Comments (4)
14 Dec 2021 04:12 PM
बहुत सुंदर आपको सादर अभिवादन
Pakhi Jain
Author
21 Dec 2021 05:04 PM
आभार आदरणीय
आपकी लेखनी से उपजे पुष्प अत्यन्त सुगंधित है आदरणीय
वाह वाह शीश पर ओढ़नी लाज की
रंग लाल पाया ।
प्यार ,समर्पण का ओढ़ घूंघट
पति गेह पाया।
एक अबोध बालक – अरुण अतृप्त
धन्यवाद सर