सव की शाम।। जगमग दीपक... Hindi · दोहा 2 2 310 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Nov 2021 · 1 min read जल संरक्षण 'जल संरक्षण' अगर बचाना जीवन है तो सदा रखो ये याद, जल संरक्षण अपना कल है करो न जल बर्बाद। सूखे खेत नहीं लहराते जल इनका आधार, बढ़ती जनसंख्या ने... Hindi · कविता 1 348 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Nov 2021 · 1 min read कुंदन, आमंत्रण, कलश, सरोद, भैरवी कुंदन स्वर्ण मुखी शुभ यौवना, मधुरिम अधर रसाल। कुंदन देह निहार कर, नयन हुए वाचाल।। आमंत्रण नयन नयन को दे रहे, आमंत्रण मधुमास। तप्त हृदय पुलकित हुआ, सोच मिलन की... Hindi · दोहा 1 367 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Nov 2021 · 1 min read कवि कहता जन पीर विषय-"कवि कहता जन पीर" देख देश की दुर्दशा, साक्ष्य बनेगा कौन? कवि कहता जन पीर है, जनता बैठी मौन।। रक्त बूँद को मसि बना, कवि कहता निज पीर। भूख से... Hindi · दोहा 1 358 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Nov 2021 · 1 min read कठिन परीक्षा सत्य की "कठिन परीक्षा सत्य की" कठिन परीक्षा सत्य की, समझो मत आसान। हरीश्चंद्र को अंत तक, देने पड़े प्रमाण।। कठिन परीक्षा सत्य की, देकर पाया मान। धरा समाई जानकी, सह दुष्कर... Hindi · दोहा 614 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Nov 2021 · 1 min read प्रेयसी, गिनती, अंक/गोद प्रेयसी -------- चंचल चितवन प्रेयसी, कोमल कदली गात। नीरज निरखे नीर को, नैंना करते बात।। गिनती --------- उल्टी गिनती बन गई, कलयुग की पहचान। मिथ्या माया मोह में, फँसा हुआ... Hindi · दोहा 1 530 Share Page 1 Next