Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2022 · 2 min read

कुंडलियाँ छंद

कुंडलियाँ —
दोहा –रोला
आया मौसम प्यार का, बदले रूप हजार।
प्रेम भरी तकरार की, ठंडी चले फुहार ।।
ठंडी चले फुहार, याद है तेरी आती।
जलता कैसे दीप, तैल है और न बाती।
‘पाखी’ यूँ मत रूठ, विरह ने बहुत सताया ।
लेकर रूप हजार, प्यार का मौसम आया।।1

आगे आगे तुम चलो , ज्यों कलि के सँग पात ‌।
बातों बातों में कहीं ,बीत न जाए रात।।
बीत न जाए रात,बात प्यारी सी कर लो !
प्यार नहीं है खेल, दृगों में सपने भर लो ।।
ये देखो तुम आज,समय सरपट है भागे ।
पाखी गुजरी रात,चलो साथी तुम आगे ।।2

जाना मर्म कभी नहीं,होती क्या है जात।
बड़े बुजुर्गों ने सदा, बतलाई यह बात।।
बतलाई यह बात,तथ्य पर सभी छिपाते।
बात कहाँ आसान,नहीं खुल कर समझाते।
रहना पाखी दूर,यही मन अब है माना ।
जात-पात को भूल, हृदय ने यह है जाना ।।3

होगा गीता ज्ञान तब, बदलेगा संसार।
बिना ज्ञान के कुछ नहीं,करता अंगीकार।।
करता अंगीकार,यही अर्जुन को बोला।
दिया वही उपदेश, कृष्ण ने था जो तोला ।।
पाखी ले पहिचान ,सभी ने यह दुख भोगा ।
यह है गीता ज्ञान ,सीखना सबको होगा।।4

अंकुश लगता है तभी, बढ़ती जब उर आस।
हृदय निरंकुश हो गया,उरतल रावण वास।।
उरतल रावण वास,छोड़ दो सब वो माया
कहता गीता ग्रंथ, पाप ने सदा लुभाया ।।
पाखी लिख समझाय, न मन हो कभी निरंकुश ।
रखे महावत शीश ,सदा हाथी के अंकुश।।5

मानव मन कब मानता, माना है अवधूत।
शंकर औघड रूप धर, मलते अंग भभूत ।।
मलते अंग भभूत,दर्श भैरव का होता।
काया निखरे रूप,भस्म से तन जब धोता।।
पाखी बनी अजान,कहे रघु को क्यों राघव
है चिरजीवी कौन, सदा खुश रहता मानव।।6

रखना बहुत सँभाल के, बतलाती जो राज।
परिणति केवल बिछड़ना,यही बताना आज।।
यही बताना आज,धरा मैं रेगिस्तानी।
तुम सागर का नीर, रही मैं बूँद समानी ।।
बहे तटीय समीर,स्वाद क्यों तुमको चखना।
आतुरता अभिसार , हृदय में संयम रखना ।। 7

स्वरचित मौलिक सृजन
मनोरमा जैन पाखी
मेहगाँव ,जिला भिंड ,मध्य प्रेश

2 Likes · 2 Comments · 501 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वन  मोर  नचे  घन  शोर  करे, जब  चातक दादुर  गीत सुनावत।
वन मोर नचे घन शोर करे, जब चातक दादुर गीत सुनावत।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
वंदेमातरम
वंदेमातरम
Bodhisatva kastooriya
माना मन डरपोक है,
माना मन डरपोक है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सब तो उधार का
सब तो उधार का
Jitendra kumar
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
DrLakshman Jha Parimal
कभी-कभी
कभी-कभी
Ragini Kumari
हमने किस्मत से आंखें लड़ाई मगर
हमने किस्मत से आंखें लड़ाई मगर
VINOD CHAUHAN
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
Shweta Soni
भूखे हैं कुछ लोग !
भूखे हैं कुछ लोग !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मेरी सोच मेरे तू l
मेरी सोच मेरे तू l
सेजल गोस्वामी
सुख दुख जीवन के चक्र हैं
सुख दुख जीवन के चक्र हैं
ruby kumari
#क़तआ
#क़तआ
*Author प्रणय प्रभात*
साहसी बच्चे
साहसी बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चाहे हमको करो नहीं प्यार, चाहे करो हमसे नफ़रत
चाहे हमको करो नहीं प्यार, चाहे करो हमसे नफ़रत
gurudeenverma198
बुदबुदा कर तो देखो
बुदबुदा कर तो देखो
Mahender Singh
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
सत्य कुमार प्रेमी
यौवन रुत में नैन जब, करें वार पर  वार ।
यौवन रुत में नैन जब, करें वार पर वार ।
sushil sarna
"विषधर"
Dr. Kishan tandon kranti
*अर्ध-विराम सही स्थान पर लगाने का महत्व*
*अर्ध-विराम सही स्थान पर लगाने का महत्व*
Ravi Prakash
प्यार के सिलसिले
प्यार के सिलसिले
Basant Bhagawan Roy
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
Devesh Bharadwaj
शिक्षक हूँ  शिक्षक ही रहूँगा
शिक्षक हूँ शिक्षक ही रहूँगा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अंदाज़-ऐ बयां
अंदाज़-ऐ बयां
अखिलेश 'अखिल'
रंगों की दुनिया में हम सभी रहते हैं
रंगों की दुनिया में हम सभी रहते हैं
Neeraj Agarwal
बेहतरीन इंसान वो है
बेहतरीन इंसान वो है
शेखर सिंह
ये चिल्ले जाड़े के दिन / MUSAFIR BAITHA
ये चिल्ले जाड़े के दिन / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
जीवन भंवर
जीवन भंवर
Dr.Pratibha Prakash
बड़ा गुरुर था रावण को भी अपने भ्रातृ रूपी अस्त्र पर
बड़ा गुरुर था रावण को भी अपने भ्रातृ रूपी अस्त्र पर
सुनील कुमार
3469🌷 *पूर्णिका* 🌷
3469🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
Loading...