जगदीश शर्मा सहज 166 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next जगदीश शर्मा सहज 7 Jul 2023 · 1 min read आधुनिक अपराध राजनीति के नशा में, मद्यपान की दशा में, देश को लजा रहे हैं,नीच कर्म के लिए। चेतनाएं खो चुके हैं, ज्ञानशून्य हो चुके हैं, फ़र्ज़ क्या निभाएंगे ये,राष्ट्र धर्म के... Hindi · घनाक्षरी 494 Share जगदीश शर्मा सहज 30 Jun 2023 · 1 min read तुम अगर कविता बनो तो गीत मैं बन जाऊंगा। तुम अगर कविता बनो तो गीत मैं बन जाऊंगा। तुम अगर सरगम बनो संगीत मैं बन जाऊंगा ।। मैं हृदय का राग बनकर गुनगुनाऊँगा तुम्हें । तुम मेरे मन में... Quote Writer 1 305 Share जगदीश शर्मा सहज 27 Jun 2023 · 1 min read मुक्तक मुक्तक बह रही ठण्डी हवाएं, बे-वफा मौसम हुआ। चिलचिलाती धूप में बरसात का आलम हुआ।। छा गए बादल गगन में छुप गया सूरज कहीं। पंछियों का बीहड़ों में चहचहाना कम... Quote Writer 2 2 281 Share जगदीश शर्मा सहज 27 Jun 2023 · 1 min read किस दुनिया में खोजूँ तुमको किस दुनिया में खोजूँ तुमको, आभासी संसार बड़ा। किस सागर की परिधि नापूँ,सागर का आकार बड़ा।। मेरे मन में बिखरी थी जो, अब तक छूटी गंध नहीं। प्रेम वही होता... Hindi · गीत 3 2 113 Share जगदीश शर्मा सहज 27 Jun 2023 · 1 min read योग सूरज के उगने से, पहले जो जाग जाते, बलवान तन पाते, करते वो योग हैं। योग को बताने वाले, दुनिया में लाने वाले, योगनिष्ठ ऋषि-मुनि, भारतीय लोग हैं।। योग एक... घनाक्षरी 159 Share जगदीश शर्मा सहज 24 Feb 2023 · 1 min read ग्रीष्मऋतु बागों की बहार गई , फूलों की विसात गई, कृषको की साख गई , जीव जंतु त्रस्त है ! नदी ताल सूख गए , कुएँ सारे रीत गए, पंछी भी... Hindi · घनाक्षरी 233 Share जगदीश शर्मा सहज 24 Feb 2023 · 1 min read जय महाशिव जय श्री राजराजेश्वर महादेव🙏 शिव के अनंत रूप, ज्योतिर्लिंग हैं अनूप। शिव रुद्र कालरूप, सृष्टि में अनंग हैं।। शिव से समस्त लोक, शिव की कृपा अमोघ। शिव के त्रिनेत्र, दूत,... Hindi · घनाक्षरी 171 Share जगदीश शर्मा सहज 24 Feb 2023 · 1 min read जलधर बरसे जनहरण घनाक्षरी (पहले ३० वर्ण लघु,अंत में दीर्घ होता है) उमड़-घुमड़ कर, गिरि, नभ-तल, पर। झर-झर, रुचिकर, जलधर बरसे।। गगन विकटतम, नग-सम,अनुपम। अप्रकट रवि-शशि, तम दिवि भर से ।। सरस... Hindi · घनाक्षरी 174 Share जगदीश शर्मा सहज 24 Feb 2023 · 1 min read जय अंजनिनन्दन रामचन्द्र जी से स्नेह, बज्र के समान देह। वीर हनुमान, माता अंजनी के लाल हैं।। बुद्धि के निधान हैं जो जानते हैं छन्दशास्त्र। काटते समस्त जाल, राक्षसों के काल हैं।।... Hindi · घनाक्षरी 195 Share जगदीश शर्मा सहज 24 Feb 2023 · 1 min read प्रार्थना प्रार्थना करूँ पुकार, शब्द ज्ञान दो अपार। नित्य हों नए विचार, देवी माता शारदे।। कण्ठ से झरें सुगीत, भावना रहे पुनीत। लेखनी रहे सजीव, काव्य को सँवार दे ।। भावपुष्प... Hindi · घनाक्षरी 210 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jan 2023 · 1 min read कर्तव्यपथ अपने-अपने कर्तव्यों का, निष्ठा से यदि पालन होगा। प्रेम हृदय में पुष्पित होगा, फुलवारी सा जीवन होगा।। उद्वेलित मन की चंचलता, कलुषित मन के कारण ही है। हठधर्मी बनकर हमने... Hindi · गीत 2 195 Share जगदीश शर्मा सहज 11 Jan 2023 · 1 min read तरही गजल लबों पर कोई मुस्कुराहट नहीं है, वो क्या दिल है जिसमें मुहब्बत नहीं है। खुदी बेचकर ख़ुशनुमा हो गया वो, उसे अब किसी से हिक़ारत नहीं है। खुलेआम तुम हमसे... Hindi · ग़ज़ल 1 205 Share जगदीश शर्मा सहज 8 Jan 2023 · 1 min read पौष की सर्दी/ तनुस कँप रहा हाड़-मांस का। उड़ रहा धुआँ गर्म सांस का ।। प्रखर सूर्य भी लापता हुआ । शिशिर में मनुज तापता हुआ।। ठिठुरती हुई पुष्प की कली। बिखरकर कहीं... Hindi · छंद काव्य 1 1 216 Share जगदीश शर्मा सहज 31 Dec 2022 · 1 min read नया साल -नन्हा बच्चा नए साल का नया दिन एक नन्हा सा बच्चा समझ से कच्चा सोचता है दुनिया मेरे स्वागत को खड़ी होगी जनवरी की पहली तारीख को मेरे आने की उत्सुकता बड़ी... Hindi · अतुकान्त कविता 1 239 Share जगदीश शर्मा सहज 20 Nov 2022 · 1 min read फोन पर बाल हैं सफेद, गाल पिलपिले हुए । एक अरसे बाद दोनों दिल मिले हुए ।। कर रहे हैं रात-रात भर ख़ुसरफुसर । उम्र की ढलान पर ये सिलसिले हुए।। Hindi · मुक्तक 123 Share जगदीश शर्मा सहज 20 Nov 2022 · 1 min read चमचागिरी चमचों को चमचागिरी, भाती है दिनरात। वैसे ही लतखोर को, समय समय पर लात ।। समय समय पर लात, संग मुक्के भी खाये। घरवाली भी डांट डपटकर, आँख दिखाये ।।... Hindi · कुण्डलिया 1 263 Share जगदीश शर्मा सहज 18 Nov 2022 · 1 min read प्राइवेट अस्पताल प्राइवेट अस्पताल में घुसते ही वार्ड बॉय व्हील चेयर ले आया ,दादी को टैक्सी से उतारकर डॉक्टर कक्ष में ले जाया गया।डॉक्टर नब्ज देखते हुए "क्या हुआ है इन्हें?" अटेंडर... Hindi · लघुकथा 105 Share जगदीश शर्मा सहज 5 Nov 2022 · 1 min read गज़ल चाँद माहिर है दिल लुभाने में, वक्त लेता है पास आने में। दो दिलों को सुकून मिलता है, चाँद के नूर में नहाने में । जिसके सीने में गम समाया... Hindi · ग़ज़ल 2 4 208 Share जगदीश शर्मा सहज 4 Nov 2022 · 1 min read बूढ़ा आदमी उम्र की ढलान पर जब, आदमी के दांत निकल जाते हैं, बाल सफेद होने लगते हैं; बूढ़ा लगने लगता है, घर वालों को भी कूड़ा लगने लगता है। खोया रहता... Hindi · अतुकान्त कविता 1 2 148 Share जगदीश शर्मा सहज 2 Nov 2022 · 1 min read गजल एक भी आंसू न बहना चाहिए, दर्द को चुपचाप सहना चाहिए। एक ओछी बात या तकरार को, चार लोगों में न कहना चाहिए। प्रेम की खुश्बू बिखर जाए मगर, नफरती... Hindi · गज़ल 2 1 323 Share जगदीश शर्मा सहज 5 Oct 2022 · 1 min read लघुकथा- 'रेल का डिब्बा' खचाखच भरी रेल के सामान्य डिब्बे में मोहित जैसे ही ऊपरी सीट पर चढ़ा, निचली सीट पर बैठी लड़की तमतमाकर बोली -"अरे ! दिखाई नहीं देता क्या? यहाँ पहले से... Hindi · लघुकथा 3 313 Share जगदीश शर्मा सहज 5 Oct 2022 · 2 min read दशानन 🧡 शुभ- विजयादशमी 🧡 ~~~~~~~~ अपने अंदर के रावण का, हमको आज दहन करना है। गुजरे जीवन की कमियों से, शिक्षा ले चिंतन करना है।। गल जाता अभिमान सभी का,... Hindi 4 2 387 Share जगदीश शर्मा सहज 14 Sep 2022 · 1 min read राष्ट्रगौरव हिन्दी देश का अभिमान हिन्दी, मातृभाषा ज्ञान हिन्दी। गर्व होता है हमारे, राष्ट्र की पहचान हिन्दी ।। है सभी की एक आशा, मान्य हो यह राष्ट्रभाषा । बोलियाँ हों क्षेत्रव्यापी, किन्तु... Hindi 3 189 Share जगदीश शर्मा सहज 27 Jun 2022 · 1 min read बिखरता बचपन शादी के दस साल बीत जाने के बाद भी राहुल और नम्रता के बीच अनबन कम होने का नाम नहीं ले रही थी। दोनों में से कोई भी किसी कीमत... Hindi · लघु कथा 2 2 204 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jun 2022 · 1 min read ग़ज़ल उनकी आँखों में ख़्वाब बाकी है, हल्का- हल्का शबाब बाकी है। दिल कई बार आरजू करता, उनको देना गुलाब बाकी है। ये नया वक्त ठहरता ही नहीं, वक्त से भी... Hindi 1 163 Share जगदीश शर्मा सहज 14 Jun 2022 · 1 min read बँटवारा विम्मी सारे परिवार की लाडली बच्ची है अबोध होने से उसको पता नहीं है कि घर के बीच दीवार उठ चुकी है ; दोनों भाइयों में बोलचाल बन्द हो चुके... Hindi · लघुकथा 1 157 Share जगदीश शर्मा सहज 5 Jun 2022 · 1 min read धरती माँ धरती कहे मैं मौन हूँ, मैने किया विष का वरण। प्रत्येक प्राणी के लिए, मैंने दिया पर्यावरण।। धूमिल धुआँ मैंने पिया , जलता रहा मेरा हिया। मैंने सहा चिरकाल तक,बढ़ता... Hindi · छंद 4 8 366 Share जगदीश शर्मा सहज 28 May 2022 · 1 min read समय की चाल समय की चाल में बच्चे हमसे आगे निकल गए हम पीछे रह गए, प्रगतिशील युग में हम अपनी सोच, कल्पना शक्ति में जीते रह गए वक्त के आगे हम आंखें... Hindi · कविता 3 4 254 Share जगदीश शर्मा सहज 22 May 2022 · 1 min read चढ़ता पारा बढ़ता हुआ जो ताप है, यह आदमी का पाप है। चिरकाल से रूठे हुए, भू-देवता का शाप है। कटते हुए - जलते हुए, वनदेव का आलाप है। उद्योगवादी क्रांति से,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 255 Share जगदीश शर्मा सहज 13 May 2022 · 1 min read विदाई की बेला विवाह पांडाल में जैसे ही ननद माही की विदाई की बेला आई, अनुभा दहाड़ें मार-मारकर रोने लगी तभी आसपास उपस्थित महिलाएँ उसकी तरफ आश्चर्य से देखने लगीं।अब तक माही घर... Hindi · लघु कथा 206 Share जगदीश शर्मा सहज 4 May 2022 · 1 min read 20 साल बाद देश हो या हो विदेश, खत्म तेल, कोल,गैस, अन्न भी समाप्त होगा, बीस-तीस साल में । यंत्रों के बड़े कबाड़, चारों ओर मारधाड़, विश्व के अनेक देश , युद्धग्रस्त हाल... Hindi · कुण्डलिया 2 2 168 Share जगदीश शर्मा सहज 4 May 2022 · 1 min read जय परशुराम कर में परशु, सिर पर जटाएँ, वेद मुख से झर रहे। भृगुवंश के आराध्य की हम, आज पूजन कर रहे।। सत्कर्म का सद्धर्म का जब, लोप हो जाता कहीं ।... Hindi · छंद 1 2 184 Share जगदीश शर्मा सहज 2 May 2022 · 1 min read पिता हिमालय है पिता परिवार की खातिर, हिमालय सा अचल रहता। पिता का साथ है तो झोंपड़ी सा घर महल रहता ।। पिता की हर खुशी कुर्बान, बच्चों के लिए रहती । पिता... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 8 14 622 Share जगदीश शर्मा सहज 2 May 2022 · 1 min read मजदूर आपका घर तभी बना होगा। हाथ मजदूर का लगा होगा ll धूप से आप तब बचे होंगे। एक मजदूर जब तपा होगा।। दाम मजदूर को दिलाने से। एक मजदूर का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 163 Share जगदीश शर्मा सहज 16 Apr 2022 · 1 min read अंजनीनन्दन हनुमानजी रामचन्द्र जी से स्नेह, बज्र के समान देह। वीर हनुमान, माता अंजनी के लाल हैं।। बुद्धि के निधान, गुण निधान छंद-शास्त्र के। काटते समस्त जाल, राक्षसों के काल हैं।। खौलता... Hindi · घनाक्षरी 229 Share जगदीश शर्मा सहज 14 Apr 2022 · 1 min read लघुकथा 'शिक्षा के दलाल अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शिक्षिका ने अंजली की बेटी का तीसरी कक्षा का रिजल्ट देते हुए कहा-“इस बार कक्षा 4 का कोर्स बदल गया है! स्कूल के बाहर लिस्ट लगी... Hindi · लघु कथा 2 2 442 Share जगदीश शर्मा सहज 1 Apr 2022 · 1 min read वसंत की हवा वसंत की हवा चली, प्रफुल्ल है कली-कली। प्रसून भी खिले कई, सुगंध है नई-नई । विरंच की विभावरी, किशोर उम्र में ढली। समष्टि में विलास है, मनुष्य में हुलास है।... Hindi · गीत 4 4 313 Share जगदीश शर्मा सहज 31 Mar 2022 · 1 min read बेमन से संबंधों को ढोते -ढोते, सारा जीवन रोते-रोते । बोलो ! कैसे जी पाओगे, पत्थर जैसे बन जाओगे। Hindi · लेख 1 191 Share जगदीश शर्मा सहज 30 Mar 2022 · 1 min read मुक्तक किताबों में रखे गुल का, न कोई दाम होता है। दिलों में घर बना ले जो,उसी का नाम होता है।। वफादारी निभाता है,पतंगा आग में जलकर । किसी से प्रेम... Hindi · मुक्तक 1 174 Share जगदीश शर्मा सहज 20 Feb 2022 · 1 min read ऊषारानी ऊषारानी ओस भरी चादर लाई। धीरे-धीरे धूप खिली रौनक आई।। पूर्वाओं ने बादल को सोमलता दी। बूंदों ने वातायन को शीतलता दी।। ठंडी-ठंडी तेज हवाएँ चलती हैं। बूढ़ों को वो... Hindi · कविता 1 318 Share जगदीश शर्मा सहज 13 Feb 2022 · 1 min read वसंत को छाने दो सूने-सूने उद्यानों में फूलों का मौसम आने दो ऋतु वसंत को छाने दो। सूखी कलियाँ मनुहार करें कब सज-धजकर शृंगार करें डाली से मत तोड़ो उनको कुछ पल तो मुस्काने... Hindi · गीत 1 2 388 Share जगदीश शर्मा सहज 2 Feb 2022 · 1 min read अश्लीलता से बचें पुरुष हो या नारी जो भी नग्नता परोसते, उनका समाज में विरोध होना चाहिए। नौनिहाल देश के अबोध हैं समझ नहीं , उनको अश्लीलता के रोग से बचाइए। संस्कारों की... Hindi · घनाक्षरी 2 1 276 Share जगदीश शर्मा सहज 25 Jan 2022 · 1 min read "प्रि-वेडिंग" प्रि-वेडिंग की शूटिंग पर कैमरा मैन ने यश व अनामिका को पास-पास खड़ा कर दिया और बोला -"अब आप दोनों एक दूसरे के हाथ में हाथ लीजिए उसके बाद गले... Hindi · लघु कथा 252 Share जगदीश शर्मा सहज 24 Jan 2022 · 1 min read बालिका वधु फूलों जैसी नाज़ुक होती बेटी। कितने सारे ख़्वाब सँजोती बेटी।। डोली में चढ़कर होती है रुख़सत । और सभी की आँख भिगोती बेटी।। बाबुल का घर आँगन सूना करके ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 302 Share जगदीश शर्मा सहज 5 Dec 2021 · 1 min read पुरानी पीढ़ी जिस पीढ़ी ने अपना जीवन, संघर्षों में खोया । संस्कार शिक्षा के बल पर,बीज प्रेम का बोया ।। रिश्तों का संसार बसाने, जिसने लोहू सींचा। अपने बलशाली हाथों से, जिसने... Hindi · कविता 1 2 628 Share जगदीश शर्मा सहज 2 Dec 2021 · 1 min read सर्द रातें सर्द रातों का सितमगर आ गया | ओस में सिमटा दिसंबर आ गया || बादलों में छुप गया सूरज कहीं . | और उसका नूर छत पर आ गया ||... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 249 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Nov 2021 · 1 min read नन्हा मानव यदि एक वायरस दुनिया में, मृत्युंजय बन जायेगा । अदृश्य शत्रु से फिर कैसे, नन्हा मानव लड़ पायेगा।। घबराकर पीछे भागेगा, मिथ्या सुख साधन छोड़ेगा । जितनी आवश्यक होगी, उतनी... Hindi · कविता 620 Share जगदीश शर्मा सहज 26 Nov 2021 · 1 min read हिंसा कहीं पर आग की लपटें, कहीं पर खून का कतरा । वफ़ा कब तक निभाओगे, बताकर देश पर खतरा।। चुनावी लाभ लेने की, रहेगी आपकी फ़ितरत । गरीबों को लड़ाने... Hindi · कविता 1 1 357 Share जगदीश शर्मा सहज 26 Nov 2021 · 1 min read वायु प्रदूषण बड़े शहरों में सांस लेना कठिन हो गया, वायु प्रदूषित हो गई। अति-विकास, अनियंत्रित निर्माण तथा, अवैध उत्खनन ने भूमि उजाड़ दी सारी रंगत खो गई।। कारखानों का अरबों टन... Hindi · कविता 401 Share जगदीश शर्मा सहज 26 Nov 2021 · 1 min read जिद मुक्तक / उनकी जिद है कि इंसान को परेशां कर दें। चौक-चौराहों को बदरंग कर कूड़ा भर दें ।। बीज अलगाव के बोकर उगा दें कंटक। देश के सीने में... Hindi · मुक्तक 483 Share Previous Page 2 Next