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6 Jul 2023 · 1 min read

ਮੁੜ ਆ ਸੱਜਣਾ

ਮੁੜ ਆ ਸੱਜਣਾ ਹੁਣ, ਮੈਂ ਮੁੜ ਮੁੜ ਔਸੀਆਂ ਪਾਵਾਂ।
ਮਾਰ ਮਾਰ ਆਵਾਜ਼ਾਂ, ਵੇ ਮੈਂ ਕਾਵਾਂ ਨੂੰ ਪਈ ਬੁਲਾਂ ਵਾਂ।

ਕਿਉਂ ਛੱਡ ਗਿਆ ਅਧਵਾਟੇ, ਮੈਨੂੰ ਸਮਝ ਨਾ ਆਵੇ
ਰਾਹਵਾਂ ਤੱਕਦੀ ਹੋਈ ਪੱਥਰ,ਨਾ ਅੱਖੋਂ ਨੀਰ ਵਹਾਵਾਂ।

ਮੁਕਰ ਗਿਆ ਤੂੰ ਹਰ ਵਾਲੇ ਤੋਂ,ਭੁਲਿਆ ਕੌਲ ਕਰਾਰ
ਜਿੰਦ ਮਲੂਕ ਜਿਹੀ ਮੇਰੀ,ਕੀਹਨੂੰ ਦੁੱਖ ਆਖ ਸੁਣਾਵਾਂ

ਕੋਠੇ ਚੜ੍ਹ ਕੇ ਮੈਂ ਵੇਖਾਂ,ਦਿਨ ਚੜ੍ਹਦੇ ਤੇਰਾ ਰਾਹ ਵੇ
ਨੱਚ ਉਠਾਂ ਜੇ ਮੇਰੇ ਨਜ਼ਰੀ,ਪੈ ਜਾਵੇ ਤੇਰਾ ਪਰਛਾਵਾਂ।

ਇੱਕ ਵਾਰੀ ਦੇ ਤੋਂ ਮੁੜ ਆਵੇ, ਭੁੱਲਾਂ ਸਾਰੇ ਦੁੱਖ ਵੇ
ਪਰ ਏਸ ਦਿਲ ਕਮਲੇ ਨੂੰ, ਮੈਂ ਕੀਕਰ ਦੇ ਸਮਝਾਵਾਂ।

ਸੁਰਿੰਦਰ ਕੌਰ

Language: Punjabi
108 Views
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