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28 Jan 2018 · 1 min read

** कुछ यादें तस्वीरों तक **

कुछ यादें तस्वीरों तक ही सीमित रह जाती है

फिर भी तस्वीरें दिल की तहतक कह जाती है

रह जाती ये यादें बस दिल में ज़हर- कहर बन

ये शामों-शहर दिल ही दिल कुछ कह जाती है।।

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 261 Views
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