हम अरबी-फारसी के प्रचलित शब्दों को बिना नुक्ता लगाए प्रयोग क
हम अरबी-फारसी के प्रचलित शब्दों को बिना नुक्ता लगाए प्रयोग करने के पक्षधर हैं। जो नुक्ता लगाना चाहते हैं, यह उनकी मर्जी है।
हिंदी का मूल स्रोत संस्कृत है। संस्कृत की प्रारंभिक शिक्षा सही है, लेकिन अरबी-फारसी की प्रारंभिक शिक्षा हिंदी के पाठ्यक्रम का अंग नहीं हो सकती। जब हम किसी शब्द को हिंदी में आत्मसात कर चुके, तब उस पर नुक्ता न लगाना हमारा दोष नहीं ठहराया जा सकता।