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29 Nov 2016 · 1 min read

जानेवाले को बुलाया भी जा सकता है

जानेवाले को बुलाया भी जा सकता है
रूठा है तो क्या मनाया भी जा सकता है

जहाँ में कौन परबत है इंसान महफ़िल से
उठ भी सकता है उठाया भी जा सकता है

हर कोई चल नहीं सकता मंज़िल तक यहाँ
न चले कोई तो चलाया भी जा सकता है

संभाल ए दिल बारूद पे बैठी दुनियाँ में तू
जल भी सकता है जलाया भी जा सकता है

कह गये हैं जानेवाले यहाँ चमन फूलों का
खिल भी सकता है खिलाया भी जा सकता है

है खुदाई दुनियाँ में वतन का बच्चा बच्चा
हँस भी सकता है हँसाया भी जा सकता है

ये दुनियाँ है इसकी मुहब्बत में ‘सरु’ दिल
लग भी सकता है लगाया भी जा सकता है

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