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2 Dec 2021 · 1 min read

सर्द रातें

सर्द रातों का सितमगर आ गया |
ओस में सिमटा दिसंबर आ गया ||

बादलों में छुप गया सूरज कहीं . |
और उसका नूर छत पर आ गया ||

नर्म होंठों की गुलाबी पंखुड़ी… |
एक भँवरा आश लेकर आ गया ||

हम किसी की याद में खोए रहे |
और वो अहसास बनकर आ गया ||

भीड़ में दुबका हुआ था कत्ल कर |
फिर वही बे-खौफ मंज़र आ गया ||

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