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15 Jan 2022 · 1 min read

जादू

— #शब्दों का जादू

#अतुकांत

बहुत हौले से कहा था कुछ सरगोशी करते तुमने
सुर्ख कपोलों पर निशां प्यार का अंकित करते।
गुलाब की नाज़ुकी सी थी छुवन तेरे शब्दों की ,
रोम रोम सिहर उठा था उन लफ़्जों को महसूस करते।
और फिर बिखर गया था आसमान में दूर तलक
एक जादू सा, मेरे दिल से लेकर क्षितिज तलक।

बुनने लगी फिर संवेदनाओं की उधड़ी सीवन वो
ख्यालों में ,भावनाओं के पंखों से जुड़ने.लगी जो।
फिर तुम्हारी सौगात को पिरोया मोतियों की तरह गूँथ कर
दिये थे शब्द जादुई तुमने हथेलियों में मेरी छिपाकर ।
डूबती जा रही थी अतलगहराइयों में उस स्पर्श से .
था #जादूशब्दों का ,दिया था प्रेम पत्र पर लिखकर।
#मनोरमा जैन पाखी
स्वरचित ,मौलिक

Language: Hindi
2 Likes · 5 Comments · 438 Views
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