Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jan 2023 · 1 min read

आज़ादी के दीवाने

“आज़ादी के दीवाने”

भारत प्यारा देश हमारा, ऊँची इसकी शान है।
आज़ादी के दीवानों ने, दिया स्वयं बलिदान है।

राजगुरु, सुखदेव भगतसिंह, जैसे इसके लाल रे।
वीर शिवाजी, महाराणा से,गर्वित माँ का भाल रे।।
सच्ची धात्री बन पन्ना ने, किया पुत्र कुर्बान है।
आज़ादी के दीवानों ने, दिया स्वयं बलिदान है।।
भारत प्यारा देश हमारा——

हल्दीघाटी गौरव गाथा, गूँज रही चहुँ ओर है।
झाँसी के कण-कण में बसता, सुरबाला का शोर है।।
दसों दिशा में गूँजे इसका वैभवशाली गान है।
आज़ादी के दीवानों ने, दिया स्वयं बलिदान है।।
भारत प्यारा देश हमारा——

उठती लपटें आज चिता से, लहू सनी तलवार हैं।
मिटा शत्रु को गर्वित होते, कातर जन धिक्कार हैं।।
दुश्मन जिससे थर-थर काँपे, भारत देश महान है।
आज़ादी के दीवानों ने, दिया स्वयं बलिदान है।।
भारत प्यारा देश हमारा, ऊँची इसकी शान है।
आज़ादी के दीवानों ने, दिया स्वयं बलिदान है।।

डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
वाराणसी (उ. प्र.)

Language: Hindi
1 Like · 148 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
भरत मिलाप
भरत मिलाप
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
तेरी जुस्तुजू
तेरी जुस्तुजू
Shyam Sundar Subramanian
वेद प्रताप वैदिक को शब्द श्रद्धांजलि
वेद प्रताप वैदिक को शब्द श्रद्धांजलि
Dr Manju Saini
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet kumar Shukla
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*आस्था*
*आस्था*
Dushyant Kumar
3230.*पूर्णिका*
3230.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
Sarfaraz Ahmed Aasee
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मतदान और मतदाता
मतदान और मतदाता
विजय कुमार अग्रवाल
कवियों का अपना गम...
कवियों का अपना गम...
goutam shaw
ਮੁੜ ਆ ਸੱਜਣਾ
ਮੁੜ ਆ ਸੱਜਣਾ
Surinder blackpen
কেণো তুমি অবহেলনা করো
কেণো তুমি অবহেলনা করো
DrLakshman Jha Parimal
जवाब दो हम सवाल देंगे।
जवाब दो हम सवाल देंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
जितने चंचल है कान्हा
जितने चंचल है कान्हा
Harminder Kaur
*प्लीज और सॉरी की महिमा {हास्य-व्यंग्य}*
*प्लीज और सॉरी की महिमा {हास्य-व्यंग्य}*
Ravi Prakash
गीतिका ******* आधार छंद - मंगलमाया
गीतिका ******* आधार छंद - मंगलमाया
Alka Gupta
पूर्ण-अपूर्ण
पूर्ण-अपूर्ण
Srishty Bansal
आसानी से कोई चीज मिल जाएं
आसानी से कोई चीज मिल जाएं
शेखर सिंह
मां आई
मां आई
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
■ प्रबुद्धों_के_लिए
■ प्रबुद्धों_के_लिए
*Author प्रणय प्रभात*
मेरे मुक्तक
मेरे मुक्तक
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
अक्सर लोग सोचते हैं,
अक्सर लोग सोचते हैं,
करन ''केसरा''
ଭୋକର ଭୂଗୋଳ
ଭୋକର ଭୂଗୋଳ
Bidyadhar Mantry
ख़ामोश हर ज़ुबाँ पर
ख़ामोश हर ज़ुबाँ पर
Dr fauzia Naseem shad
चोर कौन
चोर कौन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
झूठ भी कितना अजीब है,
झूठ भी कितना अजीब है,
नेताम आर सी
पहाड़ों की हंसी ठिठोली
पहाड़ों की हंसी ठिठोली
Shankar N aanjna
" गुरु का पर, सम्मान वही है ! "
Saransh Singh 'Priyam'
Loading...