भूरचन्द जयपाल Tag: मुक्तक 218 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next भूरचन्द जयपाल 28 May 2018 · 1 min read * जख़्म-ए-दिल की दवा करते हैं * 3.47 *** दोपहर *** 28.5.18 चलो आज जख्मों की बात करते हैं चलो आज मरहम की बात करते हैं ख़ुदा ज़ख्म मुझे अर मरहम तुम्हें दे चलो जख़्म-ए-दिल की दवा... Hindi · मुक्तक 1 352 Share भूरचन्द जयपाल 6 May 2018 · 1 min read ** हम सिकन्दर थे कभी ** 6.5.18 ******* रात्रि 10.57 हम सिकन्दर थे कभी इसीलिए आज अपना मुकद्दर हार गये हैं जो पता होता सिकन्दर को तो बन कलन्दर जीत जग को लेता ना हास होता... Hindi · मुक्तक 1 344 Share भूरचन्द जयपाल 3 May 2018 · 1 min read * * कुछ कहे अनकहे जज़्बात * * कुछ कहे अनकहे जज़्बात बात-बेबात मैंने कहे कुछ चाहत के अल्फ़ाज वजह-बेवजह मैंने कहे सुन रहा कौन मेरे लबों की ख़ामोश वह आवाज़ लिखी कागज़ पे दिल-आवाज़ जज़्बात मैंने कहे।।... Hindi · मुक्तक 1 235 Share भूरचन्द जयपाल 1 May 2018 · 1 min read मुक्तक मिला है वियोग हमें तो हम भाग्यशाली हुए वरना शारीरिक योग भी एक तन्हाई ही था ।। मधुप बैरागी ज़हन जख़्मी हो जिस अल्फ़ाज से वो अल्फ़ाज बोलना छोड़ दो... Hindi · मुक्तक 1 471 Share भूरचन्द जयपाल 8 Apr 2018 · 1 min read आप पूछेंगे सवाल आप पूछेंगे सवाल जवाब तो हम देंगे क्यों मचाते हो बवाल जवाब हम देंगे ये जरूरी नहीं, आपके हर सवाल का सवाल बनकर बेवजह जवाब हम देंगे।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 239 Share भूरचन्द जयपाल 4 Mar 2018 · 1 min read * नसीहतें प्यारभरी * नसीहतें प्यारभरी दी है हमें तुम्हें रास ना आई ना मानोगे , पछताओगे जब रूखसत यार होंगे प्यारभरी इल्तजा ठुकराना नहीं तोड़कर यूं शीशा-ए-दिल मुस्कराना नहीं तन्हा रहकर कितना सह... Hindi · मुक्तक 1 230 Share भूरचन्द जयपाल 2 Mar 2018 · 1 min read ** आचमन कर गालो-गुल ** ना मैं भूलूंगा ना तुम्हें भूलनें दूंगा ऐ बाग-ए-गुल महकने दो बगिया - दिल बत्ती हो जाये ना गुल बुलबुल बाग -ए-दिल में ही चहकेगी शामोशहर महकता है दिल बगिया... Hindi · मुक्तक 1 446 Share भूरचन्द जयपाल 24 Feb 2018 · 1 min read ** हम तो हम हैं ** हम तो हम हैं आज भी पर लोग बदल गये हैं राजकाज सबसाज होते नहीं पूरे सब काज अब याद रख ।। मधुप बैरागी हमने तो उस दौर में भी... Hindi · मुक्तक 1 234 Share भूरचन्द जयपाल 24 Feb 2018 · 1 min read *वक्त कब ठहरता है ऐ दोस्त* वक्त कब ठहरता है ऐ दोस्त ठहरती तो है ज़िंदगी उस वक्त ना तुम चल सकोगे ना हम क्यों झूठा वहम करते हो ।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 577 Share भूरचन्द जयपाल 23 Feb 2018 · 1 min read * कहता है नबी * आज झूठ और भ्रष्टाचार इतने हावी हैं कि लोगों को हरे पत्तों के सिवाय कुछ भी नज़रनहींआता उसर में भी हरियाली ही ढूंढते हैं।। मधुबैरागी कहता है नबी गर मेरे... Hindi · मुक्तक 1 259 Share भूरचन्द जयपाल 23 Feb 2018 · 1 min read * दिल अब बैंगन का भुर्ता हो गया * दिल अब बैंगन का भुर्ता हो गया प्यार में पहले सेका जाता है और फिर तेल की कढ़ाई में तला जाता है ।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 430 Share भूरचन्द जयपाल 22 Feb 2018 · 1 min read * एक-दूजे-बीच अनमनापनी है * जब हम सब-मन सनातनी हैं क्यों फिर हममें यूं तनातनी है देश,मजहब,जातिनाम पर क्यों एक- दूजे- बीच अनमनापनी है ।। मधुपबैरागी Hindi · मुक्तक 1 161 Share भूरचन्द जयपाल 21 Feb 2018 · 1 min read ** चश्मदीद है वही जाने ** लोग समझे हैं आंखें चार हो गई ये बात दिल के आर-पार हो गई चश्मदीद है वही जाने अब उम्र क्या वास्तव में सत्तर पार हो गई ।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 230 Share भूरचन्द जयपाल 21 Feb 2018 · 1 min read * जुल्म तब तक सहन करते रहो * जुल्म तब तक सहन करते रहो जब तक आप में क्षमता ना आ जाये क्षमता आने पर जुल्म करने वाले और सहयोग करने वालों को खत्म कर दो ।। मधुप... Hindi · मुक्तक 1 338 Share भूरचन्द जयपाल 21 Feb 2018 · 1 min read * ना जाने क्या रिश्ता है * ना जाने क्या रिश्ता है ये दिल क्यों पिसता है मेरी मैयत पे मत रोना तेरा-मेरा क्या रिश्ता है मधुप बैरागी जिंदगी धुंवा है और क्या है आदमी जीते जी... Hindi · मुक्तक 1 393 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2018 · 1 min read * किसी ओर पे है क्या दिल उसका * मैं छुप-छुप इंतजार कर रही उसका कहीं जमाना करे ना सामना उसका कब आयेगा सितमग़र सतानेवाला किसी ओर पे है क्या दिल उसका !! मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 227 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2018 · 1 min read ** वक्त किसको किस वक्त. ** वक्त किसको कब बाहों का गलहार पहनाये वक्त किसको किस वक्त सिर-सेहरा पहनाये आजमाये वक्त- बेवक्त-वक्त किसको बताये वक्त कब किसको अपनी गलबहियां पहनाये !! मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 256 Share भूरचन्द जयपाल 18 Feb 2018 · 1 min read *** प्यार में *** स्टार किसके कितने काम करते हैं लोग यूँही मुझको बदनाम करते हैं आई लाईक लुक-ए-सम-स्टार बट प्यार में समय का इंतजार करते हैं !! मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 284 Share भूरचन्द जयपाल 18 Feb 2018 · 1 min read ** दिल में इंसान रखते हैं ** हम सख़्त हैं बहुत मगर जज़्बात रखते हैं हासिल करना चाहते तो औक़ात रखते हैं कभी क़ीमत नहीं आँकी जज़्बात-ए-इंसां दिल मोम है अपना दिल में इंसान रखते हैं !!... Hindi · मुक्तक 1 237 Share भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2018 · 1 min read * महोबत एकदिन रंग लाती है * दिल की जुबां पर जब आती है फिर उनसे महोब्बत हो जाती है कह दें प्रेम - दिवस पर उनसे मोहब्बत एकदिन रंग लाती है !! मधुप बैरागी कमबख्त मौत... Hindi · मुक्तक 1 178 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jan 2018 · 1 min read ** मैने आज महसूस किया ** मैने आज महसूस किया कि सफ़र में हमसफ़र जरूरी होता है मैंने आज महसूस किया कि सफ़र-हमसफ़र क्यों जरूरी होता है .जिंदगी क़िस्त-दर-क़िस्त क़िस्तों में गुज़रती जायेगी यूं ही मगर... Hindi · मुक्तक 1 394 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jan 2018 · 1 min read ** बसन्त छियालीस ** बसन्त छियालीस पार कर चुका मैं इस बसन्त पर लोग कहते हैं मुझे अब झूठा क्योंकर इस बसन्त पर ना फेस छुपाया फेस-बुक पर अपना कभी इस क़दर बस एक... Hindi · मुक्तक 1 211 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jan 2018 · 1 min read ** कुछ यादें तस्वीरों तक ** कुछ यादें तस्वीरों तक ही सीमित रह जाती है फिर भी तस्वीरें दिल की तहतक कह जाती है रह जाती ये यादें बस दिल में ज़हर- कहर बन ये शामों-शहर... Hindi · मुक्तक 1 276 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jan 2018 · 1 min read *** जज़्बात बे-बात *** जज़्बात बे-बात आज आहत होने लगे हैं चाहत चाहत में आज आहत होने लगे हैं रोने लगें हैं फिर राहत- दिल मिलती नही दिल बोझ आज अपना ख़ुद ढोने लगे... Hindi · मुक्तक 1 201 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jan 2018 · 1 min read ** हम भीड़ का हिस्सा नहीं ** हम भीड़ का हिस्सा नहीं,भूला हुआ किस्सा नहीं है हम वक्त बदलते रहे हैं, गुजरा हुआ किस्सा नहीं है लोग समझते हैं हम हार गये हैं, रिश्तों से इस क़दर... Hindi · मुक्तक 1 234 Share भूरचन्द जयपाल 23 Jan 2018 · 1 min read ** जिंदगी अब दवा है ** जिंदगी क्या है , मौत क्या है , मुफ्त दवा है मुफ्त सलाह है,बस जीने की मुफ्त सलाह है साथ जिंदगी निभाती है कब तलक दवा है मौत - विश्राम... Hindi · मुक्तक 1 526 Share भूरचन्द जयपाल 17 Jan 2018 · 1 min read ** सफ़र-हमसफ़र ** . मैने आज महसूस किया कि सफ़र में हमसफ़र जरूरी होता है मैंने आज महसूस किया कि सफ़र-हमसफ़र क्यों जरूरी होता है .जिंदगी क़िस्त-दर-क़िस्त क़िस्तों में गुज़रती जायेगी यूं ही... Hindi · मुक्तक 1 480 Share भूरचन्द जयपाल 9 Jan 2018 · 1 min read *** ख़ुश हो ना इतना *** 9.01.18 **** सांय **** 4.51 ख़ुश हो ना इतना कि लोग तुझे कंधे पर ले जायेंगे जीत हो तेरी हाथ-गलहार फ़िर हार तक ले जायेंगे लोग उठातें हैं गिराकर डाल... Hindi · मुक्तक 1 376 Share भूरचन्द जयपाल 9 Jan 2018 · 1 min read *** राहे मुश्किल में *** सम्भलकर चल अब राहे मुश्किल में ना - उम्मीद कर अब राहे मुश्किल में अपने हुए ना अपने फिर गैर के सपने छोड़ मझधार जायेंगे राहे मुश्किल में ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 2 407 Share भूरचन्द जयपाल 30 Dec 2017 · 1 min read * अठारह का आगमन * अब सत्रह से ख़तरा ख़त्म होगा अठारह का आगमन कुछ रहेंगी खट्टी-मीठी यादें और सत्रह का होगा गमन अब सत्रह को भूलो और करो अठारह का सुस्वागतम जीवन है आना-जाना... Hindi · मुक्तक 1 218 Share भूरचन्द जयपाल 28 Dec 2017 · 1 min read अभी तक जवां हम हैं उम्र भी क्या हमारी है अभी तक जवां हम हैं उम्र का पड़ाव ऐसा पिता-पुत्र मित्रसम हम है हम पिता- पुत्र मित्र- सम मन्त्रणा कर लेते है उम्र का क्या... Hindi · मुक्तक 1 217 Share भूरचन्द जयपाल 13 Dec 2017 · 1 min read *** जैसे माथे औरत बिंदी *** 13.12.17 प्रातः 10.21 महनीय भाषा हिंदी जैसे माथे औरत बिंदी शोभनीय राष्ट्रभाषा जैसे माथे औरत बिंदी भाल-ललाम करता है शोभित कहते हिंदी शुभदिन आया जैसे सौभाग्य औरत बिंदी ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 1 219 Share भूरचन्द जयपाल 12 Dec 2017 · 1 min read **** पारदर्शी वस्त्र **** 12.12.17 **** प्रातः ***** 9.51 तेरे इस पारदर्शी वस्त्र की भांति तेरा दिल होता फिर महफ़िल में ये हमसे खूबसूरत गुनाह होता ना होता बेपनाह आशिक होता पाकसाफ़-दिल रख दिल... Hindi · मुक्तक 1 621 Share भूरचन्द जयपाल 8 Dec 2017 · 1 min read *** इंतजार कर रहा देहरी पर *** 8.12.17 ***** दोपहर ***** 12.31 आगंतुक वर्ष इंतजार कर रहा देहरी पर तेरी देख क्यों अनमना - अनजान बना देहरी पर तेरी देख आनेवाला आ रहा जानेवाला तीरे-तीरे धीरे- धीरे... Hindi · मुक्तक 1 538 Share भूरचन्द जयपाल 8 Dec 2017 · 1 min read ** मौत से ज्यादा अहम जिंदगी ** जिंदगी जिंदगी मौत से ज्यादा अहम नही जिंदगी साकी और शराब दोनों साथ-2वहम नहीं जिंदगी पीना तो पीना है यारों अब तो जीना नहीं है बाकी शराब पिलाती है साकी... Hindi · मुक्तक 1 358 Share भूरचन्द जयपाल 2 Dec 2017 · 1 min read **** आंख बादल ***** 2.12.17 ***** रात्रि ***** 10.35 रात की तन्हाइयों में मुझको गुनगुनाया कीजिये तन्हा ना समझ स्वप्न- संग- मेरे सजाया कीजिये हाथ कंगन होंगे इक दिन मेरे - नाम के हाथ... Hindi · मुक्तक 1 269 Share भूरचन्द जयपाल 29 Nov 2017 · 1 min read ** समागम हिंदी-हिन्द-दीवानो का ** 19.11.17 ** प्रातः ** 11: 25 समागम होगा हिंदी-हिन्द-दीवानों का स्व- स्वागत होगा आगत महमानों का जिस क्षण का इंतजार कर रहे थे हम क्षण आ पहुंचा हिंदी-हिन्द-दीवानो का ।।... Hindi · मुक्तक 1 381 Share भूरचन्द जयपाल 24 Nov 2017 · 1 min read **** कर- ना दूसरों पर वहम **** 24 .11.17 *** सांय **** 4.37 यूं इठलाकर अठखेलियां ना कर कुछ तो रहम कर बीती जा रही है जवानी इसकी रवानी पर रहम कर इबादत-इश्क छुपाकर कर कर- ना... Hindi · मुक्तक 1 204 Share भूरचन्द जयपाल 23 Nov 2017 · 1 min read * भोग और भोजन से पहले * * 23.11.17 *** सांय *** 4.40 * भोग और भोजन से पहले अब नुमाइश होने लगी है रस्मो - रिवाज ख़त्म छुपाने का नुमाइश होने लगी है ख़त्म होने लगा... Hindi · मुक्तक 1 392 Share भूरचन्द जयपाल 22 Nov 2017 · 1 min read ** हमने तो दिलों पर किया राज ** 22.11.17 ***** दोपहर ***** 12.05 लोग कहते हैं हमको राज करना नहीं आया लोग कहते हैं हमको काज करना नहीं आया नादां हैं वो जिनको रास आया नहीं राजकाज हमने... Hindi · मुक्तक 1 465 Share भूरचन्द जयपाल 22 Nov 2017 · 1 min read * राजा तो राजा ही होता है * 22.11.17 ***** दोपहर ***** 12.05 लोग समझते हैं तख़्तोताज के बगैर राजा राजा नहीं होता बिन-ताज-राज-काज कौन कहता है राजा राजा नहीं होता गलतफहमी पाल रखी है लोगो ने छोटे... Hindi · मुक्तक 1 353 Share भूरचन्द जयपाल 19 Nov 2017 · 1 min read ** कर भला तो हो बुरा ** 16.11.17 *** सांय *** 4.35 वक्त ऐसा आ गया है कर भला तो हो बुरा फिर कोई कैसे करे जब भला करे हो बुरा बुरा रोके कैसे अब कान जिनके... Hindi · मुक्तक 1 556 Share भूरचन्द जयपाल 10 Nov 2017 · 1 min read **** पट पीछे छिपी है **** 10.11.17 *** सन्ध्या *** 5.01 पट झीना पट भीतर है झीनी मुस्कान दन्तावली से झांक रही झीनी मुस्कान मुस्काती मेहंदी-संग आस पियामिलन झुका है आकाश देख-देख ये मुस्कान ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 1 527 Share भूरचन्द जयपाल 7 Nov 2017 · 1 min read *** मुक्तक *** आजकल शेर मांद में शिकार करने लगे है बाहर अब सियार हुआ हुआ करने लगे हैं शेर के पांव में कांटा क्या चुभा कमबख़्त जीत का शोर सिरफिरे ऐसा करने... Hindi · मुक्तक 1 340 Share भूरचन्द जयपाल 18 Oct 2017 · 1 min read *** दुश्मन-दोस्त *** चन्द अल्फ़ाज ही तो है जो दोस्त-दुश्मन बनाते हैं जो जुबां-मिश्री-घुली हो तो दुश्मन-दोस्त बनाते हैं बनाते हो त्योंहारी-मीठा क्या देखो ग़जब ढाते हो अहाते-ख़ंजर नहीं रखते जो दुश्मनदोस्त बनाते... Hindi · मुक्तक 1 470 Share भूरचन्द जयपाल 18 Oct 2017 · 1 min read ** आलोक पर्व पर ** दीपों की अवली जिस भांति अमा कालिमा हर जाती हम एक एक बन दीप-पंक्ति हिंदी का यूं तम हर जाती मुस्काती यूं उजियारा बन दूर तलक आलोक पर्व पर बन... Hindi · मुक्तक 1 529 Share भूरचन्द जयपाल 15 Oct 2017 · 1 min read * अली को मंजूर नहीं मिलना तो क्या * 15.10.17 **रात्रि** 10.11 हो दुनियां मुख़ालिफ़ हमारे तो क्या हम इश्क में जां अपनी दे तो क्या अलीफ हम है एक दूजे के सनम अली को मंजूर नहीं मिलना तो... Hindi · मुक्तक 1 280 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read *** छुपाकर रखूंगा दिल में *** छुपाकर रखूंगा दिल में तुझको मैं अपने दिखाकर रखूंगा शीशा-ए-दिल में अपने घर-दिलअपना ना तूं जाये ना जाने मैं दूं कहने दे अब तो रहने दे दिल में अपने ।।... Hindi · मुक्तक 1 258 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read *** बोझ खच्चर-सा *** ढ़ोया हूं बोझ खच्चर-सा जिंदगी का अब नही दिन-रात फ़िक्र में सोया जिंदगी अब तेरी पेहरन - उतार फेंकना चाहता हूँ जिंदगी खोया ख्याल-ए- मौत बड़ी देर से रब अब... Hindi · मुक्तक 1 582 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read ** आँखों से आँसू बन बह लूं ** कह लूं कुछ तो कह लूं आंखों से आंसू बन बह लूं व्यथा-कथा अपनी क्या जानू अब पानी बन बह लूं रख पानी बीती जवानी जिंदगी अब चाहती रवानी हो... Hindi · मुक्तक 1 261 Share Previous Page 2 Next