Dr.Pratibha Prakash Language: Hindi 129 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Dr.Pratibha Prakash 24 Jul 2024 · 1 min read बरसात घमस घमस की है उमस, भूले मेघ बरसात उमस झुलस है हर तरफ , चुभती धूप उजास Hindi · दोहा 1 82 Share Dr.Pratibha Prakash 20 Jul 2024 · 1 min read आजमाइश इतना भी न गिरो नजरों में कि गुंजाइश ही न रहे कभी टूटकर वापिस तुमसे मिलने ख्वाहिश न रहे बहुत लम्बा वक्त गुजारा है तेरे आगोश में हमदम लेकिन अब... Hindi · कविता 1 68 Share Dr.Pratibha Prakash 10 Jul 2024 · 1 min read हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें गये पिय कौन विदिशवा, रोवत नैना दिन-रैना रे .. न जाने का भूल भई है , पवन सुहानी... Hindi · कविता · गीत 1 74 Share Dr.Pratibha Prakash 10 Jul 2024 · 1 min read सैनिक का सावन पात पात हरियाली छाई , सावन की है ये अंगड़ाई महकी वसुधा महकी माटी,अब फुहार ने तपन मिटाई आशाओं के पुष्प खिले हैं , बिछड़े कितने मीत मिले हैं नेह... Hindi · कविता · गीत 1 90 Share Dr.Pratibha Prakash 6 Jul 2024 · 1 min read कुछ लोग बातों में माहिर और बड़े शातिर होते हैं कुछ लोग खूबसूरत मगर कातिल होते हैं कुछ लोग करीब आते ही गले मिल के मुसकुराते हैं पीठ-पीछे तो खंजर चलाते हैं... Hindi · ग़ज़ल 1 73 Share Dr.Pratibha Prakash 5 Jul 2024 · 1 min read बचा लो तिरंगा कारण पता चला हमें आज , भारत क्यों गुलाम हुआ सही नरेश चुना न हमने , व्यर्थ शत्रु बदनाम हुआ एक दशक में जिसने हमको , स्वाभिमान सिखाया था सदियों... Hindi · कविता 1 67 Share Dr.Pratibha Prakash 5 Jul 2024 · 1 min read दुश्मन फिर से दुश्मन बौखलाया है , शेरों को देख घबराया है करने लगा निरंतर हमले, आदम भेड़िया बौराया है यूं तो मेरा ये क्षेत्र नहीं है, लेकिन सुख में कोई... Hindi · कविता 1 52 Share Dr.Pratibha Prakash 5 Jul 2024 · 1 min read नारी काल खण्ड का शिकार है नारी पुरुष बना जब जबरन अधिकारी स्वयं सजाया समाज पुरुष प्रधान निर्णय दे दिया निम्नतम है नारी सौष्ठव का दंभ पुरुष पर भारी अन्धा बना... Hindi · कविता 1 71 Share Dr.Pratibha Prakash 5 Jul 2024 · 1 min read बचपन जी लेने दो मुझको थोड़ा जी लेने दो, बचपन मेरा जी लेने दो मैं पढूंगी और लिखूंगी , जीवन में कुछ नाम करुँगी किन्तु मात पिता संग रहने दो............. अति का होम वर्क... Hindi · कविता 1 72 Share Dr.Pratibha Prakash 25 Jun 2024 · 1 min read अध्यात्म की तपोभूमि अध्यात्म की तपो भूमि पर बनी खड़ी हैं महल अटारी ज्ञान प्रकाश पर भारी है मोह लोभ की निशा अंधियारी जो आत्म वोध के मार्ग बताते, स्वयं अनभिज्ञ क्यों हो... Hindi · कविता 1 92 Share Dr.Pratibha Prakash 22 Jun 2024 · 1 min read विरोध मैं परंपराओं का नहीं कुप्रथाओं का विरोध करती हूं समाज के आडंबरों में अश्लीलता का विरोध करती हूं स्त्री सम्मान की जब बात आती है कहीं भी सामने हो जाती... Hindi 3 2 54 Share Dr.Pratibha Prakash 18 Jun 2024 · 1 min read रानी मर्दानी तुम रानी मर्दानी ही नहीं सुलगती एक चिंगारी हो तुम केवल इतिहास नहीं, भूगोल की बम बारी हो समझ सके जो राष्ट्र प्रेम क्या,वो शब्दों को भी समझेंगे कहा हैं... Hindi · कविता · गीत 2 143 Share Dr.Pratibha Prakash 18 Jun 2024 · 1 min read पितृ दिवस बोले यक्ष धर्म राज से पञ्च प्रश्न मुझे करना , तब ही तुम आगे आकर सर से जल भरना एक प्रश्न बड़ा घर था आकाश से बड़ा कौन , याद... Hindi 2 105 Share Dr.Pratibha Prakash 18 Jun 2024 · 1 min read अग्नि कन्या बीना दास जब भी राजनीति के दुर्भाग्य का जिक्र किया जाएगा महान महिला क्रांतिकारियों को भुला दिया जाएगा बनी हजारों चलचित्र संगीत संग चरित्र श्रंखलाएं नहीं मिलती इन चिंगारियों की जलती हुई... Hindi 2 71 Share Dr.Pratibha Prakash 17 Jun 2024 · 2 min read बुझदिल तुम भूल गये हो बालाकोट, भूल गये विजय कारगिल उलझ गये मजहब व्यूह में , काम तुम्हारे हैं बुझदिल तुमने कुछ नवयुवको को झांसा देकर, झूठा ख्वाब दिखाया है इन... Hindi · कविता 2 60 Share Dr.Pratibha Prakash 15 Jun 2024 · 1 min read तुम ओज तेज अंड पिंड सर्वत्र तुम ही एक हो देव देवी वीर पीर यक्ष गंधर्व अतिरेक हो आत्मा परमात्मा में भगवान में तुम ही तुम परम शक्ति अर्थ तुम ही... Hindi 2 89 Share Dr.Pratibha Prakash 15 Jun 2024 · 1 min read चाहतें चाहतों का आकाश बड़ा है, लेने का भी पात्र बड़ा है रहे स्मरण पाश बड़ा है, जो फंस गया वो फंसा खड़ा है हम को क्या हम अर्ध संन्यासी, उलझे... Hindi · कविता 2 64 Share Dr.Pratibha Prakash 15 Jun 2024 · 1 min read कड़वा सच सेवा का जो अर्थ न जाने, सेवा फल को क्या पहचाने कर्मों को जो देने वाला है, कर्म फल वो क्या ही जाने ऐसी सोच को रखने वाले, ज्ञान ध्यान... Hindi 2 73 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2024 · 1 min read झुलस धरती झुलस रही अब आओ , हे मेघा अब तो जल बरसाओ अब तो दया करो हे अम्बर , काली घटा से नीर ले आओ सुख गये हैं तालब बाबड़ी,... Hindi · कविता 1 84 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2024 · 1 min read डर लगता है ईंट पत्थर पिस्टल गोलियों की धाय धाय चारों तरफ अराजकता और हाय हाय बचाओ मारो बाहर निकलो सुनाई देता है सड़कों पर ही रेप और हत्या कांड होता है डर... Hindi · कविता 3 109 Share Dr.Pratibha Prakash 10 Jun 2024 · 1 min read मैं नहीं कहती मैं नहीं कहती सन्यासी हो जाओ, मैं ये भी नहीं कहती जाकर कहीं धुनी रमाओ ये भी नहीं कि शमसान में जाकर तुम भी भस्म नहाओ ....मैं ये नहीं कहती... Hindi · कविता 1 68 Share Dr.Pratibha Prakash 4 Jun 2024 · 1 min read बिखरा सबकुछ बिखरा बिखरा सा लगता है सबकुछ उखड़ा उखड़ा सा लगता है डूब रहा है आदमी जिस कदर मतलब में हर परिन्दा खुद से जुदा जुदा सा लगता है ख्वाहिशें... Hindi · ग़ज़ल 1 99 Share Dr.Pratibha Prakash 29 May 2024 · 1 min read त्राहि त्राहि तपती छाती वसुन्धरा की तरुवर बिन अकुलाई है सूना आंचल कहे व्यथा अब नदिया की करुनाई है सूख गये तालाब बाबड़ी कुओं के दिन बीत गये गौरैया कपोत काग अब... Hindi · कविता · गीत 2 138 Share Dr.Pratibha Prakash 28 May 2024 · 1 min read शाम शाम आज की गर्मी से राहत दिलाती ढलती हुई शाम बच्चो को घर बाहर खिलाने ले जाती हुई ये शाम चकोर को भी तो इंतजार है चांद का जो आएगा... Hindi · कविता 1 50 Share Dr.Pratibha Prakash 24 May 2024 · 1 min read पीपल बाबा बूड़ा बरगद पीपल बाबा, बूड़ा बरगद शाखाएं अपनी फैलाता था नीम हकीम की पुड़िया होती, भूत बबूल पे आता था टेशू महकते फागन में, जेठ फालशे खाते थे इठलाती इमली खट्टी, मीठा... Hindi · कविता · गीत 3 124 Share Dr.Pratibha Prakash 23 May 2024 · 1 min read बुद्ध पूर्णिमा बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष क्षमा सहित आप सभी कि प्रतिकियाओं कि प्रतीक्षा करुँगी सभी कहते हैं कि तुम बुद्ध थे लेकिन तुम तो सिद्धार्थ ही थे सत्य यही कि तुम... Hindi · कविता 2 110 Share Dr.Pratibha Prakash 22 May 2024 · 1 min read pita समय रहते पिता की बात जो मान जाते हैं वही शख्स जीवन की हर मंजिल को पाते है भटक जाते जो सोचकर मुझसा नहीं कोई वो अक्सर राह में जाकर... Hindi · मुक्तक 1 134 Share Dr.Pratibha Prakash 21 May 2024 · 2 min read गर्मी की मार गर्मी की भीषण मार पड़ रही थोड़ा सा जल रख देना किसी नीड़ के आस पास तुम कुछ दाने बिखरा देना याद दिला दूं आज आपको, चिट्ठी वाला वही कबूतर... Hindi 1 114 Share Dr.Pratibha Prakash 20 May 2024 · 3 min read बीते हुए दिन बचपन के मेरा बचपन मां … मेरे बचपन में बेटा आता था बन्दर मामा लाठी संग होती मामी को ससुराल से लाना .. हःह अच्छा और क्या क्या होता था माँ ....बच्चे... Hindi · कविता · गीत · बाल कविता 1 156 Share Dr.Pratibha Prakash 19 May 2024 · 1 min read संस्कार पके है आम अब रोते, आओ कहां बालक तुम छोटे कमाया खूब ही पैसा बन गए लेकिन अक्ल के खोते लड़ते परिवार आपसे में ही अब तो संस्कार सब छूटे... Hindi · मुक्तक 1 66 Share Dr.Pratibha Prakash 16 May 2024 · 1 min read कर्म कर्मों का ही खेल है सारा, शेष उस शक्ति का ही पसारा असंख्य आकाश गंगा गगन में असंख्य रवि का उजियारा रूप नाम भिन्न स्थान एक सतत वही सर्वशक्तिमान श्रोत... Hindi · मुक्तक 1 56 Share Dr.Pratibha Prakash 11 May 2024 · 1 min read हे बुद्ध हे वुद्ध जगाया दीप तुमने आत्मा का किया कल्याण तत्कालीन समाज का सच कहो खुद में झाँका कभी खुद को क्या विचार आया था यशोधरा का देते रहे उपदेश तुम... Hindi · कविता 2 132 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 1 min read नारी तू नारायणी नारी तू नारायणी नारी तू नारायणी ,नहीं अबला, तुम शक्ति प्रदायिनी तुम ही काली तुम कपालिनी ……………..नारी तू नारायणी गोद तुम्हारी वात्सल्य झूले, ममता तुम्हारे आंचल फूले तुमसे स्नेह पराग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 94 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 1 min read मैं मैं खोजना चाहता हूँ एक बार खुद को ही मैं पञ्च तत्व से निर्मित हूँ फिर भी जाने क्यों लगूं क्यू कभी –कभी बिखरा सा और कभी साहस का दरिया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 86 Share Dr.Pratibha Prakash 4 May 2024 · 2 min read आखिर क्यों क्यों स्त्री वुद्ध नहीं हो जाती क्यों घर छोड़ते ही कुलटा कहलाती यूँ तो ज्ञान की देवी सरस्वती लेकिन ज्ञान पर अधिकार नहीं रखती यूँ तो नवरात्रि में स्त्री माँ... Hindi · कविता 1 43 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Apr 2024 · 1 min read इश्क इवादत रातों को नींदे जगाने लगे हो अक्सर ख्वाबों में आने लगे हो मिलता नहीं अब तकल्लुफ कहीं एक तुम ही दिल में समाने लगे हो उदू लगता है ये जमाना... Hindi · ग़ज़ल 3 1 111 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Apr 2024 · 1 min read संवेदनायें संवेदना किसी भी वेदना का कारण होती हैं ये संवेदनाएं ही हैं जो निवारण भी करती हैं संवेदनाओं की अपनी होती एक निजी भाषा बिना शब्दों के आँखों में परिभाषा... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 11 285 Share Dr.Pratibha Prakash 21 Apr 2024 · 1 min read संवेदनाएं संवेदनाये जगती हैं तो भावनाएं बन जाती हैं संवेदनाएं मरती हैं तो दुर्घटनाएं हो जाती है || संवेदनाओं में पिरोकर ही होता ईश का वंदन सवेनाओं में ही जागता है... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 12 338 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Mar 2024 · 1 min read दिन ढले तो ढले हँसकर मिलना तुम सभी से गले अगर दिन ढलता है तो ढले ...हंसकर ... निशा है ये काली पर कट ही जाएगी मुश्किल है मंजिल मगर मिल जाएगी न हिम्मत... Hindi · गीत 3 101 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Mar 2024 · 1 min read होली पर उड़ता गुलाल, लाल, लाल अज गाल पर हंसी ठिठोली अज, होली की फुहार पर गली-गली शोर-होर, हर इक द्वार पर बाल गोपाल ग्वाल, रंगों की बौछार पर सरसों की पीत... Hindi · कविता 3 100 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Mar 2024 · 1 min read बाढ़ झंझावातो की बाढ़ सी आई है रुकावटों की बहार सी आई है अचानक सब रुक सा गया है चलते चलते मन थक सा गया है तकते तकते सफलता की राहें... Hindi · कविता 3 99 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Mar 2024 · 2 min read अकेले आए हम अकेले है जाना अकेले , बहकाते हैं ये दुनियाँ के मेले कुछ भी नहीं है सच्चा यहाँ , सारे ही रिश्ते हैं मिथ्या यहाँ बालू के ढेर पर... Hindi · गीत · गीतिका 3 268 Share Dr.Pratibha Prakash 8 Mar 2024 · 1 min read महिला दिवस भारत माता कह बुलाते अपने राष्ट्र का परिचय देते दुर्भाग्य मगर भटकी पीड़ी का महिला दिवस मानाने पड़ते नारी शक्ति द्योतक है मानी पवित्र गूंजती वेदों की वाणी कैसे भूल... Hindi · कविता 4 129 Share Dr.Pratibha Prakash 19 Jan 2024 · 1 min read पुनर्जागरण काल ये पावन पुनीत अमृत वेला है जो पी रहा रस हो अलवेला है हर तरफ एक ही गूंज गूंज रही जय जय हो बस यही धूम रही महक रहा अध्यात्म... Hindi · कविता 10 171 Share Dr.Pratibha Prakash 9 Aug 2023 · 1 min read आधुनिक हो गये हैं हम आधुनिक हो गये हैं हम , शिक्षित होकर ज्ञान भूल गए हम यूं तो आभसी दुनियाँ में लाखों, पर अपनों को भूल गये हैं हम संस्कार की भाषा, प्यार की... Poetry Writing Challenge · कविता 14 4 330 Share Dr.Pratibha Prakash 6 Aug 2023 · 1 min read चेतावनी हिमालय की वर्षों से पुकार लगा रहा हूं वेदना सबको बता रहा हूं लेकिन मानव तू वधिर हो गया अश्रु निरंतर मैं वहा रहा हूं।। तब जाकर प्रतिकार किया मैं हिमालय बतला... Hindi · कविता 15 2 482 Share Dr.Pratibha Prakash 8 Jul 2023 · 1 min read फितरत अजीब इल्म की रिवायतें बदली इन्सान की फितरत बदल गई न पूजा न इवादत न कोई रिश्ता बचा सजदा भी अब सौदे की बात बन गई न खौफ खुदा का... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 22 13 983 Share Dr.Pratibha Prakash 8 Jul 2023 · 1 min read फितरत फितरत क्या थी आदमी की फितरत कभी अब देखो क्या हो गई है इन्सान में थी इंसानियत जो आज जाने कहाँ खो गई है पहले पड़ोस खास होता था और... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · गजल 16 8 959 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jun 2023 · 1 min read कहती गौरैया क्यों भूल गए मोहे मेरे भैया मैं तो तेरे आंगन की गौरैया बच्चों का मन बहलाती इधर उधर फुर्र हो जाती बनाओ इमारत चाहे ऊंची खिड़की एक रखो तो छोटी... Hindi · गीतिका 15 5 736 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read वन्दे मातरम गूँजे कण कण भारत भू का वन्दे मातरम महक उठे वन उपवन मिलके वन्देमातरम शस्य श्यामला भू हरियाली परम्परा समृद्धिशाली राष्ट्र प्रेम की गाथा गाते हर मधुवन की हरेक डाली... Poetry Writing Challenge · कविता 22 9 481 Share Previous Page 2 Next