Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Nov 2016 · 1 min read

जब आप आप न रहे

जब आप आप न रहे
तो मिलन मिलाप न रहे

ज़िंदगी ऐसे जियो
कि पश्चाताप न रहे

आजकल पहले जैसे
कार्य – कलाप न रहे

जेब गर भरी नहीं है
तो बाप बाप न रहे

फ्री साइज़ बिके शर्ट
सूट के नाप न रहे

प्रेमियों की हसरत है
काश कोइ खाप न रहे

सभी ‘सरु’ पापी यहां
अब दुआ श्राप न रहे

231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक शाम उसके नाम
एक शाम उसके नाम
Neeraj Agarwal
जीवन का मकसद क्या है?
जीवन का मकसद क्या है?
Buddha Prakash
2719.*पूर्णिका*
2719.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"आँसू"
Dr. Kishan tandon kranti
कोई गैर न मानिए ,रखिए सम्यक ज्ञान (कुंडलिया)
कोई गैर न मानिए ,रखिए सम्यक ज्ञान (कुंडलिया)
Ravi Prakash
देखिए इतिहास की किताबो मे हमने SALT TAX के बारे मे पढ़ा है,
देखिए इतिहास की किताबो मे हमने SALT TAX के बारे मे पढ़ा है,
शेखर सिंह
ईद आ गई है
ईद आ गई है
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
💐प्रेम कौतुक-520💐
💐प्रेम कौतुक-520💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Kagaj ki nav ban gyi mai
Kagaj ki nav ban gyi mai
Sakshi Tripathi
शादी की अंगूठी
शादी की अंगूठी
Sidhartha Mishra
मेरा केवि मेरा गर्व 🇳🇪 .
मेरा केवि मेरा गर्व 🇳🇪 .
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
महान् बनना सरल है
महान् बनना सरल है
प्रेमदास वसु सुरेखा
मुझमें एक जन सेवक है,
मुझमें एक जन सेवक है,
Punam Pande
करती पुकार वसुंधरा.....
करती पुकार वसुंधरा.....
Kavita Chouhan
गैंगवार में हो गया, टिल्लू जी का खेल
गैंगवार में हो गया, टिल्लू जी का खेल
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
भोर काल से संध्या तक
भोर काल से संध्या तक
देवराज यादव
इक इक करके सारे पर कुतर डाले
इक इक करके सारे पर कुतर डाले
ruby kumari
शीर्षक – शुष्क जीवन
शीर्षक – शुष्क जीवन
Manju sagar
గురువు కు వందనం.
గురువు కు వందనం.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
राखी
राखी
Shashi kala vyas
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
Rajesh Kumar Arjun
दोहा पंचक. . . नारी
दोहा पंचक. . . नारी
sushil sarna
कैसी ये पीर है
कैसी ये पीर है
Dr fauzia Naseem shad
खत उसनें खोला भी नहीं
खत उसनें खोला भी नहीं
Sonu sugandh
सत्य की खोज
सत्य की खोज
dks.lhp
सिंहावलोकन घनाक्षरी*
सिंहावलोकन घनाक्षरी*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तुम याद आ गये
तुम याद आ गये
Surinder blackpen
तुझे कैसे बताऊं तू कितना खाश है मेरे लिए
तुझे कैसे बताऊं तू कितना खाश है मेरे लिए
yuvraj gautam
यूएफओ के रहस्य का अनावरण एवं उन्नत परालोक सभ्यता की संभावनाओं की खोज
यूएफओ के रहस्य का अनावरण एवं उन्नत परालोक सभ्यता की संभावनाओं की खोज
Shyam Sundar Subramanian
आज तू नहीं मेरे साथ
आज तू नहीं मेरे साथ
हिमांशु Kulshrestha
Loading...