Pakhi Jain Language: Hindi 148 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Pakhi Jain 3 May 2022 · 1 min read घनाक्षरी ***मनोरमा जैन पाखी मनहरण घनाक्षरी छंद °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° 8 8 8 7 प्रीत की है क्यूँ चुभन , भावना कर दमन , सुरभित है चमन, मन बहकाइये ।। मुस्कान लगती प्यारी... Hindi · घनाक्षरी 2 152 Share Pakhi Jain 3 May 2022 · 1 min read इंतजार लघुकथा इंतजार ... आज फिर उस खंडहर हुये मकान के टूटे दरवाजे पर भगौनी में दूध लिए बूढ़ी माई एक फोटो को टकटकी लगाये आँसू भरी आँखों से ममत्व भाव... Hindi · लघु कथा 1 162 Share Pakhi Jain 2 May 2022 · 1 min read प्रणयिनी का वरण ही नहीं हो सका गीत-- कौमुदी देख मुस्का रही थी हमें, प्रणयिनी का वरण ही नहीं हो सका। प्राणपण से निभाया गया प्रेम पर, उर अनिर्णय क्षरण ही नहीं हो सका। पुस्तिका पृष्ठ भी... Hindi · गीत 2 2 113 Share Pakhi Jain 28 Apr 2022 · 2 min read सीख शीर्षक --सीख "कौन करेगा इनके बिस्तर साफ?जब देखो तब गंदा करती रहतीं हैं।"देवरानी ने नाक से साड़ी का पल्लू दबाया "बड़ी के ठाठ हैं।कुछ करना न पड़े इसलिए अलग हो... Hindi · लघु कथा 2 2 510 Share Pakhi Jain 9 Apr 2022 · 2 min read कुंडलियां छंद (7)आया मौसम कुंडलियाँ -- दोहा --रोला आया मौसम प्यार का, बदले रूप हजार। प्रेम भरी तकरार की, ठंडी चले फुहार ।। ठंडी चले फुहार, याद है तेरी आती। जलता कैसे दीप, तैल... Hindi · कुण्डलिया 2 2 765 Share Pakhi Jain 2 Apr 2022 · 2 min read भेड़चाल भेड़चाल जीवन सहजता से बीत रहा था ।सभी कुछ समयाधुसार और अनुशासित ।पर आज अचानक अपमान की बूंदों ने स्वरा का असलियत से सामना करा दिया। आज कालेज में युवाउत्सव... Hindi · लघु कथा 1 166 Share Pakhi Jain 23 Mar 2022 · 1 min read कुंडलियाँ बीते दिन की बात है, दिखे गाँव में बैल नई हवा ने भर दिया, सबके मन में मैल ) सबके मन में मैल, नहीं घानी भी दिखती न्यारे तेरे खेल,खाद... Hindi · कुण्डलिया 1 163 Share Pakhi Jain 15 Mar 2022 · 2 min read लेख विषय संस्कार विधा :-लेख आमतौर पर संस्कार से आशय व्यक्ति के आहार ,व्यवहार से लिया जाता है ।उसका रहन सहन ,खानपान भी अक्सर हम सब संस्कार से जोड़ते हैं ।यहाँ... Hindi · लेख 1 142 Share Pakhi Jain 11 Mar 2022 · 2 min read युद्ध (संक्षिप्त लेख) 11-3-2022 संक्षिप्त लेख सभ्यता का इतिहास खंगाल कर देखें तो विनाश की कहानियाँ भी दिखाई देंगी ।जिनमें प्रकृति प्रकोप के साथ युद्ध के विध्वंसकारी दस्तावेज भी शामिल है। कॉलेज में... Hindi · लेख 1 323 Share Pakhi Jain 10 Mar 2022 · 1 min read वसुधैव कुटुम्बकम ् हमारे भारतीय गणतंत्र ,संस्कृति, सभ्यता की मूल आधार है--वसुधैव कुटुम्बकम की भावना।यह संस्कृति सामासिक संस्कृति है जिसमें तेरा-मेरा की भावना नहीं होती।भारतीय संस्कृति की मूल आधार भावना विश्वशांति करने में... Hindi · लेख 1 303 Share Pakhi Jain 5 Mar 2022 · 3 min read बाल विवाह प्रदत्त विवाह --बालविवाह दिनांक 11अप्रेल ,2021 दिन रविवार को विषय के पक्ष में लिखा गया *** माननीय अध्यक्ष महोदय ,मंचासीन पदाधिकारीगण व उपस्थित निर्णायक मंडल व सहप्रतियोगी मित्रों। बाल विवाह... Hindi · लेख 1 238 Share Pakhi Jain 19 Feb 2022 · 1 min read बादलों पर नवगीत ★★★★★★★★★★ मुखड़ा बादलों पर घर बनाया, ख्बाव देखा एक प्यारा । कल्पना के गाँव में भी, कब बना है घर हमारा । अंतरा . नाव लहरों पर उछलती, दिख... Hindi · गीत 1 265 Share Pakhi Jain 18 Feb 2022 · 2 min read साया रोमांच कथा -- #साया अभी रात्रि के साढ़े 12 ही बजे थे। आदतन मीरा स्तुति ,मंत्र आदि मन ही मन में पढ़ रही थी।पतिदेव ने दो मिनिट पहले ही समाचार... Hindi · लघु कथा 1 212 Share Pakhi Jain 7 Feb 2022 · 1 min read शाम ढल गई लघुकथा . और शाम ढल गई(पत्रशैली) प्रिय सखी, तुम हरदम जानना चाहती थी ना कि हँसते हुये भी मेरी आँखों में अनकही उदासी क्यूँ है?बात करते करते कहीं खो क्यूँ... Hindi · लघु कथा 1 516 Share Pakhi Jain 1 Feb 2022 · 1 min read दोहा #रचना उठा हृदय में है सदा, जब कोई भी द्वंद । अंर्तमन ने तब गढ़े , भाव युक्त कुछ छंद।। उथल-पुथल लेकर चला,भाषा-भाषी बंध । मणिकर्णिका सा चमके,शब्द वर्ण रस... Hindi · दोहा 2 203 Share Pakhi Jain 30 Jan 2022 · 1 min read मुक्तक उम्मीद का दीप जलाती रही वेदना ध्रूम संग उड़ाती रही। हर बार टूटता रहा वो आइना जोड़ टुकड़े खुद,बहलाती रही । पाखी Hindi · मुक्तक 3 2 437 Share Pakhi Jain 29 Jan 2022 · 2 min read कुंडलियाँ --2 1--100-सपना सारा दर्द खींच रचा ,कविता का संसार सपना पूरा कब हुआ,ली थी कलम उधार ली थी कलम उधार,आज करती हूँ वापिस रहना खुश दिलदार,घाव मेरे हैं शापित। सपना मत... Hindi · कुण्डलिया 3 353 Share Pakhi Jain 28 Jan 2022 · 1 min read स्मृतिकोश छविचिंतन स्मृतियों के कोष में , मोती मुक्ता सम चमकीं। यादें तुम्हारी प्रियवर वो मन गुहा में जैसे चटकीं।। गहन कारा में जैसे तप करती साध्वी सी उरनिलय में निवासिनी... Hindi · कविता 2 394 Share Pakhi Jain 28 Jan 2022 · 1 min read कौन शुभ संध्या तुम कौन .. हरीतिमा की मखमली चादर , श्वेत शफ़्फ़ाक बदन पर काले मोतियों से सजी मेरे ख्बावों ,सपनों को समेटे ... तू कौन ?? फडफडाते पन्नों पर... Hindi · कविता 1 197 Share Pakhi Jain 28 Jan 2022 · 1 min read घनाक्षरी विधा मनहरण घनाक्षरी ???????? एक प्रयास प्रीत प्यार के रंग हैं देखो अनेक ढंग हैं, बतलाए कौन सखी किसको सुनाती है।1 रंग उडत गगन. सखी सहेलिन संग होरी में बतियाँ... Hindi · घनाक्षरी 2 294 Share Pakhi Jain 28 Jan 2022 · 1 min read सम्मान शीर्षक --सम्मान वह तेजी से हाथों में फाइल और कंधे पर टँगे पर्स को सँभालती चली जा रही थी। बार -बार बैचेनी से उसकी नज़रें आगे-पीछे भी घूम रहीं थीं... Hindi · लघु कथा 1 318 Share Pakhi Jain 24 Jan 2022 · 1 min read गीत --छोड़ गये क्यों सजना गीत मुखड़ा छोड़ गये क्यों सजना क्या भूल हमारी है ? किसे सुनाऊँ जाकर । विपदा जो तुम्हारी है । अंतरा-1 निद्रावस्था में त्यागा कुछ कह कर तो जाते शिशु... Hindi · गीत 2 2 206 Share Pakhi Jain 21 Jan 2022 · 2 min read कुंडलियाँ छंद कुंडलियाँ -- दोहा --रोला आया मौसम प्यार का, बदले रूप हजार। प्रेम भरी तकरार की, ठंडी चले फुहार ।। ठंडी चले फुहार, याद है तेरी आती। जलता कैसे दीप, तैल... Hindi · कुण्डलिया 2 2 506 Share Pakhi Jain 20 Jan 2022 · 1 min read तू कौन स्वतंत्र अभिव्यक्ति , तुम कौन .. हरीतिमा की मखमली चादर , श्वेत शफ़्फ़ाक बदन पर काले मोतियों से सजी मेरे ख्बावों ,सपनों को समेटे ... तू कौन ?? फडफडाते पन्नों... Hindi · कविता 1 2 211 Share Pakhi Jain 16 Jan 2022 · 5 min read हिन्दी दिवस हिन्दी दिवस -१४ सितंबर विशेष ------------------------------------------ *हिंदी जानती है उसे सतत् बहते रहना है।* *बहते बहते ही उसे यहाँ अक्षुण्ण रहना है* *मर जाते हैं लोग वो जो जड़ से... Hindi · लेख 1 467 Share Pakhi Jain 15 Jan 2022 · 1 min read जादू -- #शब्दों का जादू #अतुकांत बहुत हौले से कहा था कुछ सरगोशी करते तुमने सुर्ख कपोलों पर निशां प्यार का अंकित करते। गुलाब की नाज़ुकी सी थी छुवन तेरे शब्दों... Hindi · कविता 2 5 447 Share Pakhi Jain 11 Jan 2022 · 1 min read नारी विषय नारी मानते अबला तुम , बोलते सबला तुम , कहते हो भोग्या तुम । कितने नारी रूप ? जन्म दे बनी जननी, भाई का मान बहिनी , आई गोद... Hindi · घनाक्षरी 1 359 Share Pakhi Jain 9 Jan 2022 · 1 min read बताना है --गज़ल 09/01/2021 मनोरमगा छंद मापनी गालगागा गालगागा गा राज हमसे ही छुपाना है बात तुमको ही बताना है । आ गये थे ,रात बातों में। मुख दिखा के क्यूँ सताना है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 344 Share Pakhi Jain 9 Jan 2022 · 1 min read एहसास . एहसास ..। ये अहसास ही तो है कोमल ,सुंदर सा . जोड रखा है हमें आपस में ये अहसास ही तो थे । अहसास होता है तब होती अनुभूतियाँ... Hindi · कविता 1 180 Share Pakhi Jain 8 Jan 2022 · 1 min read कैसी हो तुम ..स्त्री बहती नदी की धार सी ज्यों चूल्हे में जलती आग सी। कभी देहलीज पर जलते दीप सी तो कभी आले में जलती मोमबत्ती सी .. पुराने जमाने की लालटेन या... Hindi · कविता 2 187 Share Pakhi Jain 4 Jan 2022 · 1 min read अनुभूती अनुभूति मेरे *मन* की अनुभूति व्यक्ति-अभिव्यक्ति के भँवर में सदैव डूबती -उतराती रहती है। न जाने किन झंझा-झकोरों में फँसी उलझती जाती है। देख वैमनस्यता के बीज स्नेहारोपण क्यूँ करना... Hindi · कविता 2 456 Share Pakhi Jain 3 Jan 2022 · 1 min read देखा है मैंने 03/01/2021 रविवार को सृजित की गयी रचना देखा है मैने उसे टूटने की हद तक चाहते डूबने तक प्यार में चाहते प्यार के लिए मचलते तड़पते.....। देखा है मैने उसे..... Hindi · कविता 341 Share Pakhi Jain 2 Jan 2022 · 1 min read काव्यिके नववर्ष पर क्या उपहार दूँ काव्यिके ? लेखनी अवरुद्ध है अब क्यूं साध्यके? मनमंथन कर नवनीत पा लिया हमने , भूल जाना उचित है विगत बुरा क्षाम्यिके । पाखी_मिहिरा Hindi · मुक्तक 2 305 Share Pakhi Jain 28 Dec 2021 · 1 min read नारी नारी .. लिखे गये काव्य हजारों तुम पर कभी सौंदर्य पर ,कभी हुनर पर । कभी चालबाजियों पर कभी उन साजिशों पर। लोगों ने बनाकर कहानियाँ हवा दी तुम्हारी फित़रत... Hindi · कविता 1 320 Share Pakhi Jain 27 Dec 2021 · 3 min read समीक्षा दोहा गाथा पुस्तक समीक्षा नाम -दोहागाथा लेखक अमरनाथ अग्रवाल ,लखनऊ 1फरवरी ,1941 इस दिन जन्म हुआ एक चिंतक,लेखक और कविहृदय ,छंदज्ञाता व विविध विधाओं के पुरोधा कलमकार ,गुरु अमरनाथ अग्रवाल जी का।सिविल... Hindi · पुस्तक समीक्षा 1 295 Share Pakhi Jain 21 Dec 2021 · 1 min read जिंदगी जिंदगी बदसूरत ही होती है सच्चाइयों से जो भरी होती है । देखोगे दर्पण ,स्वयं ही दिखोगे कोई बात कहाँ छिपी होती है ? यंत्र हो चुके है मन ,संवेदनहीन... Hindi · कविता 1 368 Share Pakhi Jain 21 Dec 2021 · 1 min read कैसे जी भुलाना भी आसां नहीं होता सहे हैं कुछ तीर ऐसे भी। जख़्म दिखाये भी नहीं जाते बने नासूर ये कैसे जी। जो भी हुआ ,अच्छा हुआ शायद दौर वो था... Hindi · कविता 1 293 Share Pakhi Jain 20 Dec 2021 · 3 min read श्यामो रेखाचित्र शीर्षक --श्यामो कल 21को नौ माह की हो जायेगी हमारी श्यामो। गहरी ,बड़ी कज़रारी अँखियाँ ,साँवला तो नहीं कुछ भूरा सा रंग, चंचल ,शोख,शरारती तो है ही ।हद दर्जे... Hindi · लेख 2 2 359 Share Pakhi Jain 20 Dec 2021 · 1 min read अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस 19/11/2019अंतराष्ट्रीय पुरूष दिवस पर सृजित हुये कुछ भाव।?..?????? हाँ ,तुम पुरुष हो , कठोरता के कवच में ढाले गये। निर्भीकता की आंच में पाले गये । पाषाण हृदय सम कठोर... Hindi · कविता 3 2 315 Share Pakhi Jain 20 Dec 2021 · 2 min read यादों का कोहरा 20/12/2021 यादों का कोहरा इक धुंध सी लिपटी हुई थी चारों तरफ।दो हाथ के आगे का मार्ग सुझाई नहीं दे रहा था।सुबह का समय था ।कार में पुराने गानों की... Hindi · लघु कथा 2 2 267 Share Pakhi Jain 14 Dec 2021 · 1 min read नववधू नवसृजन -54 शीश पर ओढ़नी लाज की रंग लाल पाया । प्यार ,समर्पण का ओढ़ घूंघट पति गेह पाया। सुहाग सिंदूर भर भाल पर माथे टिकुली लगाया। बना निशानी सुहागन... Hindi · कविता 2 4 312 Share Pakhi Jain 14 Dec 2021 · 1 min read मौत मौत ,तू कविता नहीं पूरा काव्य संसार है। जिस दिन मिलेगी मुझे , रोक लूँगी धड़कनों का गतिशील स्पंदन , आती जाती साँसों का हवाओं से रिश्ता तोड़ ही लूँगी।... Hindi · कविता 2 292 Share Pakhi Jain 11 Dec 2021 · 3 min read साक्षात्कार एक साक्षात्कार प्रिय सखी मनोरमा जी के साथ 10/12/2021 प्रश्न 1 आपके नाम का सही मतलब क्या है जी? मनोरमा --मेरे नाम का सरल सहज अर्थ है मन में रमने... Hindi · लेख 216 Share Pakhi Jain 10 Dec 2021 · 2 min read भेड़चाल चित्र आधारित सृजन आयोजन संख्या 47 भेड़चाल जीवन सहजता से बीत रहा था ।सभी कुछ समयाधुसार और अनुशासित ।पर आज अचानक अपमान की बूंदों ने स्वरा का असलियत से सामना... Hindi · लघु कथा 221 Share Pakhi Jain 10 Dec 2021 · 4 min read आलेख ::शिक्षा *शिक्षा* :-- *एक मौलिक अधिकार* *आलेख* ----- *मनोरमा जैन पाखी* शिक्षा एक मौलिक अधिकार है।भारत में सर्वप्रथम बालकृष्ण गोखले द्वारा -1910 में निःशुल्क और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा की माँग की... Hindi · लेख 1 508 Share Pakhi Jain 4 Dec 2021 · 6 min read पापा की सीख "डेजी, कालेज जा ,तुझे सोशियोलॉजी की मैम ने बुलाया है।"कालेज से लौटी डेजी की बड़ी बहन मैसी ने बोला। वह थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी और डेजी का पहला साल... Hindi · कहानी 1 458 Share Pakhi Jain 4 Dec 2021 · 1 min read बदलते रिश्ते शुभ संध्या स्नेह का धागा, संवाद की सुई और क्षमा की दो बूंद जीवन की चादर में उधड़ते रिश्तों की,तुरपाई कर देती है..! ??जय जिनेन्द्र?? फिर दिसंबर की धूप ढली... Hindi · कविता 2 588 Share Pakhi Jain 4 Dec 2021 · 2 min read अनगढ़ शब्द ,लंबी कविता 15--व्यक्तित्व रहस्य की पर्तों से झांकता ,नेत्र वलय में ठहरता कुछ तो हो सम्मोहित सा करने वाला तन की दीवारों को भेद स्वयं में ही सिमटता अजब आकर्षण बातों में... Hindi · कविता 2 2 452 Share Pakhi Jain 28 Nov 2021 · 3 min read रेडियो रूपक --निर्णय नेपथ्य से पानी बरसने का टिप टिप टिपा टिप संगीत सुनाई दे रहा है साथ ही फिल्मी गाने की आवाज भी जो कुछ लोगों की आवाजों के बीच दब... Hindi · कहानी 1 574 Share Pakhi Jain 23 Nov 2021 · 2 min read प्रतिगीत गीत तर्ज ...हमने देखी है इन आँखों की .. प्रतिगीत ...सृजन प्रतिगीत ... हम ने देखी हैं तेरे दिल से निकलती आरज़ू, ख़ुद ही छूके इसे आँखों से असकाम न... Hindi · गीत 1 338 Share Previous Page 2 Next