विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 110 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 7 Dec 2020 · 1 min read मौन प्रेम मेरे दिल में बसी है जो, कहो तुमको बता दूँ मैं। चलो उससे मिला दूँ या कहो उसका पता दूँ मैं। न आँखें फाड़कर देखो,ज़रा समझो इशारे को- तुम्ही से... Hindi · मुक्तक 2 1 254 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 18 Oct 2020 · 1 min read जय माता दी करें माँ वंदना तेरी, सदा हम पर दया करना। हमारी जिंदगी में माँ,सदा ही कुछ नया करना। न कोई भूल हो हमसे, न कोई पाप हो जाए- अनैतिक कर्म जो... Hindi · मुक्तक 1 2 277 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 3 Oct 2020 · 1 min read आज के हालात न जाने क्या हुआ है अब, बताओ इस जमाने को। लपकते जिस्म को ही अब,सभी क्यों नोच खाने को। कहाँ है सभ्यता अपनी , कहाँ हैं रीतियाँ अपनी- बने हैं... Hindi · मुक्तक 5 268 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 27 Sep 2020 · 1 min read माता-पिता आज के दोहे मातु पिता की जो सदा, माने सारी बात। उसको ही मिलती यहाँ,खुशियों की सौगात।।१३२।। मातु पिता का तुम कभी,मत करना अपमान। उनसे ही तो तुम बने, इतना... Hindi · दोहा 3 340 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 18 Sep 2020 · 1 min read जीवन मंत्र आगे बढ़ने की सदा , करते रहो प्रयास। हासिल होगा लक्ष्य भी,मत छोड़ो तुम आस।।१२८।। छोटा तो होता नहीं, कोई भी हो काम। चित्त लगाकर जो करे,उसका होता नाम।।१२९।। जीवन... Hindi · दोहा 2 2 285 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 15 Sep 2020 · 1 min read सुख के साथी सुख में सब तो रहते हैं। अपना मुझको कहते हैं। दुख में पर पास न आयें। घर में अपने छुप जायें। अब मैं सब जान गया हूँ। सबको पहचान गया... Hindi · मुक्तक 1 4 249 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 14 Sep 2020 · 1 min read करें सम्मान हिंदी का हमारे देश में अब तक,हुआ अपमान हिंदी का। नहीं करता यहाँ कोई, कभी गुणगान हिंदी का। लड़ाई है बहुत लंबी, बने यह राष्ट्र की भाषा- दिलाकर श्रेष्ठता जग में, करें... Hindi · मुक्तक 1 2 370 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 14 Sep 2020 · 1 min read हमारी हिंदी हिंदी की जो करें साधना, माँ हिंदी के वे रक्षक हैं। नये जमाने का दिखने को, कुछ जन हिंदी के भक्षक हैं। हिंद देश का वासी होकर, जो हिंदी का... Hindi · कविता 3 2 443 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 14 Sep 2020 · 1 min read हिंदी हैं हम हमारी आन है हिंदी, हमारी शान है हिंदी। हमारी रूह है हिंदी, हमारी जान है हिंदी। मरें भी हम तो हिंदी से,जिएँ भी हम तो हिंदी से- चले जाएँ कहीं... Hindi · मुक्तक 1 393 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 13 Sep 2020 · 1 min read राम नाम राम नाम का बोल, अमृत रस घोले। जीवन के सब बंद, द्वार को खोले। होता जग कल्याण,सभी दुख मिटते। नहीं बला ये आज, सामने टिकते। आओ प्रभु के द्वार,नहीं घबराओ।... Hindi · कविता 2 2 337 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 11 Sep 2020 · 1 min read आ गले मुझको लगाओ 2122 2122 2122 2122 जाँ न जाओ लौट आओ, यूँ न तनहा छोड़ जाओ। क्यों खफ़ा हो इस तरह तुम,बात क्या मुझको बताओ। मानता हूँ भूल अपनी, जो हुई है... Hindi · मुक्तक 2 221 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 10 Sep 2020 · 1 min read आज के दोहे पर धन की इच्छा कभी,नहीं करो जी आप। पर धन की इच्छा सदा, होता है जी पाप।।१२२।। जो कुछ धन है आपका, वही रहेगा साथ। पर धन तो टिकता नहीं,खाली... Hindi · दोहा 1 8 587 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 9 Sep 2020 · 1 min read नैनों के इशारे 221 2122 221 2122 ये नैनों के इशारे, मुझको न मार डाले। दे बख़्श जान मेरा, कातिल नज़र हटा ले। दिल हार मैं गया हूँ,बस एक ही झलक में, अब... Hindi · मुक्तक 4 234 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 8 Sep 2020 · 1 min read याद आदमी की अब कौन ये सुने जी, फरियाद आदमी की। विश्वास पर टिकी है, बुनियाद आदमी की। यह देह तो चली जो,उस लोक की तरफ को- पर पास रहती हरदम, बस याद... Hindi · मुक्तक 2 2 399 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 1 Sep 2020 · 1 min read सियाराम हम द्वार खड़े कबसे, हे नाथ चले आओ। ले मातु सिया को भी, अब साथ चले आओ। करते हैं भजन निशि दिन,विनती ये सुनो सबकी- कोदंड उठाकर अब, ले हाथ... Hindi · मुक्तक 1 312 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 30 Aug 2020 · 1 min read जय माँ सरस्वती शरण में हम तुम्हारे हैं, दया का दान माँ दे दो। करें सेवा तुम्हारी ही, यही वरदान माँ दे दो। भटकते हैं जहाँ में हम,मिटा दो मैल उर का सब-... Hindi · मुक्तक 2 4 257 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 29 Aug 2020 · 1 min read जब दिल से दिल का मिलन हुआ जब मिलने को घण्टों बैठा, तब समझा इंतजार क्या है? जब दिल से दिल का मिलन हुआ,तब ये जाना कि प्यार क्या है? रहकर संग तुम्हारे ही तो, सब कुछ... Hindi · गीत 1 6 430 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 28 Aug 2020 · 1 min read माँ की ममता माँ तो ममता की मूरत है, उसके जैसा है कौन यहाँ? माँ के आँचल के सुख जैसा, सुख मिलता है कब किसे कहाँ? माँ का दुलार पाने को ही, ईश्वर... Hindi · कविता 1 4 490 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 26 Aug 2020 · 1 min read उर में बस गए राम मेरे उर में बस गए राम मेरे, अब दर्शन हर पल करता हूँ। प्रभु दर्शन की अमूल्य निधि से, मैं अपनी झोली भरता हूँ। रखवारे जब से राम हुए, तब से... Hindi · कविता 5 2 274 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 24 Aug 2020 · 1 min read ध्वजा प्रेम का ये बढ़ाते चलो किसी को कभी भी रुलाना नहीं। कभी यार रूठे मनाना वहीं। हुई जो खता तो बताते चलो। ध्वजा प्रेम का ये बढ़ाते चलो। Hindi · कविता 1 225 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 23 Aug 2020 · 1 min read तुम्हें अब लाज कैसी है छिपाया था जिसे अब तक,मुहब्बत आज कैसी है। कभी थे सख्त इतने तुम, मधुर आवाज कैसी है। लिया जो मान अपना ही, निकलकर सामने आओ- कहो अपना मुझे खुलकर, तुम्हें... Hindi · मुक्तक 3 2 268 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 20 Aug 2020 · 1 min read मिली है हार अपनों से जिसे समझा कि अपना है,हुआ वो तो पराया है। लिया था संग जिसको मैं,वही वर्षों फिराया है। सरलता से भरा जीवन,सदा अविजित रहा हूँ मैं- मिली है हार अपनों से,नहीं... Hindi · मुक्तक 3 355 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 18 Aug 2020 · 1 min read चलो आज से बात होगी नहीं चलो आज से बात होगी नहीं। कभी भी मुलाकात होगी नहीं। तुम्हारे बिना भी कटे जिंदगी। करूँगा नहीं मैं कभी बंदगी। तुझे मैं कभी भी सताया नहीं। लगे बात जो... Hindi · कविता 3 4 300 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 17 Aug 2020 · 1 min read अब उठ भी जाओ प्यारे सूरज से चली लालिमा। बीती है रात्रि कालिमा। पेड़ों पर पंछी बोले। ये पवन मगन हो डोले। सबको बुलाएँ दिशाएँ, सभी ओर शोर हुआ रे। इतना मुझको न सताओ, अब... Hindi · कविता 6 6 327 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 16 Aug 2020 · 1 min read मेरे राम सकल देश भर में,हरेक घर घर में, राम नाम का ही बस,उद्घोष सुनाई दे। बच्चे हों चाहे जवान,खड़े सभी ले कमान, सब में ही हमको तो,राम ही दिखाई दे। करें... Hindi · घनाक्षरी 4 5 323 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 15 Aug 2020 · 1 min read दिवस ये खास आया है चलो खुशियाँ मनाएँ हम,दिवस ये खास आया है। मिली स्वाधीनता इस दिन,नया अहसास आया है। गगन में झूमकर अपना, लहरता है तिरंगा ये- इसे ही चूमने खातिर,गगन भी पास आया... Hindi · मुक्तक 1 2 219 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 15 Aug 2020 · 1 min read तिरंगा तिरंगा आन है मेरी, तिरंगा शान है मेरी। तिरंगा रूह है मेरी, तिरंगा जान है मेरी। मरूँ भी तो तिरंगे पर,जियूँ भी तो तिरंगे पर- चला जाऊँ कहीं भी मैं,यही... Hindi · मुक्तक 2 386 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 15 Aug 2020 · 1 min read देश हमारा आजाद हुआ कितनों की खप गयी जवानी, कितने ही वीर शहीद हुए। निज प्राणों की आहुति दे दी, ऐसे भी लोग मुजीद हुए। इतना सब झेला तब जाकर, यह सकल देश आबाद... Hindi · कविता 2 239 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 14 Aug 2020 · 1 min read याद तुम्हारी आती है शाम सहर अब तो मुझको, याद तुम्हारी आती है। खोया रहता यादों में, हर पल ही तड़पाती है। छन छन छन हरदम करती, पायल गीत सुनाती है। चुपके से मेरे... Hindi · कविता 2 290 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 13 Aug 2020 · 1 min read मिले यार तुमसे जमाने हुए हैं मिले यार तुमसे जमाने हुए हैं। बहुत दूर जबसे ठिकाने हुए हैं। जरा पास आओ दरस तुम दिखा दो, कि तस्वीर सारे पुराने हुए हैं। कभी बात करने अगर हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 218 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 11 Aug 2020 · 1 min read एक गोपी की पुकार #हाकलि_छंद श्याम भवन मेरे आओ। मन मेरा भी हर्षाओ। कभी न मैं रूप बिसारूँ। हरदम ही राह निहारूँ। आँखों में नींद नहीं है। ना दिल को चैन कहीं है। सपनों... Hindi · कविता 3 2 270 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 7 Aug 2020 · 1 min read अपना मिलन #मनमोहन_छंद तुमसे ही लड़, गया नयन। खुशी से खिला,मन उपवन। चलो सुना दो, मधुर वचन। हो जाऊँ मैं , मस्त मगन। मुझको अपना, बना सजन। आशा की अब,तुम्हीं किरन। छूकर... Hindi · कविता 3 2 606 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 5 Aug 2020 · 1 min read राम मंदिर निर्माण नगर का घाट दीपों के, उजाले से नहाया है। सजी हैं फूल से गलियाँ,खुशी का प्रात आया है। हुआ ऐलान जब से है, शुरू निर्माण मंदिर का- जुटी है भीड़... Hindi · मुक्तक 4 4 393 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 4 Aug 2020 · 1 min read प्रभु राम आज का दोहा ,दिनांक - ०४/०८/२०२० आओ सब मिलकर चलें,आज राम के धाम। मुख पर सबके ही रहे, राम - राम का नाम।।९९।। राम भजन करते रहें, हम सब सुबहो... Hindi · दोहा 4 2 268 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 3 Aug 2020 · 1 min read राखी बहना की सुंदर राखी से,शोभित हुआ कलाई। मन मेरा प्रफुल्लित हुआ जब,माथे तिलक लगाई। जीवन भर उसके रक्षा का, उसे दिया है वादा। इतना है ये बड़ा उपहार, क्या दूँ... Hindi · कविता 5 8 404 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 1 Aug 2020 · 1 min read अजब सी चाहत बताओ बात क्या है जो,अभी मुझसे छिपाते हो। मुझे यूँ तंग करके तुम, हमेशा मुस्कुराते हो। तुम्हारे प्यार करने का, अजब ही ये तरीका है- हुआ है प्यार मुझसे ही,... Hindi · मुक्तक 5 4 358 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 29 Jul 2020 · 1 min read प्यार जताओ #भुजंग प्रयात छंद कहाँ जा रहे हो मुझे भी बताओ। मुझे संग ले लो अकेले न जाओ। सदा साथ दोगे, दगा तो न दोगे- तुम्हें प्यार है तो यहाँ भी... Hindi · मुक्तक 6 6 426 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 28 Jul 2020 · 1 min read ईश्वर सत्य है #सार_छंद राम राम भज ले रे प्राणी, जीवन तर जाएगा। प्रभु के श्री चरणों में आकर,दोष सुधर जाएगा। उर आँगन में साँझ सवेरे, झाड़ू रोज लगाना। लालच के कचरे को... Hindi · कविता 2 4 603 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 24 Jul 2020 · 1 min read करोगे क्या हजारों का ज़रा समझा करो मतलब, सनम मेरे इशारों का। निकल जाए नहीं फिर से,कहीं मौसम बहारों का। इधर भी हैं उधर भी हैं , तुम्हारे चाहने वाले- बनाओ एक को हमदम,... Hindi · मुक्तक 2 316 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 22 Jul 2020 · 1 min read प्यार से डर है नहीं प्रतिकार से डर है,नहीं इनकार से डर है। नहीं तकरार से डर है,नहीं ललकार से डर है। कहूँ भी क्या भला मैं अब,मुझे क्या है परेशानी- बहुत जो दर्द... Hindi · मुक्तक 4 8 451 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 18 Jul 2020 · 1 min read ख़ुदा की रहमत दुआ ये आपकी हरदम, हमारे काम आई है। मिली है आप ही से तो,ख़ुशी जो आज छाई है। हुए थे दूर कितने हम, नहीं था संग कोई भी- ख़ुदा की... Hindi · मुक्तक 5 4 391 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 16 Jul 2020 · 1 min read कली खिलती नहीं यारों दवाई इश्क़ की जग में, कहीं मिलती नहीं यारों। बने जो ज़ख्म गर दिल पर,कहीं सिलती नहीं यारों। मुहब्बत की डगर में तो, मिले दुश्वारियाँ लेकिन- बिना भँवरे के बागों... Hindi · मुक्तक 4 2 261 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 14 Jul 2020 · 1 min read इंसान और प्रकृति इंसान को किस बात का गुमान है। हर बात में रखता झूठी शान है। नित्य बदल रहा प्रकृति के नियमों को, क्यों खुद से ही बन चुका भगवान है? खेलेगा... Hindi · कविता 1 6 253 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 12 Jul 2020 · 1 min read सावन के झूले सुपर्वों में भले ही अब, खुशी से हम सभी फूले। नहीं है याद सावन की, ये कजरी गीत भी भूले। बहे पुरवा पवन मद्धम,पड़े रिमझिम फुहारें भी- मगर दिखते नहीं... Hindi · मुक्तक 2 6 503 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 10 Jul 2020 · 1 min read रातें कटती नहीं चेहरे से नज़र तेरे हटती नहीं। चाहतें तुमसे मिलने की घटती नहीं। छोड़कर अब मुझे तुम न जाओ कभी- रातें तेरे बिना यार कटती नहीं। Hindi · मुक्तक 1 270 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 8 Jul 2020 · 1 min read दीदार कर लो तुम बधाई दे रहा हूँ मैं, इसे स्वीकार कर लो तुम। नहीं हूँ तोहफा लाया, मुझे दो-चार कर लो तुम। ठिकाना जिंदगी का क्या, करो दो प्यार की बातें- मिले फ़ुर्सत... Hindi · मुक्तक 1 4 460 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 6 Jul 2020 · 1 min read जय शिव शंकर जय हो शिव शंकर, आये हैं हम तेरे दर। नाम है महाकाल, काल भी माने डर। दुःख - संकट सब, प्रभु लो अब हर। माफ करो हे प्रभु!, गलती हो... Hindi · कविता 4 4 467 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 4 Jul 2020 · 1 min read बेरोजगारों का दर्द न समझे दर्द कोई भी कभी बेरोजगारों का। मिले उनको नहीं यारों, कहीं मौसम बहारों का। व्यथा क्या है सबब क्या है न कोई पूछने आता- रुका है ब्याह भी... Hindi · मुक्तक 4 4 450 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 2 Jul 2020 · 1 min read हैसियत किसी की हैसियत को देख गर तुम प्यार करते हो। मुझे लगता कि जैसे अब, ये तुम व्यापार करते हो। बिना मंजिल की राहों में, भटकते हो किधर बोलो- ये... Hindi · मुक्तक 4 2 223 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 30 Jun 2020 · 1 min read चुनाव होना चाहिए जनता को रोटी नहीं,मिलता न रोजी कहीं, कागजी नौकरी का बहाव होना चाहिए। सब कुछ मिट जाए, देश चाहे लुट जाए, कुर्सी का उनके बचाव होना चाहिए। जीत जाए हर... Hindi · घनाक्षरी 2 2 256 Share Page 1 Next