अंजनीत निज्जर 262 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next अंजनीत निज्जर 1 Jan 2020 · 1 min read पल कुछ याद भी है , कुछ भूले बैठे है, कड़वे-मीठे पल ज़िंदगी में घुले बैठे है, मुश्किल है कड़वे पलों को भूलना, पर मीठे पलों को सहेजना, ज्यादा जरुरी है,... Hindi · कविता 6 2 356 Share अंजनीत निज्जर 1 Jan 2020 · 3 min read इज्जत एक पति-पत्नी में तकरार हो गयी --- पति कह रहा था : "मैं नवाब हूँ इस शहर का लोग इसलिए मेरी इज्जत करते है और तुम्हारी इज्जत मेरी वजह से... Hindi · कहानी 6 2 762 Share अंजनीत निज्जर 31 Dec 2019 · 1 min read बीते लम्हे जा रहे हो, अगर कहते भी तुम्हें, तो तुम कहाँ रुकते, तुम्हारा ही वारिस आने को है आतुर, तुम्हारे महीनों, दिनों,पलों की यादें, कुछ अधूरे सपने, कुछ वादे, कुछ सफलताएँ,कुछ... Hindi · कविता 6 654 Share अंजनीत निज्जर 26 Dec 2019 · 1 min read साधारण साधारण होना बड़ी बात है साधारण होना कमतर नहीं, क्योंकी साधारण ही अक्सर कर जाता, असाधारण सा कुछ, साधारण का संघर्ष ही बनाता उसे असाधारण, साधारण निकालता है साधारण से... Hindi · कविता 6 6 453 Share अंजनीत निज्जर 18 Dec 2019 · 1 min read हम तुम हम तुम चुंबकिये छोरों से अलग, पर मिलने को आतुर, एक साथ होने को, एक जैसे होने को , पर अलग अलग व्यक्तित्व का मान लिए, तुम तुम और मैं... Hindi · कविता 7 2 323 Share अंजनीत निज्जर 15 Dec 2019 · 1 min read उम्र मैं उम्र बताना नहीं चाहती हूँ, जब भी यह सवाल कोई पूछता है, मैं सोच में पड़ जाती हूँ, बात यह नहीं, कि मैं, उम्र बताना नहीं चाहती हूँ, बात... Hindi · कविता 6 6 303 Share अंजनीत निज्जर 12 Dec 2019 · 1 min read पड़ाव उम्र के इक पड़ाव को लाँघ कर बढ़ चली ज़िंदगी, कितने रंग, कितने रूप दिखाती चली यह ज़िंदगी, कल ही की तो बात थी, जब समझ ने अपनी होंद बताई... Hindi · कविता 5 5 516 Share अंजनीत निज्जर 9 Dec 2019 · 1 min read याद भूली हुई कहानी कोई, अक्सर याद आती है , जब खिलते है नए फूल पुरानी डाली पर, जब मीठी धूप छन कर आये छत पर, जब तितलियाँ अठखेलियाँ करे कलियों... Hindi · कविता 5 280 Share अंजनीत निज्जर 7 Dec 2019 · 2 min read सकारात्मक सोच किसी गाँव में दो साधू रहते थे. वे दिन भर भीख मांगते और मंदिर में पूजा करते थे। एक दिन गाँव में आंधी आ गयी और बहुत जोरों की बारिश... Hindi · लघु कथा 4 2 567 Share अंजनीत निज्जर 7 Dec 2019 · 1 min read दिल डरता है.. तुम करीब हो फिर भी, अनजाना सा इक डर साथ चलता है, जहन में तुझ से अचानक, बिछड़ जाने का ख्याल पलता है, कहीं ऐसा न हो वक़्त, ले हमारा... Hindi · कविता 6 4 342 Share अंजनीत निज्जर 4 Dec 2019 · 1 min read मिला नहीं मिला नहीं, और इस बात का कोई गिला नहीं, मिल भी जाता जो इस तरह, तो मिल कर भी तू मिलता नहीं, तेरा मिलना, इक यही तो किस्सा नहीं, हजारों... Hindi · कविता 6 282 Share अंजनीत निज्जर 4 Dec 2019 · 1 min read कल एक छलावा है कल एक छलावा है, अपना आज जिसने वारा कल पर, वो सदा ही हारा है, कल क्या होगा,कौन जानता है, कल का चिंतन, व्यर्थ का दिखावा है, वर्तमान ही है... Hindi · कविता 5 2 378 Share अंजनीत निज्जर 27 Nov 2019 · 1 min read कसूर किसका था कसूर किसका था, घटनाक्रम के बाद, इस प्रश्न का औचित्य क्या? सोचना था घृणित कार्य होने से पहले, क्यों परिस्थितियाँ यूँ बनी, क्या विवश था कोई, या महज आत्मानुभूति का... Hindi · कविता 5 686 Share अंजनीत निज्जर 26 Nov 2019 · 1 min read ज़िंदगी है एक रंगमंच ज़िंदगी है एक रंगमंच, यहॉं हर किसी को अपना किरदार निभाना है, और लौट जाना है, सोच ना तू कि स्थाई तेरा ठिकाना है, बड़े बड़े अभिनेता हुए, बड़े ही... Hindi · कविता 6 2 276 Share अंजनीत निज्जर 23 Nov 2019 · 1 min read भ्र्म आँखों का भ्र्म था, तू मुझमें बहुत कम था, मैं,मैं ना थी, मैं तो तू ही थी, पर तू, तू ही था, मैं ना थी, भ्र्म का मायाजाल था फैला,... Hindi · कविता 5 382 Share अंजनीत निज्जर 22 Nov 2019 · 1 min read देखते रहे देखते रहे, एकटक उस मासूम से बच्चे को हम, जो जल्दबाजी में ढूंढ रहा था कचरे में, कुछ पूरा सा, जो शांत कर सके उसकी, भूख और गरीबी को, इस... Hindi · कविता 4 2 527 Share अंजनीत निज्जर 21 Nov 2019 · 1 min read मजबूर नहीं तुम इतने तो मजबूर नहीं तुम, जो देख कर भी ऑंखें बंद कर लो तुम, हालात अभी इतने भी नहीं बिगड़े, कि संभाल ना पाओ तुम, अभी भी है आशा की... Hindi · कविता 4 2 392 Share अंजनीत निज्जर 20 Nov 2019 · 1 min read जाने कहाँ वो लम्हा, जब बेफिक्री थी, मदमस्त ज़िंदगी थी अल्हड़ शरारतें थी, हसीं के बवंडर थे जोशीली जवानी थी, जब काम कम और बहाने ज्यादा थे पल में रूठते, पल में... Hindi · कविता 5 2 518 Share अंजनीत निज्जर 20 Nov 2019 · 3 min read आदर्श बहू बहू कल निम्मी को लेने आने वाले है, मैंने शाम को सबका खाना रखा है, कुल 8 - 9 लोग है तुम सम्भाल लोगी ना। सासुजी ने कहा । वंदना... Hindi · कहानी 3 644 Share अंजनीत निज्जर 20 Nov 2019 · 1 min read समझौता कर लेते हैं समझौता कर लेते हैं, चलो फिर से एक बार, जी लेते हैं मर लेते हैं, समझौता कर लेते हैं, भूल जाते हैं सब गिले-शिकवे, दिलों को अपने, केवल खूबसूरत यादों... Hindi · कविता 4 249 Share अंजनीत निज्जर 19 Nov 2019 · 1 min read स्वाभिमान प्रिये रहा हमेशा, मेरा स्वाभिमान, मेरा अभिमान जिसके लिए ना झुकी, ना डरी कभी, अदम्य, अविचलित,अडिग,अडोल रही सदा, प्रिये रहा हमेशा स्वाभिमान, सही को सही और गलत को गलत, समझने... Hindi · कविता 4 468 Share अंजनीत निज्जर 18 Nov 2019 · 1 min read जीवन पल पल निकलता जीवन हर पल पल को तू जी ले कभी धूप कभी छांव जीवन रंगों की छाया कभी सूर्य चमकता जीवन कभी काले बादल की छाया जोरों से... Hindi · कविता 5 265 Share अंजनीत निज्जर 18 Nov 2019 · 1 min read बुरा लगा बुरा लगा, जब कहना चाहिए था बहुत कुछ, उन तानों के बदले में, जो स्त्री होने के लिए मिले, पर कह ना पाए, बुरा लगा, जब करना चाहिए था बहुत... Hindi · कविता 5 277 Share अंजनीत निज्जर 16 Nov 2019 · 1 min read कसक तुम बिन अब खुश रहते है, दिल को अक्सर हम यह कहते है जानते हो सच तुम भी और मैं भी की इक दूजे से दूर कहां हम रहते है... Hindi · कविता 4 2 276 Share अंजनीत निज्जर 16 Nov 2019 · 3 min read मैं कुशल गृहणी नहीं हूँ आज सुबह से ही पता नहीं क्यों अजीब सा आलस आ रहा है।सुबह 6:30 का अलार्म बजा पर आज तो बेटे की छुट्टी है, पति की भी छुट्टी है ,तो... Hindi · कहानी 3 2 382 Share अंजनीत निज्जर 16 Nov 2019 · 1 min read रोशनी जब अँधेरा गहरा गया तो सोचना पड़ा रोशनी को, अब भी न निकली तो कहीं बहुत देर न हो जाये, यह अँधेरा छा जाये, सब जगह, केवल जगह ही नहीं... Hindi · कविता 4 2 281 Share अंजनीत निज्जर 16 Nov 2019 · 2 min read बदलाव एक बार एक बुजुर्ग की तबियत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा।पता लगा कि उन्हें कोई गम्भीर बीमारी है हालांकि ये छूत की बीमारी नही है,... Hindi · कहानी 4 2 286 Share अंजनीत निज्जर 15 Nov 2019 · 1 min read ठोकर लग जाती है ठोकर लग जाती है जब विश्वासी बन कर अपना कोई छलता है , अंतहीन विश्वास पर विश्वासघात का परचम फहराता है , ठोकर लग जाती है जब अपना कोई छलता... Hindi · कविता 3 2 392 Share अंजनीत निज्जर 14 Nov 2019 · 1 min read अजनबी कहीं किसी दिन हम अचानक मिले, बरसों पहले बिछड़े अजनबियों की तरह, हाँ ! अजनबी ही तो थे हम, कहाँ जानते थे,एक दूसरे के अनकहे जज्बात, कहाँ समझते थे,एक दूसरे... Hindi · कविता 4 2 282 Share अंजनीत निज्जर 13 Nov 2019 · 1 min read अवकाश मन की थकन जो उतार दे वो 'अवकाश' चाहिए। इस भागती-सी जिंदगी में 'फुरसत' की सांस चाहिए। चेहरों को नहीं दिल को भी पढ़ने का वक्त हो ... मोबाइल लैपटॉप... Hindi · कविता 4 3 270 Share अंजनीत निज्जर 13 Nov 2019 · 2 min read पूर्णांगिनी जया को रात में बुखार चढ़ गया था। दो बार उल्टी भी हुई थी। पास सोए रवि को उसने इस बात की भनक भी नहीं पड़ने दी, लेकिन सवेरे वह... Hindi · कहानी 2 4 372 Share अंजनीत निज्जर 13 Nov 2019 · 1 min read लिख ना पाई बस वो बात नहीं लिखी, जो लिखी जा सकती थी एक वृतांत की तरह, पर ना जाने क्यों, वह लिख ना पाई, लिख ना पाई वो अनकही शिकायतें, जो हर... Hindi · कविता 3 544 Share अंजनीत निज्जर 12 Nov 2019 · 1 min read जैसे कुछ हुआ ही नहीं लम्हा लम्हा बदलती ज़िंदगी में कितने बदल गए हम, पर महसूस यूँ है होता, जैसे कुछ हुआ ही नहीं, बचपन की ज़िद्द समझौते में बदली, समझ इतनी परिपक्व हुई, अल्हड़पन... Hindi · कविता 3 231 Share अंजनीत निज्जर 11 Nov 2019 · 2 min read फ़िक्र ससुर जी के अचानक आ धमकने से बहु रमा तमतमा उठी-लगता है, बूढ़े को पैसों की ज़रूरत आ पड़ी है, वरना यहाँ कौन आने वाला था... अपने पेट का गड्ढ़ा... Hindi · लघु कथा 3 4 584 Share अंजनीत निज्जर 11 Nov 2019 · 1 min read कौन हो तुम? कौन हो तुम? जो अपने होकर भी अजनबी हो कौन हो तुम? जो साथ होकर भी साथ नहीं हो कौन हो तुम? जो आम होकर भी खास हो कौन हो... Hindi · कविता 4 528 Share अंजनीत निज्जर 11 Nov 2019 · 1 min read नई दुनिया बनानी है जहां वक्त हो सबके पास अपनों के साथ बिताने के लिए जहां मोबाइल नहीं किताबें हो कहानियाँ सुनाने के लिए जहां दादा दादी हों बच्चों को घुमाने के लिए जहां... Hindi · कविता 3 2 441 Share अंजनीत निज्जर 11 Nov 2019 · 1 min read कैसी उधेड़बुन है ? कैसी उधेड़बुन है ? सोचूँ क्या होता है , क्यों होता है? क्यों अक्सर मुझ संग होता है? क्या नाराज़ किया किसी देवता को मैंने?या फलीभूत है मेरे कर्म, कश्मकश... Hindi · कविता 3 292 Share अंजनीत निज्जर 11 Nov 2019 · 1 min read हो अंधेरा कितना भी घना हो अंधेरा कितना भी घना, हमें रोक सकता नहीं, चल पड़े जो कर्मठ, तो राह उजला हो न हो कोई फरक पड़ता नहीं है, है रास्ता वीरान, उबड-खाबड़,पत्थरों से भरा,... Hindi · कविता 3 2k Share अंजनीत निज्जर 11 Nov 2019 · 1 min read दिल बेदाग रखो दिल बेदाग रखो, चेहरा तो हर कोई बेदाग है चाहता, पर दिल का ख्याल किसको है आता, हर छोटी छोटी बात पे दिल को, फरेब है भाता, कितना मुश्किल है... Hindi · कविता 3 285 Share अंजनीत निज्जर 10 Nov 2019 · 1 min read आवारा आवारा हूँ, मनमर्जीओं का मारा हूँ, शायद इसीलिए आवारा हूँ, फितरत में नहीं झुकना झुकाना, सीखा ही नहीं दिल लगाना, दिल दुखाना, दुनिया के फरेब से हूँ अंजाना, कह ले... Hindi · कविता 3 250 Share अंजनीत निज्जर 10 Nov 2019 · 1 min read जो होगा देखा जाएगा जो होगा देखा जाएगा बढ़ा लिया जो आगे कदम, तो यह मत सोच कि पछताएगा, अपना भाग्य तू खुद ही बनाएगा, एक छोटा सा बीज भी कँहा जानता है, कि... Hindi · कविता 4 2 287 Share अंजनीत निज्जर 10 Nov 2019 · 2 min read संबंध "ओह छ:बज गए और माँ ने भी नहीं उठाया।" "इतनी देर तक कैसे सोती रह गई मैं?माँ कहाँ है।"बड़बड़ाती हुई श्रद्धा कमरें से बाहर भागी।रोज की तरह न माँ आज... Hindi · लघु कथा 3 2 678 Share अंजनीत निज्जर 10 Nov 2019 · 1 min read शांत मन शांत मन प्रबुद्ध मन, अविचल अविरल मन, अपनी ही कुंठाओं का निवारण करता मन, जब कहीं होता यह शांत मन, यूँ तो निकलता नहीं जल्दी, समस्याओं का समाधान, पर हल... Hindi · कविता 3 2 418 Share अंजनीत निज्जर 10 Nov 2019 · 1 min read नाम एक है अल्लाह कहो या राम कहो नाम एक है, प्याले जुदा जुदा है मगर जाम एक है, अल्लाह कहो या राम कहो, नाम एक है, हिन्दू ने तेरे वास्ते मंदिर बना... Hindi · कविता 4 2 200 Share अंजनीत निज्जर 10 Nov 2019 · 2 min read जीत पुरानी साड़ियों के बदले बर्तनों के लिए मोल भाव करती शारदा ने अंततः दो साड़ियों के बदले एक टब पसंद किया। "नही दीदी, बदले में तीन साड़ियों से कम तो... Hindi · लघु कथा 3 2 236 Share अंजनीत निज्जर 10 Nov 2019 · 1 min read देखो खो ना जाना ख्वाबों के शहर में देखो खो ना जाना, गांव में है इक बूढ़ी माँ उसको भूल मत जाना, सपनों की इस दुनिया में, तुम भी हो किसी का सपना, यह... Hindi · कविता 3 210 Share अंजनीत निज्जर 8 Nov 2019 · 1 min read औरत की जाति एक आदमी ने महिला से पूछा- तेरी जाति क्या है? महिला ने पूछा : एक मां की या एक महिला की ..? उसने कहा - चल दोनों की बता और... Hindi · लघु कथा 4 4 944 Share अंजनीत निज्जर 7 Nov 2019 · 1 min read तुम्हारी बाँहों में तुम्हारी बाँहों में, भूल जाती हूँ दुनिया सारी, दिन भर की थकान, दूर कर देती है तुम्हारी मुस्कान, तुम्हारा आलिंगन भरता है शरीर में नई जान, बालों में फेरना हाथ... Hindi · कविता 3 236 Share अंजनीत निज्जर 7 Nov 2019 · 1 min read फलसफा ज़िंदगी का फलसफा ज़िंदगी का, बड़ा सीधा सा है, ज़िंदगी मिलेगी सिर्फ एक ही बार, तो खुल कर इसे जी ले मेरे यार, छोड़ो हर वक़्त जीत के लिए दौड़ना, कभी तो... Hindi · कविता 3 2 235 Share अंजनीत निज्जर 7 Nov 2019 · 1 min read मैं आज़ाद कहलाउंगी दुनिया दिल पर हावी है, क्या सोचेंगे सब, क्या कहेंगे सब, जब-तब बस यही सिलसिला जारी है दुनिया जैसे चलाये चले जाएँ, क्या इसी में छुपी समझदारी है? मैं तो... Hindi · कविता 3 2 217 Share Previous Page 4 Next