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26 Apr 2020 · 1 min read

भौतिक जगत एक कल्पना

लेख….

ज़िन्दगी जीने का अर्थ कदापी भौतिक जगत की कत्रिम वस्तु के उपभोग से नही है।आज तक जिस प्राकृतिक जगत के गुणों को नज़र अंदाज़ करते हुए भौतिक जगत में बिना कष्ट सह सुखमय जीवन की कल्पना करते आ रहे थे।आज भावी परिदृश्य में वह अर्द्धसत्य कल्पना मात्र तक ही सीमित है।और आज हम सबको भौतिक जगत के जीवन से दूर प्रकृति की शरण लेनी पड़ी है।मानव द्वारा प्रकृति के साथ खिलवाड़ किस हद तक हम सबके जीवन को प्रभावित कर सकता है,उसका जीता जागता उदहारण वर्तमान परिस्थिति से लगाया जा सकता है।सम्पूर्ण विश्व में वर्चस्व स्थापित कर सर्वश्रेष्ठ बनाने की जिद्द मनुष्य पर इस तरह हावी है कि सही गलत के अंतर को उसके लिए समझना दूभर होता जा रहा है.

भूपेंद्र रावत
26।04।2020कल्पना

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 439 Views
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