Jaikrishan Uniyal 259 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Jaikrishan Uniyal 11 May 2020 · 12 min read पांडवों का गृहस्थी जीवन!उत्कर्ष एवं पराभव। शेष भाग पांडवों का यह सर्वोच उत्थान का वैभव काल था, राजसूर्य यज्ञ करके उनकी यश पताका बढ़ गई, उधर दुर्योधन के मन में अपमानित होने से, प्रतिकार की भावना बढ़ने लगी... Hindi · घनाक्षरी 3 3 417 Share Jaikrishan Uniyal 10 May 2020 · 3 min read पांडवों का गृहस्थी जीवन!उत्सर्ग एवं पराभव।। अर्जुन ने स्वयंबर तो जीता, द्रौपदी का वरण भी कर लिया। लेकिन घर पर आकर, माता से परिहास कर बैठे, माता हम अनमोल उपहार लाए हैं, यह वाक्य कह दिया,... Hindi · कविता 2 3 552 Share Jaikrishan Uniyal 9 May 2020 · 3 min read पांडवों की युवावस्था/किशोरावस्था!! कौरव, पांडवों की शिक्षा दिक्षा पुरी हो गई, इधर हस्तिनापुर को युवराज देने की तैयारी चल रही। युवराज के पद के लिए दावेदार हैं यह दो, युधिष्ठिर और दुर्योधन में... Hindi · कविता 1 5 335 Share Jaikrishan Uniyal 8 May 2020 · 2 min read पांडव गाथा। शैशव काल पांडू पुत्रों की यह गाथा, राज कुल में जन्म है पाया। भरत वंश के यह वाहक, कुल दीपक यह ,कुल के नायक। कुंन्ती पुत्र इनका परिचय, अनिश्चय का कारण बन... Hindi · कविता 1 2 440 Share Jaikrishan Uniyal 7 May 2020 · 2 min read मुझ जैसा कोई देवव्रत होता। मैं यदि देवव्रत होता,कभी ऐसी शपथ नहीं लेता। और अगर मजबूर कोई करता, तो अपने तर्कों को मैं रखता। यदि तब भी वह मानें नहीं होते, तो मैं शपथ भी... Hindi · कविता 1 2 436 Share Jaikrishan Uniyal 6 May 2020 · 4 min read देवव्रत से भीष्म पितामह तक। शेष भाग के अंश द्रौपदी को जीत स्वयंम्बर में, पांडव पहुंचे गए अपनी कुटिया में। धीरे-धीरे सबको पता चल गया, पांडव जिंदा हैं, हैं अभी भी इस दुनियां में! भीष्म के मन... Hindi · कविता 4 2 286 Share Jaikrishan Uniyal 5 May 2020 · 4 min read देवव्रत से भीष्म पितामह तक। शांतनु के लाडले, हस्तिनापुर के राजकुमार। मां गंगा के पुत्र हैं यह, मां इनकी प्रेरणा का आधार। गंगा के चले जाने से, शांतनु रह ग्ए थे अकेले, अकेला पन वह... Hindi · कविता 4 4 591 Share Jaikrishan Uniyal 4 May 2020 · 3 min read महाभारत का सूत्रधार । महाभारत के सूत्रधार, इनमें प्रमुख हैं यह चार। भीष्म पितामह,ना चाहते हुए भी, कौरव पक्ष में ही खड़े थे। गांधार राज शकुनि, अपनी बहन के घर पर रहते थे। कहते... Hindi · कविता 1 3 1k Share Jaikrishan Uniyal 3 May 2020 · 4 min read दानवीर कर्ण।। सूर्य पुत्र के रूप में जन्मा, कुन्ती है जन्मदात्री मां। पाल पोस कर बड़ा किया है, वो मुंह बोली है राधेय मां। है नहीं यह क्षतृय वर्ण , तब ही... Hindi · कविता 1 2 581 Share Jaikrishan Uniyal 1 May 2020 · 3 min read धृतराष्ट्र का पुत्र मोह! हस्तिनापुर के महाराज, इनका नाम है धृतराष्ट्र! नेत्रहीनता से संतप्त, अपनी कुंठा में अभिशप्त! राज सिंहासन चाहते अपने अनुकूल, पुत्र मोह में रहते व्याकूल! भीष्म,इनके पिता समान, तात कह कर... Hindi · कविता 2 2 998 Share Jaikrishan Uniyal 28 Apr 2020 · 3 min read अद्भुत है पांचाली का जीवन! यज्ञ कुण्ड से जन्मी पांचाली, द्रौपद की यह बेटी, नाम दिया इसको द्रौपदी ! विवाह को भी एक यज्ञ किया गया, मंछली की आंख का भेदन करना था! यह लक्ष्य... Hindi · कविता 2 3 808 Share Jaikrishan Uniyal 27 Apr 2020 · 2 min read और कितने लोक! मृत्यु लोक जिसे कहते हैं, हम वहीं पर रहते हैं! जीवन-मरण है जिसका कर्म, आवागमन इसका मर्म ! फिर लोग यह क्यों कहते हैं, कुछ तो अच्छा करले प्राणी, लोक-प्रलोक... Hindi · कविता 3 2 330 Share Jaikrishan Uniyal 25 Apr 2020 · 2 min read मृत्यु लोक के हम हैं प्राणी! देखा नही पर,सुना जरूर है, और कई लोक हैं यहाँ पर! कौन वहाँ पर रहते हैं, यह भी हमने सुना यहाँ पर! पर हम तो हैं मृत्यु लोक के प्राणी,... Hindi · कविता 2 742 Share Jaikrishan Uniyal 24 Apr 2020 · 2 min read अपनों के लिए,मर-मर के जी जाएंगे![घरेलू हिंसा पर विचारने हेतु] जीवन के इस सफर में,अब तक मैंने काम किया! याद नही है मुझ को,इससे पहले कभी आराम मिला! जीवन ऐसा ढल गया है अपना ! घर पर बैठ कर समय... Hindi · कविता 523 Share Jaikrishan Uniyal 23 Apr 2020 · 3 min read बगिया की फुलवारी में दो फूल ..प्रतिकात्मक चरित्र प्रसंग..! युद्ध की तैयारी होने लगी, हो गया शंखनाद ! दोनों पक्षों की ओर से,लग गया सेनाओं का अंबार! एक ओर,महारथियों की थी भरमार ! एक ओर, पांच पांडव के साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 319 Share Jaikrishan Uniyal 22 Apr 2020 · 2 min read बगिया की फुलवारी में दो फूल ..प्रतिकात्मक प्रसंग ! भाग दो............प्रतीकात्मक प्रस्तुति प्रसंग !.......................... फाँस लिया अपने जाल में,रखा यह प्रस्ताव, जीत गए जो तुम अभी,मैं जाउंगा बनवास, जो हार गए जो तुम अब,जाओगे बनवास! करना पड़ा स्वीकार इसे,मान... Hindi · कविता 1 514 Share Jaikrishan Uniyal 21 Apr 2020 · 2 min read एक बगिया की फुलवारी के वह दो फूल![प्रतिकात्मक.प्रसंग] ..... भाग एक- . प्रथम चरण का संदर्भ ! एक बगिया की वह फुलवारी,जो हरी-भरी बहुत ही प्यारी थी, इस बगिया में खिल आए थे,फूल अनेक! दिखती थी न्यारी सी!... Hindi · कविता 574 Share Jaikrishan Uniyal 20 Apr 2020 · 2 min read सब चलता है! येे जुमला हमने कई बार सुना है,सब चलता है! यह कहते हैं। चलने को चाहे कुछ नहीं चलता,पर अक्सर लोग यही कहते हैं। कब हमने यह सोचा था कि ,हम... Hindi · कविता 1 272 Share Jaikrishan Uniyal 17 Apr 2020 · 2 min read क्यों डरते हैं हम, करने से सच का सामना! डरते हैं हम क्यों,करने से सच का सामना! क्यों नही चाहते,हम उस सच को जानना! आया है जो आज हमारे समुख, चाहता है वह यह जतलाना! मैं ही हूँ एक... Hindi · कविता 2 260 Share Jaikrishan Uniyal 14 Apr 2020 · 2 min read मानवता के दुश्मनों से हो जाओ सावधान! अपने अहंकार में हैं यह सब लहू -लुहान, पुरे विश्व समाज को करके ये परेशान! दीन-दुखी जूझ रहे,कैसे बचाएं जान, एक छोटे से वायरस से हुए लोग हलकान! ये मंद-मंद... Hindi · मुक्तक 1 2 258 Share Jaikrishan Uniyal 12 Apr 2020 · 8 min read प्रसंग वश-समय चक्र-स्वाधीनता से अब तक! [प्रथम भाग!] वर्ष तिहत्तर हो रहे,हुए हमें आजाद! अमर शहीदों का हमें मिला पुण्य प्रसाद! नौनिहाल सब सुखी रहें,रहे देश खुशहाल ! इन्हीं आकांक्षाओं में हो गए देश पर निहाल ! मर... Hindi · लघु कथा 2 2 350 Share Jaikrishan Uniyal 9 Apr 2020 · 1 min read लौक डाउन [ताला बंदी] मेरे सपने में आया ! लौक डाउन मेरे सपने में आया! आकर उसने मुझे बताया!! मुझे अभी रुकने को कहा गया है! काम नहीं पुरा हुआ है!! तू तो चाहता था,मैं चला जाऊँ! मुझे कहा... Hindi · कविता 2 2 638 Share Jaikrishan Uniyal 7 Apr 2020 · 2 min read जाता क्या तू चायना! ऐ-सुन ! सुना. ! जाता क्या तू चायना! क्या करूँ जाकर के चायना! खेलेंगे,,नौकरी करेंगे,ब्यापार करेंगे,! और लायेंगें,वहाँ से कोरोना! ऐ-सुन! सुना ! जाता क्या तू चायना! क्या करूँ,मैं जाकर... Hindi · कविता 1 2 545 Share Jaikrishan Uniyal 6 Apr 2020 · 1 min read परीक्षा परीक्षाएँ हमने दी है कई बार,सफल-असफल का करके विचार! मिली सफलता तो खुशी का अहसास,रहे असफल तो हुए उदास रुके नही,ना हम अकुलाए,फिर किया प्रयास आगे बढ़ पाए!। आज परीक्षा... Hindi · कविता 1 2 272 Share Jaikrishan Uniyal 5 Apr 2020 · 1 min read चलो,जंलाएं दिए! राह में चलते हुए, मिल जाते हैं कितने ही राही-राहगीर! और बिछुड जाते हैं, दो राहों पर! जो चले थे साथ हम सबके । पर ,यह देखना हमारा ही काम... Hindi · कविता 2 2 424 Share Jaikrishan Uniyal 3 Apr 2020 · 3 min read प्रसंग वश-वचन-प्रण-या हठ! युगों युगों से चली आ रही है यह प्रथा!कभी वचन,कहीं प्रण की कथा!आज हम उसको हठ कहते हैं,कुछ लोग इसे जीद भी कहते हैं! पर है यह एक प्रकार की... Hindi · कविता 2 233 Share Jaikrishan Uniyal 2 Apr 2020 · 2 min read छोड़ भी दो अब राग कोरोना! छोड़ भी दो अब राग कोरोना! उससे डर कर भयभीत होना! उठो चलो कुछ पुरुषार्थ करो ना,क्या दिनभर बैठे,रात को सोना! दीन-दुखियों का साथ भी दो ना,उनकी भूख,प्यास का काम... Hindi · कविता 310 Share Jaikrishan Uniyal 31 Mar 2020 · 2 min read पलायन का संकट!-गाँवों की उपेक्षा-शहरों का आकर्षण! जैसे ही हुआ यह ऐलान,सड़कें हो गई सुनशान! महामारी से बचने का यह उपाय है,घर पर ही रुकने का सुझाव है! शहरों में था सन्नाटा पसरा, गाँवों पर ना कोई... Hindi · कविता 1 2 232 Share Jaikrishan Uniyal 30 Mar 2020 · 2 min read जीवन जीने की जंग-गांव शहर के संग! अदृश्य शत्रु की आहट बडी है,यह संकट की विकट घड़ी है! घर पर रहने का आग्रह है,इसमें नहीं कोई दुराग्रह है! ठहरे हुए भी हैं लोग घरों पर, कहे अनुसार... Hindi · कविता 1 346 Share Jaikrishan Uniyal 28 Mar 2020 · 3 min read महाभारत का संदर्भ!कोरोना से जंग !! महाभारत का युद्ध,जो शताब्दियों पूर्व हुआ था, जिस युद्ध में,दुश्मन भी जाना- पहचाना था! और दुश्मनी की चाहत भी स्पष्ट थी पता, युद्ध जो अधिकार और अंहकार के मध्य था!... Hindi · कविता 1 522 Share Jaikrishan Uniyal 27 Mar 2020 · 2 min read कोरोना की जंग में मूच्छें गंवाई! मुझे प्यारी थी अपनी मुच्छे, ज्यादा बड़ी नहीं थी मेरी मुच्छे! छोटी सी थी मेरी मुच्छे, पर प्यारी सी थी मेरी मूच्छे! रखता था मैं उसका ख्याल, बड़े जतन से... Hindi · हाइकु 1 2 569 Share Jaikrishan Uniyal 19 Mar 2020 · 2 min read जय जय गंगे मां-हर हर गंगे मां ! जय-जय गंगे मां,हर-हर गंगे मां, पाप नाशनी मां,मोक्ष दायिनी मां, तारण हारणी मां, हे कल्याणी मां! हरि चरणों में तेरा वास है, ब्रह्म कमण्डल में तेरा निवास है, शिव शंकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 475 Share Jaikrishan Uniyal 17 Mar 2020 · 3 min read कोरोना दिखा रहा डर भारी! कोरोना दिखा रहा डर भारी, यात्रा को निकले थे हम घर से, सपरिवार यह यात्रा हमारी, तिरुपति बाला जी की! के दर्शन को बनी थी योजना हमारी! पुत्र सेवा में... Hindi · कविता 1 262 Share Jaikrishan Uniyal 12 Mar 2020 · 2 min read कन्नैया-कन्नैया तुम्हें आना पड़ेगा!वचन गीता वाला निभाना पड़ेगा आओ मोहन प्यारे,आओ!संकट में है दीन दुखीयारे, विनती कर-कर तुम्हें पुकारे,तुमने कितने ही हैं संकट टारे! जब-जब भीड़ पडी भक्तों पर,आकर तुमही सकंट हारे! आओ मोहन प्यारे, आओ! आकर संकट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 701 Share Jaikrishan Uniyal 7 Mar 2020 · 2 min read तृष्णा से पूर्णता की ओर! थी लालसा,पद प्रतिष्ठा को पाने की,मैं आतुर रहा, आया चुनाव गांव-निकाय का,मै तैयार हुआ। मिलते ही अवसर मैंने भी ,चुनाव लडा, लडकर चुनाव में मैंने अपने-पराये का अहसास किया !... Hindi · कविता 1 277 Share Jaikrishan Uniyal 11 Sep 2019 · 1 min read पंचायत चुनाव-अबकी बारी मैं हूँ डिग्री धारी,फिर भी चुनाव लड़ने का नहीं अधिकारी! माना मैं तीन बच्चों का बाप सही,क्या इसलिए चुनाव के योग्य नहीं! हां मैं सवर्ण भी तो हूँ,और चुनाव में... Hindi · कविता 1 895 Share Jaikrishan Uniyal 2 Mar 2019 · 1 min read अभिनन्दन. का. अभिनन्दन शूरवीर हो तुम सैनिको,यह तुमने हर बार दिखलाया था, अभी आतंकियों के घर में घुसकर,तुमने उन्हेें ढहाया था, फिर भी कर गया हिमाकत,दुश्मन, प्रतिशोध दिखाने आया था, खदेड दिया,अन्य साथियों... Hindi · कविता 2 474 Share Jaikrishan Uniyal 24 Feb 2019 · 1 min read शहीदों की शहादत और शहीदी का मर्म शहादत देते वीर अपने, शहादत से कब घबराये हैं, पर अफशोस रहता इस. बात का है, दुश्मन धोखे से आए हैं, आकर सामने से वह वार करते, तब हम मरते... Hindi · तेवरी 471 Share Jaikrishan Uniyal 24 Feb 2019 · 1 min read विरांगना का उदघोष हर आंख में आंसू बह रहे थे, पर वह तो आंसू पी गयी थी, सुबक रहे थे जहां सब नर-नारी, वह दृढ-निश्चयी अडिग खडी थी, लोग दे रहे थे गमगींन... Hindi · लघु कथा 1 245 Share Jaikrishan Uniyal 21 Jan 2019 · 2 min read गले लगना-गले मिलना-और गले पडना बहुत पुराने साथी से भेंट क्या हुई,कि वह गले लग गयेे, एक दुसरे का हाल पूछा,पुरानी यादौं को ताजा किया,व चल दिये, जाते हुए फिर मिलने का वादा किया,और विदा... Hindi · कविता 1 251 Share Jaikrishan Uniyal 13 Jan 2019 · 1 min read मेरी राशी किलै पैट्यां छैं ऐ लठ्यालौं,कुकर बिरालौं , ं मेरी राशी पर किलै पैट्यां छैं, कुई बुरुणू छै,अपना नगुंन, त कुई बुकौणू छैं,अपना दांतून । दूध पिलाई -रोटी खलाई, फिर भी मी तैं चोट... Hindi · कविता 414 Share Jaikrishan Uniyal 8 Jan 2019 · 3 min read माँ बसन्ती-पिता राम कृष्ण मां बसन्ती,पिता राम कृष्ण,जन्म जिन्होने दिया मुझे, मुझसे पहले,आए जो भाई बहन,उन सबको मेरा अभिन्नदन। माँ समान रमा दीदी,सबसे पहले वो ही आई, पिता तुल्य अग्रज बन्धु,राधा कृष्ण हैं बडे... Hindi · कहानी 267 Share Jaikrishan Uniyal 11 Dec 2018 · 2 min read कृष्ण - द्रौपदी सवांद कृष्ण- -सखी ,यह मैं क्या देख रहा हूँ, ललाट पर चिंता की लकीरें हैं आई, चेहरे पर उदासी है,आंखे हैं सजल,किस चिंता में हो समाई। है रुप तुम्हारा लिए कालिमा,क्या... Hindi · कविता 373 Share Jaikrishan Uniyal 9 Dec 2018 · 1 min read भूत लगी या देवता आई? इक दिन जाणू छौ मीं भाई, तब एक मनखी जोर से चिल्लाई! आवाज सुणीक मैं बौखलाई, पुछी मैंन क्या ह्वै भाई,! क्ंयाक कि खातीर तू ऐनू बरम्नडाई। मेरी बात तैन... Hindi · कविता 3 2 417 Share Jaikrishan Uniyal 30 Sep 2018 · 2 min read जद्दो जहद की तिसरी कडी, सडक और नाली ! जैसे तैसे घर बना दिया,अब सडक बनवानी है, जिस बस्ती में मैं बसा हुँ,वहाँ अभी तक पगडण्डी से काम चलाते हैं,पगडण्डी को सडक बनायें कैसे, इसकी बस्ती में चर्चा करवायी,... Hindi · कविता 271 Share Jaikrishan Uniyal 23 Sep 2018 · 3 min read जिन्दगी की जद्दो जहद के मध्य,ब्यथा और ब्यवस्था की जंग! विद्युत सयोंजन,- द्वीतीय भाग- घर नया बनाया तो विद्युत का सयोंजन चाहिए था, विद्युत कार्यालय गया,और पुछा कैसे मिलेगा संयोजन, वह बोले औन लाईन करो एपलाई, तब मिलने आयेगा कोई... Hindi · कविता 442 Share Jaikrishan Uniyal 13 Sep 2018 · 1 min read आम आदमी की जद्दो -जहद्द के मध्य,ब्यथा और ब्यवस्था की जंग प्रथम भाग ! ब्यथा और ब्यवस्था के मध्य है एक जंग, ब्यवस्था बनाने वाले देते हैं,इसको अनेकों रंग, सीधे -सीधे कोई ब्यथा नहीँ होती है हल, उसको पाने के लिए... Hindi · कविता 318 Share Jaikrishan Uniyal 7 Sep 2018 · 2 min read वेदना में हैं पहाड ये टूटते पहाड, ये खिसकते पहाड, कहीं बिखरते पहाड, तो कहीं चटकते पहाड, हा! ये छिटकते पहाड । जहां लहलहाती थी हरियालियां, जहां सुबह सूरज की किरणों का सुरमयी हो... Hindi · कविता 313 Share Jaikrishan Uniyal 31 Aug 2018 · 1 min read तीस साल पहले का दौर-व-तीस साल बाद का शोर तीस साल पहले जब बोफोर्स का था शोर , तीस साल बाद अब-जब राफेल पर है जोर। बोफोर्स में तब चौंसठ करोड का घपला था, राफेल में अब तीस से... Hindi · कविता 366 Share Jaikrishan Uniyal 29 Aug 2018 · 2 min read जो मैं होता कुंआरा,या पत्नी होती टीचर जो यदि मैं कुंआरा होता,या पत्नी होती टीचर,मै मौजां ही मौजां मे रहता। ना जल्दी उठने की कोई चिन्ता होती, ना देर में सोने का कोई चक्कर रहता ।यदि मैं... Hindi · कविता 371 Share Previous Page 4 Next