Comments (6)
29 Dec 2019 12:19 AM
साधारण अथवा असाधारण यह व्यक्तिविशेष के मूल्यांकन की प्रज्ञाशक्ति पर निर्भर रहता है । पारखी नज़र पत्थरों भी हीरे को खोज लेती है।
चिन्तन उत्प्रेरण का धन्यवाद !
अंजनीत निज्जर
Author
31 Dec 2019 08:04 PM
धन्यवाद ??
27 Dec 2019 11:22 AM
Very nice lines
अंजनीत निज्जर
Author
28 Dec 2019 02:25 PM
Thanks
आपने अपनी प्रोफाइल पर लिखा है ‘मैं कवयित्री हूं या नहीं, नहीं जानती पर लिखती हूं जो मन में आता है !! ’ पर इन डेढ़ महीनों में ही आपने अपने आपको साबित कर दिया कि आप कवयित्री हैं. पाठक संख्या डेढ़ हजार पार करने पर बधाई.
Thanks a lot Shyam ji??