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30 Mar 2022 · 1 min read

मुक्तक

किताबों में रखे गुल का, न कोई दाम होता है।
दिलों में घर बना ले जो,उसी का नाम होता है।।
वफादारी निभाता है,पतंगा आग में जलकर ।
किसी से प्रेम पाने का, यही ईनाम होता है।।

जगदीश शर्मा सहज

Language: Hindi
1 Like · 152 Views
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