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Tag: ग़ज़ल/गीतिका
221 posts
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रुकती साँसों  को ठहरने ना दिया अब तक
रुकती साँसों को ठहरने ना दिया अब तक
suresh sangwan
हंसता  है  दिल  इश्क़ में या रो रहा है
हंसता है दिल इश्क़ में या रो रहा है
suresh sangwan
रंग  बहारों  के  उतर  क्यूँ जाते
रंग बहारों के उतर क्यूँ जाते
suresh sangwan
मेरे  ख्वाबों  का क़ातिल बता दो
मेरे ख्वाबों का क़ातिल बता दो
suresh sangwan
बातों  में  बनावट  सी  नज़र  आती  है
बातों में बनावट सी नज़र आती है
suresh sangwan
ज़बरन  ही  हामी  भराई  गई  थी
ज़बरन ही हामी भराई गई थी
suresh sangwan
खिजाओं  में भी जो  फूल  खिला देती है
खिजाओं में भी जो फूल खिला देती है
suresh sangwan
बिके न सच और झूठ की दुकान बहुत हैं
बिके न सच और झूठ की दुकान बहुत हैं
suresh sangwan
हर गली हर कूचे में बाग़बान मिल जाये
हर गली हर कूचे में बाग़बान मिल जाये
suresh sangwan
उल्फ़त  में  ग़म  के  ख़ज़ाने क्या- क्या निकले
उल्फ़त में ग़म के ख़ज़ाने क्या- क्या निकले
suresh sangwan
ये  बात  नहीं  है  सिर्फ़  बताने के लिये
ये बात नहीं है सिर्फ़ बताने के लिये
suresh sangwan
ए ज़िंदगी बड़ी अजीब हो तुम
ए ज़िंदगी बड़ी अजीब हो तुम
suresh sangwan
परिंदों को आवाज़ लगाने पे रहने दे मुझे
परिंदों को आवाज़ लगाने पे रहने दे मुझे
suresh sangwan
यूँ ना समझें कि वो ही हमको भुला बैठे हैं
यूँ ना समझें कि वो ही हमको भुला बैठे हैं
suresh sangwan
रख दे अब तू भी वहम का बादल निकाल के
रख दे अब तू भी वहम का बादल निकाल के
suresh sangwan
जब  आप   आप  न रहे
जब आप आप न रहे
suresh sangwan
जानेवाले  को  बुलाया  भी  जा सकता है
जानेवाले को बुलाया भी जा सकता है
suresh sangwan
अय हमसुखन वफ़ा का तक़ाज़ा है अब यही
अय हमसुखन वफ़ा का तक़ाज़ा है अब यही
suresh sangwan
हमसे ये नुकसान उठना मुश्क़िल है
हमसे ये नुकसान उठना मुश्क़िल है
suresh sangwan
यूँ मौसम का असर गया गोया
यूँ मौसम का असर गया गोया
suresh sangwan
मन के मैल से उल्फ़त का जंतर टूट जाता है
मन के मैल से उल्फ़त का जंतर टूट जाता है
suresh sangwan
मुहब्बत दीया नहीं मशाल है ....
मुहब्बत दीया नहीं मशाल है ....
suresh sangwan
फूँक  से  सूरज  बुझाना  छोड़  दो
फूँक से सूरज बुझाना छोड़ दो
suresh sangwan
मैं नहीं कोई फूल महक जाउँ बिखरकर भी..
मैं नहीं कोई फूल महक जाउँ बिखरकर भी..
suresh sangwan
पास  आने  नहीं  देते
पास आने नहीं देते
suresh sangwan
इश्क़ में हमारी बे-ज़ुबानी देखते जाओ
इश्क़ में हमारी बे-ज़ुबानी देखते जाओ
suresh sangwan
जहां को दिलवालों की कद्र करते किसने देखा है
जहां को दिलवालों की कद्र करते किसने देखा है
suresh sangwan
मंज़िल अपनी जगह रास्ता अपनी जगह है...
मंज़िल अपनी जगह रास्ता अपनी जगह है...
suresh sangwan
हौसलों की आज उड़ान देखिये
हौसलों की आज उड़ान देखिये
suresh sangwan
ख़ुदाया प्यार में यूँ बंदगी अच्छी लगी..
ख़ुदाया प्यार में यूँ बंदगी अच्छी लगी..
suresh sangwan
माँ ही गुरू माँ ही ज्ञान..
माँ ही गुरू माँ ही ज्ञान..
suresh sangwan
फूलों के शहर में घुमाता है कोई..
फूलों के शहर में घुमाता है कोई..
suresh sangwan
माँ  रोते  में  मुस्कुराना  तुमसे  सीखा है
माँ रोते में मुस्कुराना तुमसे सीखा है
suresh sangwan
ठिकाना ढूँढती बहती हवा सी लगती हूँ
ठिकाना ढूँढती बहती हवा सी लगती हूँ
suresh sangwan
बे-क़रारी शोर मचा सकती है
बे-क़रारी शोर मचा सकती है
suresh sangwan
दुनियाँ से न्यारी मेरी गुलगुल
दुनियाँ से न्यारी मेरी गुलगुल
suresh sangwan
बादशाह की मात को इक्के निकल आते हैं
बादशाह की मात को इक्के निकल आते हैं
suresh sangwan
लिखा ही समझते हैं न ज़बानी हमारी
लिखा ही समझते हैं न ज़बानी हमारी
suresh sangwan
आँख में ख़्वाबों को सजाती हूँ
आँख में ख़्वाबों को सजाती हूँ
suresh sangwan
दूरियां दीवार की मोहताज़ नहीं होती...
दूरियां दीवार की मोहताज़ नहीं होती...
suresh sangwan
कितने  बदल गये हालात किसी के जाते ही ..
कितने बदल गये हालात किसी के जाते ही ..
suresh sangwan
शाम ढली  हम घर चले....
शाम ढली हम घर चले....
suresh sangwan
अंधेरों को हमसफ़र किया जाये
अंधेरों को हमसफ़र किया जाये
suresh sangwan
अब कोई दिल को भायेगा कहाँ....
अब कोई दिल को भायेगा कहाँ....
suresh sangwan
अपना ही शहर आज मुझे बेगाना क्यूँ लगा
अपना ही शहर आज मुझे बेगाना क्यूँ लगा
suresh sangwan
ख़ौफ़ अब कोई नहीं जीने का सामां हो गई
ख़ौफ़ अब कोई नहीं जीने का सामां हो गई
suresh sangwan
बुझे हुए हैं दीए तमाम मुनव्वर कर दे..............
बुझे हुए हैं दीए तमाम मुनव्वर कर दे..............
suresh sangwan
इक बार मुझे भर के नज़र देख लेने दो....................
इक बार मुझे भर के नज़र देख लेने दो....................
suresh sangwan
हंसी ख़ुशी भी वक़्त बिताया जा सकता है ........................
हंसी ख़ुशी भी वक़्त बिताया जा सकता है ........................
suresh sangwan
ज़माने   की   हवा   हूँ   परिंदे    उड़ाती   फिरती  हूँ.......................
ज़माने की हवा हूँ परिंदे उड़ाती फिरती हूँ.......................
suresh sangwan
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