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मायज़ाल:ज़िन्दगी का कठोर सच
Bhupendra Rawat

दिल जीतने का कोई उपहार दो न
Bhupendra Rawat

पुरानी कोई कहानी न पूछो
Bhupendra Rawat

पता है डूब कर मर ही जाना है
Bhupendra Rawat

फासलों से दूरी है मेरी
Bhupendra Rawat

फुर्सत के लम्हे गुज़र जाया करते थे
Bhupendra Rawat

एक और मज़हब बना कर देखते है
Bhupendra Rawat

हर रोज़ आँखों में एक ख़्वाब सजाता हूँ
Bhupendra Rawat

घर मे क़ैद खुद को कर लिया है
Bhupendra Rawat

भविष्य कभी टिका नही वर्तमान रुका नही
Bhupendra Rawat

प्रतिशोध की ज्वाला को जब तपाया जाता है
Bhupendra Rawat

तेरे इश्क़ की नदियों में बहता जा रहा हूँ
Bhupendra Rawat

तेरी हर चाल से वाकिफ हूँ मैं
Bhupendra Rawat

अगर तोड़ना ही है तो तोड़ो ख़ुद का अहम
Bhupendra Rawat

सड़क किनारे तड़प रही थी मरकर वो लाशें भी
Bhupendra Rawat

तेरी खामोशी मजबूर कर देती है
Bhupendra Rawat

दिल जीतने का कोई उपहार दो न
Bhupendra Rawat

जिन आंखों ने इंतज़ार में गुज़ार दी रात सारी
Bhupendra Rawat

सर्वनाश जिसके निर्माता है,मनुष्य
Bhupendra Rawat

न हिन्दू,न मुस्लिम,न सिक्ख,न इसाई था वो
Bhupendra Rawat

भौतिक जगत एक कल्पना
Bhupendra Rawat

मैं ख्वाबों को संजोकर अपना घर बनाता हूँ
Bhupendra Rawat

अफवाहें भी ख़बर बन जाती है
Bhupendra Rawat

खूबसूरत क्या है इस दुनिया में
Bhupendra Rawat

मुबारक़ हो मुझकों वो शब
Bhupendra Rawat

सत्ता के गलियारों में दोषी निर्दोष ही रहेंगे
Bhupendra Rawat

चारों और पसरा है सन्नाटा
Bhupendra Rawat

न इश्क़ ख़ुदा है न मज़हब कोई
Bhupendra Rawat

मेरे ख्वाबों की दुनिया में
Bhupendra Rawat

हिसाब हुआ कि कोई हिसाब नही है
Bhupendra Rawat

एक दायरा हमनें भी बना रखा है
Bhupendra Rawat

ज़िन्दगी तुम ही इनाम लेकर आए थे
Bhupendra Rawat

जब तक जीवित है ज़िंदा एक प्यास रख
Bhupendra Rawat

आज एक नई कहानी लिखे
Bhupendra Rawat

गुज़ारने के लिए शेष रह जाएगा वक़्त
Bhupendra Rawat

भूल कर सारी दुनिया को
Bhupendra Rawat

पहले ऐसी नफ़रतें कभी न थी
Bhupendra Rawat

कह दो ख्वाबों से
Bhupendra Rawat

जिस क्षण तुम मेरे आने की राह देख रहे थे
Bhupendra Rawat

मैं तेरी बातों को कैसे झुठला सकता हूँ
Bhupendra Rawat

मैं लिखता हूँ जो कुछ भी
Bhupendra Rawat

पूछा जाएगा हर एक से
Bhupendra Rawat

समाज की समुन्द्र रूपी अनन्त गहराई में
Bhupendra Rawat

युद्ध का परिणाम सदैव होता है, हार या जीत परन्तु
Bhupendra Rawat

ख्वाबों को तोड़ कर उसका घर बनाता हूँ
Bhupendra Rawat

आप लड़े हो आज तक हिन्दू मुसलमान बोल कर
Bhupendra Rawat

अपनी नींद ज़ाया न कर
Bhupendra Rawat

मज़हब की इस दौड़ में गुम हो गया है,आदमी
Bhupendra Rawat

जीवन का संघर्ष
Bhupendra Rawat

विकास एक प्राकृतिक विद्रोह
Bhupendra Rawat