भूरचन्द जयपाल 591 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next भूरचन्द जयपाल 18 Feb 2018 · 1 min read ** दिल में इंसान रखते हैं ** हम सख़्त हैं बहुत मगर जज़्बात रखते हैं हासिल करना चाहते तो औक़ात रखते हैं कभी क़ीमत नहीं आँकी जज़्बात-ए-इंसां दिल मोम है अपना दिल में इंसान रखते हैं !!... Hindi · मुक्तक 1 253 Share भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2018 · 1 min read * महोबत एकदिन रंग लाती है * दिल की जुबां पर जब आती है फिर उनसे महोब्बत हो जाती है कह दें प्रेम - दिवस पर उनसे मोहब्बत एकदिन रंग लाती है !! मधुप बैरागी कमबख्त मौत... Hindi · मुक्तक 1 195 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jan 2018 · 1 min read ** मैने आज महसूस किया ** मैने आज महसूस किया कि सफ़र में हमसफ़र जरूरी होता है मैंने आज महसूस किया कि सफ़र-हमसफ़र क्यों जरूरी होता है .जिंदगी क़िस्त-दर-क़िस्त क़िस्तों में गुज़रती जायेगी यूं ही मगर... Hindi · मुक्तक 1 414 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jan 2018 · 1 min read ** बसन्त छियालीस ** बसन्त छियालीस पार कर चुका मैं इस बसन्त पर लोग कहते हैं मुझे अब झूठा क्योंकर इस बसन्त पर ना फेस छुपाया फेस-बुक पर अपना कभी इस क़दर बस एक... Hindi · मुक्तक 1 227 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jan 2018 · 1 min read ** कुछ यादें तस्वीरों तक ** कुछ यादें तस्वीरों तक ही सीमित रह जाती है फिर भी तस्वीरें दिल की तहतक कह जाती है रह जाती ये यादें बस दिल में ज़हर- कहर बन ये शामों-शहर... Hindi · मुक्तक 1 306 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jan 2018 · 1 min read *** जज़्बात बे-बात *** जज़्बात बे-बात आज आहत होने लगे हैं चाहत चाहत में आज आहत होने लगे हैं रोने लगें हैं फिर राहत- दिल मिलती नही दिल बोझ आज अपना ख़ुद ढोने लगे... Hindi · मुक्तक 1 219 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jan 2018 · 1 min read ** हम भीड़ का हिस्सा नहीं ** हम भीड़ का हिस्सा नहीं,भूला हुआ किस्सा नहीं है हम वक्त बदलते रहे हैं, गुजरा हुआ किस्सा नहीं है लोग समझते हैं हम हार गये हैं, रिश्तों से इस क़दर... Hindi · मुक्तक 1 250 Share भूरचन्द जयपाल 24 Jan 2018 · 2 min read * एक ओर अम्बेडकर की आवश्यकता * एक ओर अम्बेडकर की आवश्यकता एक ऐसा शख़्स जो अभावो में पला यह नहीं कह सकते हम क्योंकि वह अभावों को ठेलता हुआ आगे निकला वक्त का सीना चीरते समाज-ए-चिराग... Hindi · कविता 1 525 Share भूरचन्द जयपाल 23 Jan 2018 · 1 min read ** जिंदगी अब दवा है ** जिंदगी क्या है , मौत क्या है , मुफ्त दवा है मुफ्त सलाह है,बस जीने की मुफ्त सलाह है साथ जिंदगी निभाती है कब तलक दवा है मौत - विश्राम... Hindi · मुक्तक 1 582 Share भूरचन्द जयपाल 17 Jan 2018 · 1 min read ** सफ़र-हमसफ़र ** . मैने आज महसूस किया कि सफ़र में हमसफ़र जरूरी होता है मैंने आज महसूस किया कि सफ़र-हमसफ़र क्यों जरूरी होता है .जिंदगी क़िस्त-दर-क़िस्त क़िस्तों में गुज़रती जायेगी यूं ही... Hindi · मुक्तक 1 526 Share भूरचन्द जयपाल 9 Jan 2018 · 1 min read *** ख़ुश हो ना इतना *** 9.01.18 **** सांय **** 4.51 ख़ुश हो ना इतना कि लोग तुझे कंधे पर ले जायेंगे जीत हो तेरी हाथ-गलहार फ़िर हार तक ले जायेंगे लोग उठातें हैं गिराकर डाल... Hindi · मुक्तक 1 445 Share भूरचन्द जयपाल 9 Jan 2018 · 1 min read *** राहे मुश्किल में *** सम्भलकर चल अब राहे मुश्किल में ना - उम्मीद कर अब राहे मुश्किल में अपने हुए ना अपने फिर गैर के सपने छोड़ मझधार जायेंगे राहे मुश्किल में ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 2 424 Share भूरचन्द जयपाल 30 Dec 2017 · 1 min read * अठारह का आगमन * अब सत्रह से ख़तरा ख़त्म होगा अठारह का आगमन कुछ रहेंगी खट्टी-मीठी यादें और सत्रह का होगा गमन अब सत्रह को भूलो और करो अठारह का सुस्वागतम जीवन है आना-जाना... Hindi · मुक्तक 1 239 Share भूरचन्द जयपाल 28 Dec 2017 · 1 min read अभी तक जवां हम हैं उम्र भी क्या हमारी है अभी तक जवां हम हैं उम्र का पड़ाव ऐसा पिता-पुत्र मित्रसम हम है हम पिता- पुत्र मित्र- सम मन्त्रणा कर लेते है उम्र का क्या... Hindi · मुक्तक 1 236 Share भूरचन्द जयपाल 17 Dec 2017 · 1 min read ** जो निकली निःस्वास ** 17.12.17 **** रात्रि **** 9.15 हमे दवाओ की नहीं आपकी दुआओं की जरूरत है जिसमे कोई चाह कर भी ज़हर नहीं घोल सकता है ।। . ?मधुप बैरागी वाह वाह... Hindi · शेर 1 392 Share भूरचन्द जयपाल 13 Dec 2017 · 1 min read *** जैसे माथे औरत बिंदी *** 13.12.17 प्रातः 10.21 महनीय भाषा हिंदी जैसे माथे औरत बिंदी शोभनीय राष्ट्रभाषा जैसे माथे औरत बिंदी भाल-ललाम करता है शोभित कहते हिंदी शुभदिन आया जैसे सौभाग्य औरत बिंदी ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 1 248 Share भूरचन्द जयपाल 12 Dec 2017 · 1 min read **** पारदर्शी वस्त्र **** 12.12.17 **** प्रातः ***** 9.51 तेरे इस पारदर्शी वस्त्र की भांति तेरा दिल होता फिर महफ़िल में ये हमसे खूबसूरत गुनाह होता ना होता बेपनाह आशिक होता पाकसाफ़-दिल रख दिल... Hindi · मुक्तक 1 690 Share भूरचन्द जयपाल 8 Dec 2017 · 1 min read *** इंतजार कर रहा देहरी पर *** 8.12.17 ***** दोपहर ***** 12.31 आगंतुक वर्ष इंतजार कर रहा देहरी पर तेरी देख क्यों अनमना - अनजान बना देहरी पर तेरी देख आनेवाला आ रहा जानेवाला तीरे-तीरे धीरे- धीरे... Hindi · मुक्तक 1 603 Share भूरचन्द जयपाल 8 Dec 2017 · 1 min read ** मौत से ज्यादा अहम जिंदगी ** जिंदगी जिंदगी मौत से ज्यादा अहम नही जिंदगी साकी और शराब दोनों साथ-2वहम नहीं जिंदगी पीना तो पीना है यारों अब तो जीना नहीं है बाकी शराब पिलाती है साकी... Hindi · मुक्तक 1 390 Share भूरचन्द जयपाल 4 Dec 2017 · 1 min read * हे कृष्ण मोहन सखा हमारे * हे कृष्ण मोहन सखा हमारे बसों नयन में अब प्रभु हमारे दरस- प्यासे अब नयन हमारे तुम पर अब ये जीवन वारे तुम तारो अब नाथ हमारे तुम बिन बिगरी... Hindi · गीत 1 244 Share भूरचन्द जयपाल 2 Dec 2017 · 1 min read **** आंख बादल ***** 2.12.17 ***** रात्रि ***** 10.35 रात की तन्हाइयों में मुझको गुनगुनाया कीजिये तन्हा ना समझ स्वप्न- संग- मेरे सजाया कीजिये हाथ कंगन होंगे इक दिन मेरे - नाम के हाथ... Hindi · मुक्तक 1 292 Share भूरचन्द जयपाल 29 Nov 2017 · 1 min read ** समागम हिंदी-हिन्द-दीवानो का ** 19.11.17 ** प्रातः ** 11: 25 समागम होगा हिंदी-हिन्द-दीवानों का स्व- स्वागत होगा आगत महमानों का जिस क्षण का इंतजार कर रहे थे हम क्षण आ पहुंचा हिंदी-हिन्द-दीवानो का ।।... Hindi · मुक्तक 1 440 Share भूरचन्द जयपाल 24 Nov 2017 · 1 min read **** कर- ना दूसरों पर वहम **** 24 .11.17 *** सांय **** 4.37 यूं इठलाकर अठखेलियां ना कर कुछ तो रहम कर बीती जा रही है जवानी इसकी रवानी पर रहम कर इबादत-इश्क छुपाकर कर कर- ना... Hindi · मुक्तक 1 222 Share भूरचन्द जयपाल 23 Nov 2017 · 1 min read * भोग और भोजन से पहले * * 23.11.17 *** सांय *** 4.40 * भोग और भोजन से पहले अब नुमाइश होने लगी है रस्मो - रिवाज ख़त्म छुपाने का नुमाइश होने लगी है ख़त्म होने लगा... Hindi · मुक्तक 1 409 Share भूरचन्द जयपाल 22 Nov 2017 · 1 min read ** हमने तो दिलों पर किया राज ** 22.11.17 ***** दोपहर ***** 12.05 लोग कहते हैं हमको राज करना नहीं आया लोग कहते हैं हमको काज करना नहीं आया नादां हैं वो जिनको रास आया नहीं राजकाज हमने... Hindi · मुक्तक 1 502 Share भूरचन्द जयपाल 22 Nov 2017 · 1 min read * राजा तो राजा ही होता है * 22.11.17 ***** दोपहर ***** 12.05 लोग समझते हैं तख़्तोताज के बगैर राजा राजा नहीं होता बिन-ताज-राज-काज कौन कहता है राजा राजा नहीं होता गलतफहमी पाल रखी है लोगो ने छोटे... Hindi · मुक्तक 1 371 Share भूरचन्द जयपाल 19 Nov 2017 · 1 min read ** कर भला तो हो बुरा ** 16.11.17 *** सांय *** 4.35 वक्त ऐसा आ गया है कर भला तो हो बुरा फिर कोई कैसे करे जब भला करे हो बुरा बुरा रोके कैसे अब कान जिनके... Hindi · मुक्तक 1 596 Share भूरचन्द जयपाल 10 Nov 2017 · 1 min read **** पट पीछे छिपी है **** 10.11.17 *** सन्ध्या *** 5.01 पट झीना पट भीतर है झीनी मुस्कान दन्तावली से झांक रही झीनी मुस्कान मुस्काती मेहंदी-संग आस पियामिलन झुका है आकाश देख-देख ये मुस्कान ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 1 586 Share भूरचन्द जयपाल 7 Nov 2017 · 1 min read ***** शेर ****** गफ़लत और गलतफहमियां अक्सर धोखा देती हैं मगरूर गरूर से जिसे ना दूर किया जा सकता है ।। ?मधुप बैरागी गलतफहमियां बाज़ार में बहुत सस्ते में बिकती है कोई सच... Hindi · शेर 1 338 Share भूरचन्द जयपाल 7 Nov 2017 · 1 min read *** मुक्तक *** आजकल शेर मांद में शिकार करने लगे है बाहर अब सियार हुआ हुआ करने लगे हैं शेर के पांव में कांटा क्या चुभा कमबख़्त जीत का शोर सिरफिरे ऐसा करने... Hindi · मुक्तक 1 359 Share भूरचन्द जयपाल 5 Nov 2017 · 1 min read *** फर्क दिलों-जिस्म में हो ना *** फ़िजा में आज घुली है जमाने-भर की आबे-बू कुछ क्षण गुस्ल कर लूं प्यार की बारिश में यूं खुदा की खुदाई आये मेरे आँचल में चुपके से मुझे ना ग़म... Hindi · कविता 1 735 Share भूरचन्द जयपाल 25 Oct 2017 · 1 min read **** जिस्म छलनी हो गया **** 25.10.17 ** रात्रि ** 10.30 जिस्म छलनी हो गया है दिल का अब क्या पता किस-किस ने अब मुझको है छला अब क्या पता।। ?मधुप बैरागी 25.10.17 ** रात्रि **... Hindi · शेर 1 382 Share भूरचन्द जयपाल 22 Oct 2017 · 1 min read ***** शेर ***** जुबां से कह दे एक बार है तुझको भी मुझसे प्यार फिर जवानी जवानी बदस्तूर कहानी कहाती है । तुमने की मुझ पर बड़ी मेहरबानी है बता दे अब कहां... Hindi · शेर 1 674 Share भूरचन्द जयपाल 18 Oct 2017 · 1 min read *** दुश्मन-दोस्त *** चन्द अल्फ़ाज ही तो है जो दोस्त-दुश्मन बनाते हैं जो जुबां-मिश्री-घुली हो तो दुश्मन-दोस्त बनाते हैं बनाते हो त्योंहारी-मीठा क्या देखो ग़जब ढाते हो अहाते-ख़ंजर नहीं रखते जो दुश्मनदोस्त बनाते... Hindi · मुक्तक 1 518 Share भूरचन्द जयपाल 18 Oct 2017 · 1 min read ** आलोक पर्व पर ** दीपों की अवली जिस भांति अमा कालिमा हर जाती हम एक एक बन दीप-पंक्ति हिंदी का यूं तम हर जाती मुस्काती यूं उजियारा बन दूर तलक आलोक पर्व पर बन... Hindi · मुक्तक 1 597 Share भूरचन्द जयपाल 15 Oct 2017 · 1 min read ** बस एक तेरी ही कमी है ** अब मैं अपनी बर्बादियों से क्या कहूं वो आबाद रही जीवनभर मैं भागता रहा जीवनभर और सलीका मुझे जीने का कब था मैं यूंही राहे-जिंदगी में आ गया वो मुझको... Hindi · कविता 1 623 Share भूरचन्द जयपाल 15 Oct 2017 · 1 min read * अली को मंजूर नहीं मिलना तो क्या * 15.10.17 **रात्रि** 10.11 हो दुनियां मुख़ालिफ़ हमारे तो क्या हम इश्क में जां अपनी दे तो क्या अलीफ हम है एक दूजे के सनम अली को मंजूर नहीं मिलना तो... Hindi · मुक्तक 1 299 Share भूरचन्द जयपाल 11 Oct 2017 · 2 min read *** स्वच्छता अभियान चल रहा *** दिनांक 11.10.17 स्वच्छता अभियान चल रहा देखो स्वच्छता अभियान चल रहा लोग अपने घरों का कूड़ा-करकट फैंक रहे जी-भर घर-भर का भारत सरकार चला रही देखो स्वच्छता अभियान चल रहा... Hindi · कविता 2 611 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read *** होता अश्क़ इन आँखों में *** होता अश्क़ इन आंखों में तो फिर ये दरिया-ए-दिल कभी सूखा नही होता ।। ?मधुप बैरागी बहरी है दीवारे जो कभी दो कान रखती थी और लोग कहते थे दीवारों... Hindi · शेर 1 266 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read *** समंदर बताता है *** समंदर बताता है कभी वह अपने पर इठलाता है शहर के शहर बह जाते है तनिक जब मुस्कुराता है ।। ?मधुप बैरागी नहीँ बोल पाते कब मिश्री घोल पाते बिनमोल... Hindi · शेर 1 242 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read *** दीवाने हो गये हैं हम **** दीवाने हो गये हैं हम दीवाने हो गये हैं हम नहीं हैं हम किसी से कम जहां में दौलते हैं कम नहीं हैं अब किसी का ग़म दीवाने हो गये... Hindi · गीत 1 536 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read *** छुपाकर रखूंगा दिल में *** छुपाकर रखूंगा दिल में तुझको मैं अपने दिखाकर रखूंगा शीशा-ए-दिल में अपने घर-दिलअपना ना तूं जाये ना जाने मैं दूं कहने दे अब तो रहने दे दिल में अपने ।।... Hindi · मुक्तक 1 280 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read *** बोझ खच्चर-सा *** ढ़ोया हूं बोझ खच्चर-सा जिंदगी का अब नही दिन-रात फ़िक्र में सोया जिंदगी अब तेरी पेहरन - उतार फेंकना चाहता हूँ जिंदगी खोया ख्याल-ए- मौत बड़ी देर से रब अब... Hindi · मुक्तक 1 645 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read ** आँखों से आँसू बन बह लूं ** कह लूं कुछ तो कह लूं आंखों से आंसू बन बह लूं व्यथा-कथा अपनी क्या जानू अब पानी बन बह लूं रख पानी बीती जवानी जिंदगी अब चाहती रवानी हो... Hindi · मुक्तक 1 299 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read *** नहीं बोल पाते *** नहीँ बोल पाते कब मिश्री घोल पाते बिनमोल बिक जाते कब तोल पाते ब्रत करवा- करवा पाते कब अपना बताओ ओर कब हम घर बोल पाते ।। ?मधुप बैरागी मादा... Hindi · मुक्तक 1 440 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read *** उड़ान *** उड़ान का क्या कहना पंछी कब अपनी हार मानता पंछी मुड़ - मुड़ कर कब देखता वो घोंसला अपना उड़ान का पंछी।। ?मधुप बैरागी हर्जाना हो चाहे मरजाना हो उससे... Hindi · मुक्तक 1 335 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read ** अभी बाकी है ** अभी बाकी है कुछ लम्हे मुझे ओर जीने दे क्या फ़र्क पड़ता है मुझे कुछ ओर पीने दे दरख्त भी सूखते हैं वक्त आने पर ऐ 'मधुप' जीना बहुत हुआ... Hindi · मुक्तक 1 477 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read ** माँ शारदे ** माँ शारदे माँ शारदे अब भव-तार दे मुझको अब नव संसार दे अज्ञान- तिमिर गहन -वन दावाग्नि - जीवन संवार दे ।। ?मधुप बैरागी बेकाबू है आज दिल अपना यारो... Hindi · मुक्तक 1 535 Share भूरचन्द जयपाल 6 Oct 2017 · 1 min read अदा-ए-यार हमारा प्यार भी कभी जो किस्सा बन जाता है अगर यार को रिश्ता प्यार का निभाना आता है ।। ?मधुप बैरागी मेरे महबूब को देखो कभी नजरे झुकाता है कभी... Hindi · शेर 1 276 Share भूरचन्द जयपाल 5 Oct 2017 · 1 min read ** मेरे मासूक को ** मत मनहूश कह मेरे मासूक को दर्देदिल ना कह मेरे मासूक को बड़ा मासूम है मेरा दिलबर यारों दर्दे इल्ज़ाम ना दो मेरे मासूक को ।। क्या ख्वाब ले रही... Hindi · मुक्तक 1 498 Share Previous Page 4 Next