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28 Jan 2018 · 1 min read

*** जज़्बात बे-बात ***

जज़्बात बे-बात आज आहत होने लगे हैं

चाहत चाहत में आज आहत होने लगे हैं

रोने लगें हैं फिर राहत- दिल मिलती नही

दिल बोझ आज अपना ख़ुद ढोने लगे हैं।।

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 198 Views
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